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हसनगंज। तहसीलदार की न्यायालय में हद बरारी, वरासत, नाम संशोधन सहित अन्य राजस्व मामलों को लेकर की गई शिकायत की जांच करने अपर आयुक्त प्रशासन लखनऊ पहुंचे। उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय तक तहसील में जांच-पड़ताल की। तहसीलदार की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई के लिए मंडलायुक्त को रिपोर्ट देने की बात कही।
पांच नवंबर को हसनगंज तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में मंडलायुक्त रोशन जैकब पहुंची थीं। अधिवक्ता मुनेश्वर रावत ने तहसीलदार की न्यायालय में हद बरारी, वरासत, नाम संशोधन असंक्रमणीय से संक्रमणीय सहित अन्य राजस्व मामले लंबे समय से डंप होने का शिकायतीपत्र दिया था। डीएम ने मंडलायुक्त से जांच कराने की बात कही थी।
बुधवार सुबह 10 बजे अपर आयुक्त प्रशासन लखनऊ रणविजय यादव तहसील पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट में लंबित पत्रावलियों को देखा। सबसे खराब स्थिति तहसीलदार न्यायालय में मिली। तहसीलदार जितेंद्र कुमार से नाराजगी जताते हुए निर्देशित किया कि खतौनी में बहुत से खाताधारकों के नाम में संशोधन के मामले लंबित हैं। जिनको हर गांव में शिविर लगवाकर सही कराएं। जो दाखिल खारिज के मुकदमे न्यायालय में अविवादित लंबित हैं उनको तुरंत निस्तारित करें।
असंक्रमणीय से संक्रमणीय मामलों में तुरंत लेखपालों से रिपोर्ट लगवाकर निस्तारित करने के निर्देश दिए। अपर आयुक्त ने बताया कि
जांच में काफी गड़बड़ी मिली है। कई फाइल तो पांच वर्ष से भी अधिक समय से लंबित मिली हैं। जिसके लिए तहसीलदार पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर मंडलायुक्त को भेजी जाएगी।
हसनगंज। तहसीलदार की न्यायालय में हद बरारी, वरासत, नाम संशोधन सहित अन्य राजस्व मामलों को लेकर की गई शिकायत की जांच करने अपर आयुक्त प्रशासन लखनऊ पहुंचे। उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय तक तहसील में जांच-पड़ताल की। तहसीलदार की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई के लिए मंडलायुक्त को रिपोर्ट देने की बात कही।
पांच नवंबर को हसनगंज तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में मंडलायुक्त रोशन जैकब पहुंची थीं। अधिवक्ता मुनेश्वर रावत ने तहसीलदार की न्यायालय में हद बरारी, वरासत, नाम संशोधन असंक्रमणीय से संक्रमणीय सहित अन्य राजस्व मामले लंबे समय से डंप होने का शिकायतीपत्र दिया था। डीएम ने मंडलायुक्त से जांच कराने की बात कही थी।
बुधवार सुबह 10 बजे अपर आयुक्त प्रशासन लखनऊ रणविजय यादव तहसील पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट में लंबित पत्रावलियों को देखा। सबसे खराब स्थिति तहसीलदार न्यायालय में मिली। तहसीलदार जितेंद्र कुमार से नाराजगी जताते हुए निर्देशित किया कि खतौनी में बहुत से खाताधारकों के नाम में संशोधन के मामले लंबित हैं। जिनको हर गांव में शिविर लगवाकर सही कराएं। जो दाखिल खारिज के मुकदमे न्यायालय में अविवादित लंबित हैं उनको तुरंत निस्तारित करें।
असंक्रमणीय से संक्रमणीय मामलों में तुरंत लेखपालों से रिपोर्ट लगवाकर निस्तारित करने के निर्देश दिए। अपर आयुक्त ने बताया कि
जांच में काफी गड़बड़ी मिली है। कई फाइल तो पांच वर्ष से भी अधिक समय से लंबित मिली हैं। जिसके लिए तहसीलदार पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर मंडलायुक्त को भेजी जाएगी।
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