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बांगरमऊ। अधिवक्ता से अभद्रता करने वाली महिला के दो पुत्रों को एसडीएम पर छुड़वाने का आरोप लगा वकीलों ने न्यायालयों का बहिष्कार किया। साथ ही एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व परिषद, बार काउंसिल और डीएम को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की।
18 जून को बार एसोसिएशन सफीपुर के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णकांत कनौजिया बांगरमऊ तहसीलदार न्यायालय में मुकदमे संबंधी कार्य कर रहे थे। तभी एक महिला आई और मुकदमे को लेकर अधिवक्ता पर अनर्गल आरोप लगाने लगी। अधिवक्ता ने विरोध किया तो महिला आग बबूला होकर न्यायालय के बाहर उनसे अभद्रता और मारपीट पर आमादा हो गई।
तहसीलदार और वहां मौजूद गार्डों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। महिला की सूचना पर उसके दो पुत्र कई साथियों के साथ तहसील आ पहुंचे और अधिवक्ता से मारपीट पर आमादा हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पुत्रों को हिरासत में लेकर थाने ले गई। अन्य साथी भाग गए।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि एसडीएम अंकित शुक्ला ने थाने पहुंचकर हिरासत में लिए दोनों युवकों को छुड़वा दिया। इससे अधिवक्ता समाज को शर्मिंदा होना पड़ा। बांगरमऊ बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेंद्रनाथ बाजपेई, मंत्री रमेश द्विवेदी, अधिवक्ता एसोसिएशन अध्यक्ष सत्यपाल वर्मा, सत्यनारायण कनौजिया, अशोक सेठ, विष्णुकांत मिश्रा, अनिल वर्मा, सुभाष शुक्ला भी मौजूद रहे। उधर, एसडीएम ने युवकों को छुड़वाने के आरोप को निराधार बताया। कहा कि घटना वाले दिन दोनों पक्षों को कोतवाली में समझा बुझाकर शांत करा दिया गया था।
बांगरमऊ। अधिवक्ता से अभद्रता करने वाली महिला के दो पुत्रों को एसडीएम पर छुड़वाने का आरोप लगा वकीलों ने न्यायालयों का बहिष्कार किया। साथ ही एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व परिषद, बार काउंसिल और डीएम को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की।
18 जून को बार एसोसिएशन सफीपुर के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णकांत कनौजिया बांगरमऊ तहसीलदार न्यायालय में मुकदमे संबंधी कार्य कर रहे थे। तभी एक महिला आई और मुकदमे को लेकर अधिवक्ता पर अनर्गल आरोप लगाने लगी। अधिवक्ता ने विरोध किया तो महिला आग बबूला होकर न्यायालय के बाहर उनसे अभद्रता और मारपीट पर आमादा हो गई।
तहसीलदार और वहां मौजूद गार्डों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। महिला की सूचना पर उसके दो पुत्र कई साथियों के साथ तहसील आ पहुंचे और अधिवक्ता से मारपीट पर आमादा हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पुत्रों को हिरासत में लेकर थाने ले गई। अन्य साथी भाग गए।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि एसडीएम अंकित शुक्ला ने थाने पहुंचकर हिरासत में लिए दोनों युवकों को छुड़वा दिया। इससे अधिवक्ता समाज को शर्मिंदा होना पड़ा। बांगरमऊ बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेंद्रनाथ बाजपेई, मंत्री रमेश द्विवेदी, अधिवक्ता एसोसिएशन अध्यक्ष सत्यपाल वर्मा, सत्यनारायण कनौजिया, अशोक सेठ, विष्णुकांत मिश्रा, अनिल वर्मा, सुभाष शुक्ला भी मौजूद रहे। उधर, एसडीएम ने युवकों को छुड़वाने के आरोप को निराधार बताया। कहा कि घटना वाले दिन दोनों पक्षों को कोतवाली में समझा बुझाकर शांत करा दिया गया था।
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