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उन्नाव। अब घाटों पर प्रतिदिन मां गंगा की आरती होगी। शासन ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं। प्रशासन आरती कराने की तैयारियों में जुट गया है। घाटों का भी उद्धार किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने उन गांवों में गंगा आरती कराने का निर्णय लिया है जो भागीरथी के तट पर बसे हैं। 14 मई 2022 को नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की थी। इसमें जिला गंगा समिति का गठन किया गया था। विभाग के यूनिट हेड मिथिलेश कुमार मिश्रा ने समिति का नोडल मुख्य विकास अधिकारी और सचिव डीएफओ को बनाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल डैशबोर्ड गंगा डिस्ट्रिक्ट परफार्मेंस मॉनीटरिंग सिस्टम (जीडीपीएफएमएस) पर की जाने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी भेजी जाएगी। जीडीपीएफएमएस के तहत प्रशिक्षण व गंगा समिति की बैठक माह के प्रत्येक दूसरे शुक्रवार को की जाएगी। गंगा तटों पर व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए घाट भी बनवाए जाएंगे। सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने बताया कि गंगा किनारे के गांवों की सूची तैयार कराई जा रही है। गंगा आरती के समय, स्थान व अन्य व्यवस्था निर्धारित कराने की कवायद की जा रही है। व्यवस्था कराकर अगले 10 दिन में गंगा आरती शुरू करा दी जाएगी।
ये हैं तटवर्ती ग्राम पंचायतें
बीघापुर ब्लाक की लालखेड़ा, बांगरमऊ ब्लाक की जगतनगर, फरीदपुर कट्टर, मेलाआलमशाह व कटरीगदनपुर आहार, सिकंदरपुर कर्ण की विभौरा चंदनपुर, दुधौड़ा सरवागर, रजवाखेड़ा, खुटहा नौगवां, बदियाखेड़ा, कटरी अलुहापुर सरेसा, बैदरा व निबई गैर एहतमाली ग्राम पंचायत। सिकंदरपुर सरोसी की कनिकामऊ, बसधना, शंकरपुर सराय, मिर्जापुर, कटरी मरौंदा मझवारा, सन्नी, नेतुआ ग्रामीण, रौतापुर व खैरहा एहतमाली, सुमेरपुर की सेढ़ूपुर, दूलीखेड़ा, बक्सर व संग्रामपुर, सफीपुर ब्लाक की सफीपुर, फतेहपुर चौरासी की जैतपुर, रुस्तमपुर, गड़ाई व जाजामऊ एहतमाली, गंजमुरादाबाद की बेहटा कच्छ, सिरधरपुर एहतमाली व भिखारीपुर पतसिया पंचायत।
बुद्ध पूर्णिमा पर किया गंगा स्नान, दिया दान
परियर। बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को गंगा तट पर श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान किया। हवन पूजन करने के बाद दान दक्षिणा दी।
रविवार शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जानकीकुंड आश्रम, बलखंडेश्वर मंदिर परिसर पहुंच गई। सोमवार सुबह हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। बलखंडेश्वर, जानकीकुंड, भीमेश्वर व जंगलेश्वर मंदिरों में जलाभिषेक किया। बक्सर घाट पर भी यही नजारा रहा। (संवाद)
उन्नाव। अब घाटों पर प्रतिदिन मां गंगा की आरती होगी। शासन ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं। प्रशासन आरती कराने की तैयारियों में जुट गया है। घाटों का भी उद्धार किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने उन गांवों में गंगा आरती कराने का निर्णय लिया है जो भागीरथी के तट पर बसे हैं। 14 मई 2022 को नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की थी। इसमें जिला गंगा समिति का गठन किया गया था। विभाग के यूनिट हेड मिथिलेश कुमार मिश्रा ने समिति का नोडल मुख्य विकास अधिकारी और सचिव डीएफओ को बनाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल डैशबोर्ड गंगा डिस्ट्रिक्ट परफार्मेंस मॉनीटरिंग सिस्टम (जीडीपीएफएमएस) पर की जाने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी भेजी जाएगी। जीडीपीएफएमएस के तहत प्रशिक्षण व गंगा समिति की बैठक माह के प्रत्येक दूसरे शुक्रवार को की जाएगी। गंगा तटों पर व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए घाट भी बनवाए जाएंगे। सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने बताया कि गंगा किनारे के गांवों की सूची तैयार कराई जा रही है। गंगा आरती के समय, स्थान व अन्य व्यवस्था निर्धारित कराने की कवायद की जा रही है। व्यवस्था कराकर अगले 10 दिन में गंगा आरती शुरू करा दी जाएगी।
ये हैं तटवर्ती ग्राम पंचायतें
बीघापुर ब्लाक की लालखेड़ा, बांगरमऊ ब्लाक की जगतनगर, फरीदपुर कट्टर, मेलाआलमशाह व कटरीगदनपुर आहार, सिकंदरपुर कर्ण की विभौरा चंदनपुर, दुधौड़ा सरवागर, रजवाखेड़ा, खुटहा नौगवां, बदियाखेड़ा, कटरी अलुहापुर सरेसा, बैदरा व निबई गैर एहतमाली ग्राम पंचायत। सिकंदरपुर सरोसी की कनिकामऊ, बसधना, शंकरपुर सराय, मिर्जापुर, कटरी मरौंदा मझवारा, सन्नी, नेतुआ ग्रामीण, रौतापुर व खैरहा एहतमाली, सुमेरपुर की सेढ़ूपुर, दूलीखेड़ा, बक्सर व संग्रामपुर, सफीपुर ब्लाक की सफीपुर, फतेहपुर चौरासी की जैतपुर, रुस्तमपुर, गड़ाई व जाजामऊ एहतमाली, गंजमुरादाबाद की बेहटा कच्छ, सिरधरपुर एहतमाली व भिखारीपुर पतसिया पंचायत।
बुद्ध पूर्णिमा पर किया गंगा स्नान, दिया दान
परियर। बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को गंगा तट पर श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान किया। हवन पूजन करने के बाद दान दक्षिणा दी।
रविवार शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जानकीकुंड आश्रम, बलखंडेश्वर मंदिर परिसर पहुंच गई। सोमवार सुबह हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। बलखंडेश्वर, जानकीकुंड, भीमेश्वर व जंगलेश्वर मंदिरों में जलाभिषेक किया। बक्सर घाट पर भी यही नजारा रहा। (संवाद)
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