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चेन्नई, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अदालतों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल से आम लोगों को अपनी-अपनी भाषाओं में न्याय हासिल करने में मदद मिलेगी। वह चेन्नई में तमिलनाडु डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह देश में एक भाषा को थोपने के खिलाफ थे और कहा कि तमिलनाडु में मद्रास उच्च न्यायालय के साथ-साथ जिला और अधीनस्थ अदालतों में तमिल को केंद्र में रखना सभी को गौरवान्वित करेगा।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों और मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से बात की थी। रिजिजू ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी स्थानीय भाषाओं में कानूनी शब्दावली एकत्र करने और उन्हें जनता के लिए उपलब्ध कराने की पहल की है। उन्होंने कहा कि क्राउडसोर्स करने और क्षेत्रीय भाषाओं में कानूनी शब्दावलियों को इकट्ठा करने और उन्हें डिजिटल बनाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अदालत में कानूनी कार्यवाही का तत्काल अनुवाद प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ उपलब्ध कराया जा सकता है और इससे वादी और पीड़ितों को यह समझने में मदद मिलेगी कि अदालत में क्या चल रहा है।
मंत्री ने कहा कि अदालतों में मामलों का लंबित रहना गंभीर चिंता का विषय है और वर्तमान में भारतीय अदालतों में 5 करोड़ मामले लंबित हैं।
(उपरोक्त लेख समाचार एजेंसी आईएएनएस से लिया गया है। Zeenews.com ने लेख में कोई संपादकीय परिवर्तन नहीं किया है। समाचार एजेंसी आईएएनएस लेख की सामग्री के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है)
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