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जयपुर, चार मई (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों और पहलवानों के बीच हुई धक्का-मुक्की की बृहस्पतिवार को निंदा करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें ‘‘प्रताड़ित’’ कर रही है। गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया। “जब राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में बात की, तो दिल्ली पुलिस महिलाओं के बारे में जानकारी लेने (उनके आवास पर) पहुंची। अब देश को गौरवान्वित करने वाली चैंपियन बेटियां कई दिनों से न्याय की मांग कर रही हैं।” गहलोत ने ट्वीट कर कहा, जंतर-मंतर पर प्रताड़ना की शिकायत करने के बाद दिल्ली पुलिस उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें प्रताड़ित कर रही है. उन्होंने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री को घटना का संज्ञान लेना चाहिए।”
ओलिंपिक पदक विजेता और चूरू जिले के सादुलपुर से विधायक कृष्णा पूनिया ने गुरुवार को खिलाड़ियों की न्याय की लड़ाई में उनका साथ दिया. पूनिया और खिलाड़ियों ने राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से गांधी सर्किल तक मार्च निकाला, जहां उन्होंने प्रदर्शन किया।
पूनिया ने संवाददाताओं से कहा, “मैं न्याय की इस लड़ाई में अपनी खिलाड़ी बहनों के साथ खड़ी हूं। मैं अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के समर्थन में हूं और यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करती हूं।” उन्होंने कहा कि भाजपा सिंह को ‘पनाह’ दे रही है और अगर कोई और होता तो उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाता।
कई पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के सांसद डब्ल्यूएफआई प्रमुख सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारी सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न और सात महिला पहलवानों को धमकाने के लिए आपराधिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिनमें से एक नाबालिग है।
दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की। पहलवानों ने हालांकि उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। बुधवार रात जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई हो गई, जिससे कुछ प्रदर्शनकारियों के सिर में चोट लग गई।
पहलवानों ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इनकार किया कि उन्होंने पहलवानों के खिलाफ बल प्रयोग किया।
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