अवधि बढ़ा रहे बार-बार, चार साल से अमृत का इंतजार

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उन्नाव। शहर और शुक्लागंज के छह लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 2018 में शुरू हुई 253 करोड़ लागत वाली अमृत योजना चार साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई। चार बार समय सीमा बढ़ाने के बाद एक बार फिर, पहले और दूसरे चरण का काम पूरा करने के लिए जुलाई तक समय बढ़ाया गया है। जब तक जलनिगम पानी की किल्लत दूर कर पाएगा, तब तक मानसून भी दस्तक दे देगा।
वर्ष 2018 में मंजूर हुई अमृत योजना को जुलाई 2020 तक पूरा करना था। लेकिन कोरोना के कारण काम रुकने और बजट मिलने में देरी से समय सीमा बढ़ाकर मार्च 2021 कर दी गई थी। लेकिन कोरोना ने एक बार फिर झटका दिया और दूसरी लहर में कुछ दिन काम रुका। इसके बाद नगर पालिका की ओर से योजना के लिए दी जाने वाली अंश राशि के 62.4 करोड़ रुपये नहीं मिल पाए। वहीं भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिए रेलवे, सिंचाई विभाग और एएचएआई से एनओसी अटक गई। नतीजतन काम पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर मार्च 2022 कर दी गई। हालत यह है कि जिस फेज-एक के काम को जुलाई 2020 तक पूरा करना था वह अभी 75 फीसदी ही हो सका है। वहीं अगस्त 2020 तक पूरा किए जाने वाले फेज-दो का काम 65 फीसदी ही हो पाया है। हालांकि रेलवे और एनएचएआई से अनापत्ति पत्र मिलने के बाद जलनिगम ने वहां भूमिगत पाइप लाइनें बिछा दी हैं लेकिन गंगा बैराज के पास बनाए गए डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) से सरैंया के पास पाइप लाइन जोड़ने के लिए कानपुर जलनिगम ने 270 मीटर भूमि पर खोदाई और पाइप लाइन डालने के लिए अब तक एनओसी नहीं दी है। इससे आठ महीने से काम रुका है। योजना पूरी होने में देरी को देखते हुए जलनिगम ने एक बार फिर समय सीमा बढ़ाते हुए जुलाई 2022 कर दी है।
सिंचाई विभाग ने नहीं दी एनओसी
जलनिगम के एक्सईएन केके कटियार ने बताया कि योजना की कुल लागत की 20 फीसदी धनराशि नगर पालिका (लोकल बॉडी) को देनी है। नगर पालिका से फेज-एक के लिए 45.35 करोड़, फेज-दो में 14.15 करोड़ और फेज-तीन के लिए 2.90 करोड़ अब तक नहीं मिले हैं। इससे काम पूरा करने में दिक्कत हो रही है। रेलवे से सरैया, लोकनगर और आवास विकास, कचहरी और हाईवे रेलवे क्रॉसिंग की एनओसी मिली है। आवास विकास बाईपास से गदन खेड़ा चौराहे तक हाईवे किनारे पाइप लाइन के लिए एनएचएआई ने भी अनापत्ति दे दी है। लेकिन गंगा बैराज के पास 270 मीटर में कानपुर सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिली है। बताया कि इन्हीं अड़चनों के कारण योजना पूरी करने में देरी हो रही है।
ये है योजना
उन्नाव शहर के सभी 32 और शुक्लागंज के 28 वार्डों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से गंगा नदी से जल को शुद्ध करके हर घर में जलापूर्ति की जाएगी। गंगा बैराज के पास प्रतिदिन 150 एमएलडी पानी साफ करके आपूर्ति की जाएगी। हर वार्ड और गली में भूमिगत पाइप लाइनों का जाल बिछाकर घरों में कनेक्शन दिए जाएंगे। 12 ओवर हेड टैंक (पानी की टंकी) और भूमिगत टैंक बन रहे हैं। भूमिगत टैंकों से पंप के जरिये पानी को ओवरहेड टैंकों में भरने के बाद घरों में जलापूर्ति की जाएगी।

