आईआईटी के प्रो. मणींद्र का दावा: कोरोना की तीसरी लहर जैसी होगी चौथी लहर, सतर्कता बरतने की आवश्यकता

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 01 Mar 2022 10:19 PM IST

सार

प्रो. अग्रवाल अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर का आकलन कर चुके हैं। इनका आकलन सही साबित हुआ है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि जब तक चौथी लहर की शुरुआत नहीं होगी, तब तक मॉडल के आधार पर आकलन नहीं किया जा सकता है।

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल
– फोटो : amar ujala

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विस्तार

कोरोना की चौथी लहर अगर आती है तो वह भी तीसरी लहर की तरह ही होगी। कम समय के लिए और कम घातक होगी, केवल सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यह दावा है आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल का।

उन्होंने कहा कि हालांकि चौथी लहर कब आएगी, इसका आकलन अभी करना मुश्किल है। जब तक नए वैरिएंट का एक केस भी नहीं आता तब तक चौथी लहर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि देश में 90 फीसदी लोगों में नेचुरल इम्युनिटी जनरेट हो गई है और वैक्सीनेशन भी लगभग पूरा हो रहा है।

वायरस का नया म्यूटेंट बहुत अधिक खतरनाक होने के बाद भी स्थिति भयावह नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन में तेजी से इंफेक्शन हो रहा था, उसने वैक्सीन से जनरेट इम्युनिटी को भी बाईपास कर दिया था लेकिन नेचुरल इम्युनिटी को बाईपास नहीं कर सका।

उन्होंने कहा कि 22 जून से कोरोना की चौथी लहर आने की आशंका को सूत्र मॉडल ने आकलन नहीं किया है। प्रो. अग्रवाल अपने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर का आकलन कर चुके हैं। इनका आकलन सही साबित हुआ है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि जब तक चौथी लहर की शुरुआत नहीं होगी, तब तक मॉडल के आधार पर आकलन नहीं किया जा सकता है।

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