अमर उजाला स्थापना दिवस विशेष: 21वीं सदी के साथ ताजनगरी की कदमताल, नया आकार ले रहा आगरा

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ताजनगरी बदल रही है। पांच सौ साल के मुगलिया दौर की विरासतों के साथ अब 21वीं सदी के साथ कदमताल कर रही है। मेट्रो, इनर रिंग रोड, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, स्मार्ट सिटी से शहर में विकास को नई रफ्तार मिली है, वहीं नए गैर प्रदूषणकारी उद्योग धंधों के पनपने की आस जागी है। इस कदमताल का साक्षी बना है ‘अमर उजाला’ । आजादी मिलने के महज आठ महीने बाद आगरा से 18 अप्रैल, 1948 को अमर उजाला ने नई सुबह की शुरुआत की। जैसे-जैसे दशक दर दशक अमर उजाला तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता गया, वैसे-वैसे ताजनगरी की तस्वीर भी बदलती चली गई। आज अमर उजाला 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। यह महोत्सव अमर उजाला के पाठकों के विश्वास का है…. 

दो साल में शुरू हो जाएगा मेट्रो से सफर

लखनऊ और कानपुर के बाद आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा शहर है जहां मेट्रो का सपना साकार हो रहा है। 8300 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू हुए सवा साल हो गए। सब कुछ ठीक रहा तो 2024 तक दो साल में मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। छह स्टेशन के बीच मेट्रो ट्रायल के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ताकत झोंक रखी है। 

आगरा मेट्रो के तीन स्टेशन 80 फीसदी तैयार हो चुके हैं, जबकि तीन भूमिगत स्टेशन पर अप्रैल के अंत तक काम शुरू हो जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट में 29 किमी. लंबे दो कॉरिडोर बनेंगे। 27 स्टेशन होंगे। मेट्रो की डिजायन से लेकर स्टेशन की बिल्डिंग व अन्य कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का कहना है कि जिस तरह हमने लखनऊ और कानपुर में तय समय से पहले मेट्रो का संचालन किया है, उसी तरह आगरा में भी तय समय से पहले ही मेट्रो का सफर शुरू हो जाएगा।

आगरा मेट्रो के आंकड़े 

273 करोड़ रुपये से तीन एलिवेटिड मेट्रो स्टेशन निर्माणाधीन हैं।

112  करोड़ रुपये से पहले मेट्रो डिपो में 70 फीसदी सिविल कार्य हो चुके हैं।

1820 करोड़ रुपये से सात भूमिगत मेट्रो स्टेशन का निर्माण शुरू होना है।

453 करोड़ रुपये से मेट्रो ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य शुरू हो चुका है।

सड़कों पर जाम से मिलेगी निजात

ताजनगरी में सड़कें चौड़ी नहीं हो सकीं, जबकि वाहनों की भीड़ हर साल बढ़ रही है। ऐसे में आगरा में त्वरित गति के यातायात व्यवस्था की संभावनाएं 2015 में तलाशी गई। 2020 में मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सका। आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के निदेशक अरविंद राय का कहना है कि मेट्रो शुरू होने से आगरा को जाम से निजात मिल जाएगी। शहर के चारों कोनों तक मेट्रो चलेगी। जिसके बाद निजी वाहनों का सड़कों पर दबाव घटेगा। मेट्रो ने हर साल सात लाख यात्रियों की क्षमता तय की है। 

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335 किमी का सफर 3 घंटे में 

आगरा से लखनऊ तक 335 किमी. का सफर तीन घंटे में तय हो रहा है। 2017 में बना आगरा लखनऊ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे ने आगरा के ताजगंज को लखनऊ के हजरतगंज से जोड़ा है। इस एक्सप्रेसवे से जहां एक तरफ विकास व उद्योग धंधों को नई उड़ान मिली, वहीं आगरा से लखनऊ तक का फासला भी घट गया है। करीब 17 हजार करोड़ रुपये से बना यह एक्सप्रेसवे रफ्तार और रोमांच के नए सफर का अनुभव कराता है। 

ढाई घंटे में पहुंचें आगरा से परी चौक

आगरा यमुना एक्सप्रेसवे बनने से आगरा के लिए दिल्ली दूर नहीं रही। 250 किमी. का सफर ढाई घंटे में तय होता है। आगरा से परी चौक (नोएडा) तक छह लेन के इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत 2012 में हुई थी। जिसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे शहर की तरक्की का प्रतीक बन गया। एक्सप्रेसवे किनारे मथुरा से लेकर नोएडा तक तमाम नई परियोजनाएं आकार ले रही हैं। जेवर एयरपोर्ट, मोटर स्पोर्ट्स स्टेडियम के अलावा मेगा टाउनशिप से बदलते आगरा की नई तस्वीर दिखाई देती है। 

इनर रिंग रोड : माल वाहकों के लिए समय व धन की बचत

एक तरफ शहर में यातायात को नियंत्रित करने के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, दूसरी तरफ भारी वाहनों को शहर में होकर गंतव्य तक नहीं जाना पड़े इसके लिए इनर रिंग रोड आकार ले रहा है। दिल्ली-आगरा हाइवे पर रैपुरा जाट से कीठम, मुहअर होते हुए मलपुरा के रास्ते इनर रिंग रोड को ग्वालियर हाईवे से जोड़ा गया है। इसे और आगे बढ़ाते हुए फतेहाबाद रोड से लिंक कर राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में भी 80% काम हो चुका है। बाकी बचे काम को लेकर भी टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है। इनर रिंग रोड बनने से जहां माल वाहकों के लिए समय और धन की बचत होगी, वहीं शहर में भारी वाहनों के दबाब से मुक्ति मिलेगी।

बुलेट ट्रेन की सौगात का इंतजार

यमुना किनारा स्थित एत्माउद्दौला व्यू प्वाइंट पर हरिद्वार की गंगा आरती की तर्ज पर पांच अप्रैल 2015 से रोज यमुना आरती होती है। आगरा के यमुना प्रेमियों का यह अभिनव प्रयास नदी के प्रति जागरुकता के लिए समर्पित है।

फतेहाबाद रोड स्थित शिल्पग्राम मोड़ पर आई लव सेल्फी प्वाइंट खास आकर्षण का केंद्र है। एडीए द्वारा चार साल पहले विकसित इस स्थल पर शाम ढलते ही रंगीन रोशनी होती है। सेल्फी के लिए भीड़ उमड़ती है। 

ताजनगरी को बुलेट ट्रेन की सौगात का इंतजार है। दिल्ली से वाराणसी तक 1.20 लाख करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन परियोजना में आगरा भी शामिल है। दिल्ली से बुलेट ट्रेन आगरा होकर वाराणसी तक जाएगी। इसका सर्वे शुरू हो चुका है।

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