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मौरावां। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) और सदस्य ने सीएचसी मौरावां का निरीक्षण किया। इसके बाद सौ बेड के अस्पताल पहुंचे और पीकू वार्ड व आईसीयू का निरीक्षण किया। वार्ड और कक्ष में गंदगी पर नाराजगी जताई। साथ ही ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शासन में बात करने का आश्वासन दिया।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र शर्मा और सदस्य श्याम त्रिपाठी ने मंगलवार दोपहर सीएचसी मौरावां का निरीक्षण किया। इसके बाद सौ बेड के अस्पताल को देखने पहुंचे। यहां पर पीकू वार्ड व आईसीयू कक्ष का निरीक्षण किया। गंदगी मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई। डिप्टी सीएमओ डॉ. जेआर सिंह से साफ सफाई पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने अस्पताल के भवन की तारीफ भी की, लेकिन जब पता चला कि सौ बेड अस्पताल में कोई स्वास्थ्य सेवाएं नहीं चल रही हैं तो उन्होंने कहा कि ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना व अन्य से बात करेंगे।
इसके बाद वहां से अध्यक्ष व सदस्य कस्बे के प्राचीन हिंदी साहित्यिक पुस्तकालय पहुंचे। यहां पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश कुमार त्रिपाठी से व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। राजेश ने भवन जर्जर होने, विद्युत बिल और अन्य व्यवस्था पर खर्च करने के लिए धनाभाव की समस्या बताई। सदस्य श्याम त्रिपाठी ने कहा कि वह भी कभी विद्यार्थी जीवन में इसके सदस्य रहे हैं। यहां एक लाख से अधिक सभी छोटी बड़ी ज्ञानवर्धक पुस्तकें हैं। वहीं विजिट रजिस्टर में डॉ. महेंद्र शर्मा ने लिखा कि इस प्राचीन पुस्तकालय की ग्रंथावली अद्भुत और दिव्य है। इस दौरान चंद्रमौलि मिश्रा, अजय त्रिवेदी व गुड्डू सोनी आदि उपस्थित रहे।
कुपोषित बच्चों के उपचार की ली जानकारी
आयोग अध्यक्ष व सदस्य ने जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) पहुंचकर कुपोषित बच्चों के उपचार की जानकारी ली। रसोईघर में रखे पुष्टाहार की जांच की। सारी व्यवस्था दुरुस्त मिली पर सफाई न मिलने पर नाराजगी जताई। सखी वन स्टाप सेंटर में बच्चों के संबंध में की गई कार्रवाई की समीक्षा की।
दोपहर में विकास भवन पहुंचकर प्रोबेशन और श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ एक युद्ध नशे के विरुद्ध विषय पर समीक्षा बैठक की। निर्देश दिए कि विद्यालयों के पास पान मसाला एवं तंबाकू सहित अन्य नशीली वस्तुओं की दुकानें न लगने दें। कहा कि बाल श्रम को रोकें और बाल श्रम कराने वालों पर कठोर कार्रवाई करें।
मौरावां। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) और सदस्य ने सीएचसी मौरावां का निरीक्षण किया। इसके बाद सौ बेड के अस्पताल पहुंचे और पीकू वार्ड व आईसीयू का निरीक्षण किया। वार्ड और कक्ष में गंदगी पर नाराजगी जताई। साथ ही ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शासन में बात करने का आश्वासन दिया।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र शर्मा और सदस्य श्याम त्रिपाठी ने मंगलवार दोपहर सीएचसी मौरावां का निरीक्षण किया। इसके बाद सौ बेड के अस्पताल को देखने पहुंचे। यहां पर पीकू वार्ड व आईसीयू कक्ष का निरीक्षण किया। गंदगी मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई। डिप्टी सीएमओ डॉ. जेआर सिंह से साफ सफाई पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने अस्पताल के भवन की तारीफ भी की, लेकिन जब पता चला कि सौ बेड अस्पताल में कोई स्वास्थ्य सेवाएं नहीं चल रही हैं तो उन्होंने कहा कि ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना व अन्य से बात करेंगे।
इसके बाद वहां से अध्यक्ष व सदस्य कस्बे के प्राचीन हिंदी साहित्यिक पुस्तकालय पहुंचे। यहां पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश कुमार त्रिपाठी से व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। राजेश ने भवन जर्जर होने, विद्युत बिल और अन्य व्यवस्था पर खर्च करने के लिए धनाभाव की समस्या बताई। सदस्य श्याम त्रिपाठी ने कहा कि वह भी कभी विद्यार्थी जीवन में इसके सदस्य रहे हैं। यहां एक लाख से अधिक सभी छोटी बड़ी ज्ञानवर्धक पुस्तकें हैं। वहीं विजिट रजिस्टर में डॉ. महेंद्र शर्मा ने लिखा कि इस प्राचीन पुस्तकालय की ग्रंथावली अद्भुत और दिव्य है। इस दौरान चंद्रमौलि मिश्रा, अजय त्रिवेदी व गुड्डू सोनी आदि उपस्थित रहे।
कुपोषित बच्चों के उपचार की ली जानकारी
आयोग अध्यक्ष व सदस्य ने जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) पहुंचकर कुपोषित बच्चों के उपचार की जानकारी ली। रसोईघर में रखे पुष्टाहार की जांच की। सारी व्यवस्था दुरुस्त मिली पर सफाई न मिलने पर नाराजगी जताई। सखी वन स्टाप सेंटर में बच्चों के संबंध में की गई कार्रवाई की समीक्षा की।
दोपहर में विकास भवन पहुंचकर प्रोबेशन और श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ एक युद्ध नशे के विरुद्ध विषय पर समीक्षा बैठक की। निर्देश दिए कि विद्यालयों के पास पान मसाला एवं तंबाकू सहित अन्य नशीली वस्तुओं की दुकानें न लगने दें। कहा कि बाल श्रम को रोकें और बाल श्रम कराने वालों पर कठोर कार्रवाई करें।
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