अधिकारियों ने नहीं दी रिपोर्ट, सीडीओ ने भेजा रिमाइंडर

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उन्नाव। पुरवा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में हुई 24.19 लाख की गड़बड़ी के मामले में जांच के लिए गठित टीमों ने 20 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं दी है। इस पर सीडीओ ने टीमों को रिमाइंडर भेजा है।
पुरवा के गांव पुरैनीखेड़ा मजरा बनिगांव की सौम्या यादव व अचलखेड़ा की आरती ने सीडीओ को शिकायती पत्र दिया था। इसमें ब्लाक मिशन मैनेजर (बीएमएम) व अन्य कर्मचारियों पर एनआरएलएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।
सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाकर इसमें जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता, बीएसए के वित्त एवं लेखाधिकारी व बैंक आफ इंडिया के अग्रणी जिला प्रबंधक को शामिल किया था। तीनों अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान लेने के साथ ही अभिलेखीय जांच की तो 24.19 लाख का गड़बड़झाला सामने आया।
पता चला था कि उमंग महिला स्वयं सहायता समूह के खाते में 1.10 लाख व विल्लेश्वर बाबा समूह के खाते में इतनी ही धनराशि भेजी जानी थी लेकिन इसे पुरवा आर्यावर्त बैंक में संचालित निजी खाते में भेज दिया गया। इसी प्रकार अन्य समूहों के नाम से जारी धनराशि को निजी खातों में ट्रांसफर करा लिया गया था। सीडीओ ने छह जून को अन्य ब्लाकों में भी जांच टीम गठित कर दी थी। टीम में ब्लाक के नोडल अधिकारी, बीडीओ, एडीओ (आईएसबी)/पंचायत और लेखाकार को रखा गया था। सभी 15 ब्लाकों में जांच करके 10 दिन में रिपोर्ट देनी थी लेकिन 20 दिन बाद भी टीमों ने जांच रिपोर्ट नहीं दी। इस पर सीडीओ ने सख्ती दिखाई है।
समयावधि बीतने के बाद भी रिपोर्ट न देने पर टीमों को रिमाइंडर भेजा गया है। निर्देश दिए गए हैं कि एनआरएलएम की सघन जांच करके फोटोग्राफ सहित आख्या उपलब्ध कराएं। अब तक आख्या उपलब्ध न कराने का कारण भी बताने के लिए कहा है। – दिव्यांशु पटेल, सीडीओ।

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उन्नाव। पुरवा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में हुई 24.19 लाख की गड़बड़ी के मामले में जांच के लिए गठित टीमों ने 20 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं दी है। इस पर सीडीओ ने टीमों को रिमाइंडर भेजा है।

पुरवा के गांव पुरैनीखेड़ा मजरा बनिगांव की सौम्या यादव व अचलखेड़ा की आरती ने सीडीओ को शिकायती पत्र दिया था। इसमें ब्लाक मिशन मैनेजर (बीएमएम) व अन्य कर्मचारियों पर एनआरएलएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।

सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाकर इसमें जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता, बीएसए के वित्त एवं लेखाधिकारी व बैंक आफ इंडिया के अग्रणी जिला प्रबंधक को शामिल किया था। तीनों अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान लेने के साथ ही अभिलेखीय जांच की तो 24.19 लाख का गड़बड़झाला सामने आया।

पता चला था कि उमंग महिला स्वयं सहायता समूह के खाते में 1.10 लाख व विल्लेश्वर बाबा समूह के खाते में इतनी ही धनराशि भेजी जानी थी लेकिन इसे पुरवा आर्यावर्त बैंक में संचालित निजी खाते में भेज दिया गया। इसी प्रकार अन्य समूहों के नाम से जारी धनराशि को निजी खातों में ट्रांसफर करा लिया गया था। सीडीओ ने छह जून को अन्य ब्लाकों में भी जांच टीम गठित कर दी थी। टीम में ब्लाक के नोडल अधिकारी, बीडीओ, एडीओ (आईएसबी)/पंचायत और लेखाकार को रखा गया था। सभी 15 ब्लाकों में जांच करके 10 दिन में रिपोर्ट देनी थी लेकिन 20 दिन बाद भी टीमों ने जांच रिपोर्ट नहीं दी। इस पर सीडीओ ने सख्ती दिखाई है।

समयावधि बीतने के बाद भी रिपोर्ट न देने पर टीमों को रिमाइंडर भेजा गया है। निर्देश दिए गए हैं कि एनआरएलएम की सघन जांच करके फोटोग्राफ सहित आख्या उपलब्ध कराएं। अब तक आख्या उपलब्ध न कराने का कारण भी बताने के लिए कहा है। – दिव्यांशु पटेल, सीडीओ।

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