भीतरगांव में शनिवार रात पौने आठ बजे ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से हुई 26 लोगों की मौत के महज सात घंटे बाद ही शहर में दूसरा बड़ा हादसा हो गया। चकेरी के अहिरवां फ्लाईओवर पर देर रात तीन बजे खड़े एक पिकअप में ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में पिकअप सवार पांच लोगों की मौत हो गई। दस लोग घायल हो गए।
अहिरवां हादसे के पीछे ट्रक की अधिक रफ्तार और हाईवे का अंधेरा बताया जा रहा है। पुलिस का मानना है कि अंधेरे के कारण हो सकता है ट्रक चालक को पिकअप दिखाई ही नहीं दिया होगा और बाद में वह ट्रक को नियंत्रित नहीं कर सका होगा। जिसकी वजह से हादसा हुआ और पांच की मौत हो गई। वहीं, देर रात तीन बजे हुए हादसे के पीछे ट्रक चालक के झपकी लगने की बात भी पुलिस की जांच में शामिल है।
दरअसल, पिकअप हाईवे पर किनारे खड़ा था। ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी। घायलों ने एक बात स्पष्ट कर दी कि ट्रक की रफ्तार काफी थी और हाईवे पर अंधेरा था। सट्रीट लाइटें नहीं जल रहीं थीं। हादसा वाकई में इतना विभत्स था कि लाशें हाईवे पर बिखर गईं थीं।
इकलौता था सुनील
तारा की तीन बेटियां, सपना, अलका व गुड़िया थीं। गुड़िया की मौत हो गई। सुनील उनका इकलौता बेटा था। सुनील की पत्नी रेनू, बेटी प्रांसी, सोना व बेटा प्रिंस है। सुनील की मौत के बाद अब बच्चों की पूरी जिम्मेदार रेनू के कंधों पर आ गई है। वहीं गुड़िया के परिवार में उनके पति सुशील, तीन बेटियां वर्षा, प्रीति, अंजलि व बेटे अजय, अमन व प्रथम हैं। सुनील की साली कशक पांच भाइयों में इकलौती थी। पिकअप चालक आशीष के परिवार में उसकी मां विमला देवी, पिता रामशरण, भाई अमित है। वह मूलरूप से बलरामपुर का रहने वाला है। वर्तमान में वह बाबूपुरवा में रहता था।
लड्डू गोपाल को हाथों में लेकर रोते रहे परिजन
हादसे की जानकारी होने पर जब मृतक सुनील के ससुरालीजन और परिजन कांशीराम अस्पताल पहुंचे तो शवों को देखकर उनकी आंसू नहीं थम रहे थे। एक परिजन ने लड्डू गोपाल को हाथों में ले रखा था सभी उन्हीं को देखकर रो रहे थे।
हाईवे पर पुलिस की पेट्रोलिंग टीम रहती है गायब
हाईवे से खराब वाहनों को हटवाने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पेट्रोलिंग टीम बनाई गई है, लेकिन पेट्रोलिंग टीम गायब रहती है। जिससे हादसों में कमी नहीं आ रही है।