अमर उजाला अभियान: चींटी सी काटी…लग गया टीका, तुम भी लगवा लो, बच्चे अपने दोस्तों को भी कर रहे प्रेरित

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सार

आगरा जिले में 12 से 14 साल तक के 18 हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण होना है। शुक्रवार तक करीब 1900 बच्चों को टीका लग चुका है। टीकाकरण को लेकर बच्चों में भी उत्साह देखा जा रहा है। 

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समय करीब सुबह 11:50 का था। एसएन मेडिकल कॉलेज के गेस्ट हाउस के गेट पर बालिका फोन से बात करती मिली। कह रही थी, मैंने तो टीका लगवा लिया है। कोई दर्द भी नहीं हुआ, बस चींटी सी काटी थी। तुम भी टीका लगवा लो, कोरोना से बचने के लिए ये जरूरी है। बातचीत खत्म होने के बाद पूछने पर बच्ची ने अपना नाम प्रज्ञा शर्मा बताया। कहा कि टीका लगवाने से पहले कुछ डर लग रहा था, लेकिन पापा और डॉक्टर साहब की काउंसिलिंग से डर भाग गया। अब अपने दोस्तों को भी फोन कर टीकाकरण के लिए कह रही हूं। 

ऐसे ही 12-14 साल के उत्साही बच्चे अपने मम्मी-पापा और अन्य परिजनों के साथ बूथों पर जाकर कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवा रहे हैं। 12-14 साल तक के बच्चों का 16 मार्च से टीकाकरण शुरू हुआ। इस आयु वर्ग के 1.87 लाख बच्चों को टीका लगना है। इसके लिए 52 केंद्र बनाए गए हैं। 34 केंद्र शहर में और देहात में 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था की गई है। कार्य दिवस के छह दिनों में ताजनगरी में 1922 बच्चों ने सुरक्षा कवच अपनाया है।

पंजीकरण की बाध्यता की खत्म

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि टीके के लिए पूर्व में ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म कर दी है। बच्चे अंकतालिका, राशन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल का परिचय पत्र लेकर बूथों पर जाएं। मौके पर ही पंजीकरण कराते हुए टीकाकरण कराया जा रहा है। 

स्कूलों में लगाए जाएंगे शिविर

जिला टीकाकरण प्रभारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि अभी स्कूलों में परीक्षाएं संचालित हैं। कुछ स्कूलों में आंतरिक परीक्षाएं होने के कारण छुुट्टियां चल रही हैं। परीक्षा संपन्न होने और स्कूल खुलने पर शिविर लगाए जाएंगे। स्कूल संचालक इसके लिए सीएमओ कार्यालय में संपर्क भी कर सकते हैं।  

बच्चों की कर रहे हैं काउंसिलिंग 

एसएन मेडिकल कॉलेज के टीकाकरण प्रभारी डॉ. शैलेंद्र चौधरी ने कहा कि अधिकांश बच्चे टीके के प्रति उत्साहित रहते हैं। पंजीकरण कराया और टीका लगवाया। रोजाना 10 से 12 बच्चे टीका लगवाने से झिझकते भी हैं। इनकी काउंसिलिंग करते हैं, अन्य बच्चे को टीका लगवाते देखकर इनका डर भी निकल जाता है।

बारी आई तो मैंने लगवा ली वैक्सीन

फुलट्टी बाजार निवासी 13 साल के क्षितिज गुप्ता ने बताया कि मेरे घर में सभी ने टीका लगवा लिया है। जब मेरी बारी आई तो मैंने भी टीका लगवाने बूथ पर आया और वैक्सीन लगवा ली। अब अपने दोस्तों को भी टीका लगवाने के लिए कह रहा हूं।  

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दूसरी डोज लगवाने का है इंतजार

छीपीटोला के मौहक जैन ने बताया कि पहले दिन ही टीका लगवाया था। अब दूसरी डोज 28 दिन बाद लगेगी। इसका इंतजार है। दोनों डोज लगवाने के बाद मैं सुरक्षित हो जाऊंगा। फिर भी मास्क पहनने में कोई कोताही नहीं बरत रहा।

टीका लगने का पता ही नहीं चला

संजय प्लेस निवासी 12 साल की प्रज्ञा शर्मा बोलीं कि पापा के साथ टीका लगवाने आई थी। सुई से डर लग रहा था। डॉक्टर साहब बोले कि बेटा टीका कब लगेगा पता ही नहीं चलेगा, ऐसा ही हुआ। चींटी सी काटी और कब टीका लगा पता ही नहीं चला।

बच्चों का अब तक टीकाकरण

  • 16 मार्च: 19 बच्चे
  • 21 मार्च: 588 बच्चे
  • 22 मार्च 397 बच्चे
  • 23 मार्च: 527 बच्चे
  • 24 मार्च: 206 बच्चे
  • 25 मार्च: 185 बच्चे

आंकड़ों पर नजर

  • 187179 : बच्चों को लगेगा टीका
  • 52 : केंद्र बनाए टीकाकरण को 
  • 1922 : बच्चों को अब तक लग चुका टीका

विस्तार

समय करीब सुबह 11:50 का था। एसएन मेडिकल कॉलेज के गेस्ट हाउस के गेट पर बालिका फोन से बात करती मिली। कह रही थी, मैंने तो टीका लगवा लिया है। कोई दर्द भी नहीं हुआ, बस चींटी सी काटी थी। तुम भी टीका लगवा लो, कोरोना से बचने के लिए ये जरूरी है। बातचीत खत्म होने के बाद पूछने पर बच्ची ने अपना नाम प्रज्ञा शर्मा बताया। कहा कि टीका लगवाने से पहले कुछ डर लग रहा था, लेकिन पापा और डॉक्टर साहब की काउंसिलिंग से डर भाग गया। अब अपने दोस्तों को भी फोन कर टीकाकरण के लिए कह रही हूं। 

ऐसे ही 12-14 साल के उत्साही बच्चे अपने मम्मी-पापा और अन्य परिजनों के साथ बूथों पर जाकर कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवा रहे हैं। 12-14 साल तक के बच्चों का 16 मार्च से टीकाकरण शुरू हुआ। इस आयु वर्ग के 1.87 लाख बच्चों को टीका लगना है। इसके लिए 52 केंद्र बनाए गए हैं। 34 केंद्र शहर में और देहात में 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था की गई है। कार्य दिवस के छह दिनों में ताजनगरी में 1922 बच्चों ने सुरक्षा कवच अपनाया है।

पंजीकरण की बाध्यता की खत्म

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि टीके के लिए पूर्व में ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म कर दी है। बच्चे अंकतालिका, राशन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल का परिचय पत्र लेकर बूथों पर जाएं। मौके पर ही पंजीकरण कराते हुए टीकाकरण कराया जा रहा है। 

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