अमर उजाला अभियान शिक्षा: घर पर अच्छे से नहीं हो पाई पढ़ाई, स्कूल पहुंचते ही नई ऊर्जा आई

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सार

ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने पर स्कूल पहुंचते ही विद्यार्थियों में नई ऊर्जा आ गई। शिक्षकों ने विद्यार्थियों की मनोदशा को समझते हुए व्यवहार किया। उनकी काउंसिलिंग की। पाठ्यक्रम में जहां भी समस्या थी, उसका समाधान किया। 

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कोरोना महामारी में विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास लगाई लेकिन घर पर रहकर विद्यार्थियों की अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाई। मोबाइल नेटवर्क ठीक न होने, शिक्षकों के साथ अच्छे से संवाद न हो पाने, शारीरिक गतिविधियां बंद होने से विद्यार्थी परेशान हुए। इसका असर उनके व्यवहार में दिखने लगा। तनावग्रस्त होने लगे। ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने पर स्कूल पहुंचते ही विद्यार्थियों में नई ऊर्जा आ गई।
 
आगरा में शुक्रवार को ऑल सेंट्स स्कूल, शमसाबाद रोड में कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षाएं चल रही थीं। करीब 700 विद्यार्थी उपस्थित थे। कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा होनी है। विद्यार्थी अब परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। कुछ विद्यार्थी विद्यालय अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए पहुंच रहे हैं। पढ़ाने के साथ विद्यार्थियों की काउंसिलिंग कराई जा रही है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान जो भी परेशानी झेली, उससे बाहर आ सकें। 

 स्कूल खुलने से राहत मिल गई 

ऑल सेंट्स स्कूल की 12वीं की छात्रा माही चतुर्वेदी ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने पर पहले चुनौती स्मार्टफोन लेने की रही। जैसे-तैसे व्यवस्था की गई तो नेटवर्क की वजह से पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। स्कूल खुलने से बड़ी राहत मिली। अब सब अच्छा चल रहा है। 

सहपाठियों का साथ अच्छा लगा 

12वीं के छात्र सौरभ सिंह ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान शिक्षकों से सही से संवाद न हो पाने, सहपाठियों से दूरी और शारीरिक गतिविधियां बंद होने से मानसिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। अब सहपाठियों का साथ अच्छा लग रहा। 

स्वास्थ्य पर पड़ रहा था असर

12वीं के छात्र अभिषेक बघेल ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा था। आंख में दर्द होने लगा था। नेटवर्क की वजह से कक्षा ठीक से न चलने से झुंझलाहट हो रही थी। स्कूल खुलने से तमाम परेशानियों से छुटकारा मिल गया। 

मेरी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी 

10वीं की छात्रा मान्या ने कहा कि मैं ग्रामीण क्षेत्र से हूं, मोबाइल नेटवर्क ठीक न होने से ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। स्कूल खुलने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई में जो पाठ्यक्रम समझ में नहीं आया था, उसे शिक्षकों ने अच्छे से समझाया। 

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व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का अवसर

ऑल सेंट्स स्कूल के प्राधानाचार्य योगेश उपाध्याय ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से उपजी परिस्थितियों से स्कूल की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने का अवसर मिला। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल ऑनलाइन शिक्षण में बढ़ा। पढ़ाई प्रभावित जरूर हुई, स्कूल खुलने पर उसकी भरपाई की जा रही है। शिक्षकों ने पढ़ाने के साथ काउंसलर की भूमिका भी निभाई। चीजें पटरी पर आ रही हैं। 

ऑफलाइन पढ़ाई से उत्साहित हैं विद्यार्थी 

जॉन मिल्टन पब्लिक स्कूल के निदेशक मोहित बंसल ने कहा कि स्कूल खुले तो विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान की तमाम समस्याएं लेकर आए। विभिन्न कारणों से पढ़ाई प्रभावित रही। विद्यार्थियों का मनोबल भी गिरा था। सभी की अच्छे से काउंसिलिंग की गई। प्रत्येक विद्यार्थी से पूछकर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया। अब विद्यार्थी उत्साहित हैं। 

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कोरोना महामारी में विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास लगाई लेकिन घर पर रहकर विद्यार्थियों की अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाई। मोबाइल नेटवर्क ठीक न होने, शिक्षकों के साथ अच्छे से संवाद न हो पाने, शारीरिक गतिविधियां बंद होने से विद्यार्थी परेशान हुए। इसका असर उनके व्यवहार में दिखने लगा। तनावग्रस्त होने लगे। ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने पर स्कूल पहुंचते ही विद्यार्थियों में नई ऊर्जा आ गई।

 

आगरा में शुक्रवार को ऑल सेंट्स स्कूल, शमसाबाद रोड में कक्षा एक से 12वीं तक की कक्षाएं चल रही थीं। करीब 700 विद्यार्थी उपस्थित थे। कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा होनी है। विद्यार्थी अब परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। कुछ विद्यार्थी विद्यालय अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए पहुंच रहे हैं। पढ़ाने के साथ विद्यार्थियों की काउंसिलिंग कराई जा रही है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान जो भी परेशानी झेली, उससे बाहर आ सकें। 

 स्कूल खुलने से राहत मिल गई 

ऑल सेंट्स स्कूल की 12वीं की छात्रा माही चतुर्वेदी ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने पर पहले चुनौती स्मार्टफोन लेने की रही। जैसे-तैसे व्यवस्था की गई तो नेटवर्क की वजह से पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। स्कूल खुलने से बड़ी राहत मिली। अब सब अच्छा चल रहा है। 

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