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नई दिल्ली: राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (18 दिसंबर) को मुंबई में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में दावा किया कि अगर भारत चीन या अमेरिका जैसा बनने की कोशिश करेगा तो यह उसका विकास नहीं होगा. भागवत के अनुसार भारत का विकास उसकी दूरदर्शिता, उसके लोगों की परिस्थितियों और आकांक्षाओं, परंपरा और संस्कृति पर आधारित होगा और देश को अपने मूल सिद्धांतों पर टिके रहने की जरूरत है।
भागवत ने कहा, “भारत का विकास उसकी दृष्टि, उसके लोगों की स्थितियों और आकांक्षाओं, परंपरा और संस्कृति, दुनिया और जीवन के बारे में विचारों के आधार पर होगा।”
भागवत के मुताबिक अगर भारत को दुनिया से सीखने की जरूरत है तो देश सीखेगा जरूर, लेकिन अपने मूल सिद्धांतों और विचारों पर कायम रहेगा।
धर्म के बारे में बात करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा, “जो धर्म मनुष्य को समृद्ध और सुखी बनाता है लेकिन प्रकृति को नष्ट करता है वह धर्म नहीं है। यदि भारत अमेरिका और चीन को देखकर उसी का पालन करता है, तो यह भारत का विकास नहीं है। विकास होगा।” लेकिन भारत चीन और अमेरिका जैसा बन जाएगा।”
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