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उन्नाव। शहर वासियों को शुद्ध पानी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। जलनिगम तीन महीने में चार बार जलापूर्ति शुरू करने की तारीख बदल चुका है। संशय अभी भी बरकरार है। लंबी कवायद के बाद जलनिगम ने जलापूर्ति शुरू करने से पहले पाइप लाइनों की टेस्टिंग शुरू की है। टेस्टिंग में चार किमी में पांच जगह पाइप में लीकेज मिले। इससे पाइप लाइन की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि अधिकारी दिसंबर तक शहर के 30,298 घरों में पानी पहुंचाने का दावा कर रहे हैं।
शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए तय की गई 30 सितंबर की समय सीमा बीते डेढ़ महीने हो गए लेकिन जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी। पहले कानपुर सिंचाई विभाग से उसकी भू मि पर पाइप लाइन डालने की अनुमती में देरी हुई। इसके बाद गंगा बैराज के पास बने डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) में बिजली कनेक्शन के चलते टेस्टिंग समय पर नही शुरू हो पाई।
शहरी क्षेत्रों में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2018 में 253 करोड़ की अमृत (अटल मिशन ऑफ रेजूवेशनल एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) योजना मंजूर हुई थी। योजना के तहत शहर और शुक्लागंज के हर घर में गंगा नदी के पानी को साफ करके घरों तक पहुंचाया जाना है।
जलनिगम ने पहले चरण में शहर के 30298 घरों में एक जुलाई से पानी पहुंचाने का दावा किया था लेकिन तय समय में जलापूर्ति चालू नहीं हो सकी। इसके बाद 20 जुलाई फिर 31 जुलाई, अगस्त महीने के पहले सप्ताह और इसके बाद सितंबर महीने के अंत तक जलापूर्ति शुरू करने की बात कही थी। लेकिन जलापूर्ति अबतक शुरू नहीं हो पाई।
जलनिगम ने अब भूमिगत पाइप लाइनों की टेस्टिंग शुरू की पाइप ही दगा देने लगे हैं। अभी तक चार किमी में टेंस्टिंग हुई और पांच जगह पाइप दगा दे गए। दो जगह पाइप फूटे और तीन जगह पाइपों के ज्वाइंट में लीकेज मिला है। अभी तीस किमी बड़ी और करीब 120 किमी छोटी भूमिगत पाइप लाइनों की टेस्टिंग का काम बाकी है।
जलनिगम के एक्सईएन सुनील सिंह ने बताया कि उन्होंने दो महीने पहले ही कार्यभार संभाला है। अन्य दिक्कतों को दूर कराने के बाद टेस्टिंग शुरू कराई है। बताया कि शुरुआती चरण में नई पाइप लाइनों में लीकेज और फूटने जैसी समस्याएं आती हैं। बताया कि जल्द ही टेस्टिंग का काम पूरा कर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
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उन्नाव। शहर वासियों को शुद्ध पानी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। जलनिगम तीन महीने में चार बार जलापूर्ति शुरू करने की तारीख बदल चुका है। संशय अभी भी बरकरार है। लंबी कवायद के बाद जलनिगम ने जलापूर्ति शुरू करने से पहले पाइप लाइनों की टेस्टिंग शुरू की है। टेस्टिंग में चार किमी में पांच जगह पाइप में लीकेज मिले। इससे पाइप लाइन की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि अधिकारी दिसंबर तक शहर के 30,298 घरों में पानी पहुंचाने का दावा कर रहे हैं।
शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए तय की गई 30 सितंबर की समय सीमा बीते डेढ़ महीने हो गए लेकिन जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी। पहले कानपुर सिंचाई विभाग से उसकी भू मि पर पाइप लाइन डालने की अनुमती में देरी हुई। इसके बाद गंगा बैराज के पास बने डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) में बिजली कनेक्शन के चलते टेस्टिंग समय पर नही शुरू हो पाई।
शहरी क्षेत्रों में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2018 में 253 करोड़ की अमृत (अटल मिशन ऑफ रेजूवेशनल एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) योजना मंजूर हुई थी। योजना के तहत शहर और शुक्लागंज के हर घर में गंगा नदी के पानी को साफ करके घरों तक पहुंचाया जाना है।
जलनिगम ने पहले चरण में शहर के 30298 घरों में एक जुलाई से पानी पहुंचाने का दावा किया था लेकिन तय समय में जलापूर्ति चालू नहीं हो सकी। इसके बाद 20 जुलाई फिर 31 जुलाई, अगस्त महीने के पहले सप्ताह और इसके बाद सितंबर महीने के अंत तक जलापूर्ति शुरू करने की बात कही थी। लेकिन जलापूर्ति अबतक शुरू नहीं हो पाई।
जलनिगम ने अब भूमिगत पाइप लाइनों की टेस्टिंग शुरू की पाइप ही दगा देने लगे हैं। अभी तक चार किमी में टेंस्टिंग हुई और पांच जगह पाइप दगा दे गए। दो जगह पाइप फूटे और तीन जगह पाइपों के ज्वाइंट में लीकेज मिला है। अभी तीस किमी बड़ी और करीब 120 किमी छोटी भूमिगत पाइप लाइनों की टेस्टिंग का काम बाकी है।
जलनिगम के एक्सईएन सुनील सिंह ने बताया कि उन्होंने दो महीने पहले ही कार्यभार संभाला है। अन्य दिक्कतों को दूर कराने के बाद टेस्टिंग शुरू कराई है। बताया कि शुरुआती चरण में नई पाइप लाइनों में लीकेज और फूटने जैसी समस्याएं आती हैं। बताया कि जल्द ही टेस्टिंग का काम पूरा कर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
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