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उन्नाव। शहर और शुक्लागंज के छह लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 2018 में शुरू हुई 253 करोड़ लागत वाली अमृत योजना चार साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई। चार बार समय सीमा बढ़ाने के बाद एक बार फिर, पहले और दूसरे चरण का काम पूरा करने के लिए जुलाई तक समय बढ़ाया गया है। जब तक जलनिगम पानी की किल्लत दूर कर पाएगा, तब तक मानसून भी दस्तक दे देगा।

वर्ष 2018 में मंजूर हुई अमृत योजना को जुलाई 2020 तक पूरा करना था। लेकिन कोरोना के कारण काम रुकने और बजट मिलने में देरी से समय सीमा बढ़ाकर मार्च 2021 कर दी गई थी। लेकिन कोरोना ने एक बार फिर झटका दिया और दूसरी लहर में कुछ दिन काम रुका। इसके बाद नगर पालिका की ओर से योजना के लिए दी जाने वाली अंश राशि के 62.4 करोड़ रुपये नहीं मिल पाए। वहीं भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिए रेलवे, सिंचाई विभाग और एएचएआई से एनओसी अटक गई। नतीजतन काम पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर मार्च 2022 कर दी गई। हालत यह है कि जिस फेज-एक के काम को जुलाई 2020 तक पूरा करना था वह अभी 75 फीसदी ही हो सका है। वहीं अगस्त 2020 तक पूरा किए जाने वाले फेज-दो का काम 65 फीसदी ही हो पाया है। हालांकि रेलवे और एनएचएआई से अनापत्ति पत्र मिलने के बाद जलनिगम ने वहां भूमिगत पाइप लाइनें बिछा दी हैं लेकिन गंगा बैराज के पास बनाए गए डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) से सरैंया के पास पाइप लाइन जोड़ने के लिए कानपुर जलनिगम ने 270 मीटर भूमि पर खोदाई और पाइप लाइन डालने के लिए अब तक एनओसी नहीं दी है। इससे आठ महीने से काम रुका है। योजना पूरी होने में देरी को देखते हुए जलनिगम ने एक बार फिर समय सीमा बढ़ाते हुए जुलाई 2022 कर दी है।

सिंचाई विभाग ने नहीं दी एनओसी

जलनिगम के एक्सईएन केके कटियार ने बताया कि योजना की कुल लागत की 20 फीसदी धनराशि नगर पालिका (लोकल बॉडी) को देनी है। नगर पालिका से फेज-एक के लिए 45.35 करोड़, फेज-दो में 14.15 करोड़ और फेज-तीन के लिए 2.90 करोड़ अब तक नहीं मिले हैं। इससे काम पूरा करने में दिक्कत हो रही है। रेलवे से सरैया, लोकनगर और आवास विकास, कचहरी और हाईवे रेलवे क्रॉसिंग की एनओसी मिली है। आवास विकास बाईपास से गदन खेड़ा चौराहे तक हाईवे किनारे पाइप लाइन के लिए एनएचएआई ने भी अनापत्ति दे दी है। लेकिन गंगा बैराज के पास 270 मीटर में कानपुर सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिली है। बताया कि इन्हीं अड़चनों के कारण योजना पूरी करने में देरी हो रही है।

ये है योजना

उन्नाव शहर के सभी 32 और शुक्लागंज के 28 वार्डों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से गंगा नदी से जल को शुद्ध करके हर घर में जलापूर्ति की जाएगी। गंगा बैराज के पास प्रतिदिन 150 एमएलडी पानी साफ करके आपूर्ति की जाएगी। हर वार्ड और गली में भूमिगत पाइप लाइनों का जाल बिछाकर घरों में कनेक्शन दिए जाएंगे। 12 ओवर हेड टैंक (पानी की टंकी) और भूमिगत टैंक बन रहे हैं। भूमिगत टैंकों से पंप के जरिये पानी को ओवरहेड टैंकों में भरने के बाद घरों में जलापूर्ति की जाएगी।

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