आगरा के इरादतनगर के कुर्राचित्तरपुर स्थित श्री माता वैष्णो देवी इंटर कॉलेज में सोमवार सुबह 8:45 बजे यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा में फर्जी सचल दल पहुंच गया। उनकी बोलेरो गाड़ी पर भारत सरकार जिला मजिस्ट्रेट एनसीआरबी लिखा था। सूट-बूट में नेमप्लेट लगाकर आए चार लोगों ने खुद को मजिस्ट्रेट बताया। केंद्र व्यवस्थापक के मांगने पर अधिकार पत्र नहीं दिखाने और एनसीआरबी की फुल फार्म नहीं बताने पर डीआईओएस और पुलिस को सूचना दी गई। पूछताछ में चारों की पोल खुल गई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
इनकी हुई गिरफ्तारी
– रघुवीर सिंह तोमर निवासी ठेरई, थाना शमसाबाद
– अशोक कुमार, गांव कुकावर, थाना सैंया
– मुकेश निवासी, नगला छाहरी, थाना खेरागढ़
– देवेंद्र कुमार निवासी बसई खुर्द, थाना ताजगंज।
फर्जी मजिस्ट्रेट गैंग का सरगना रघुवीर सिंह तोमर है। वह बीए एलएलबी है। बाकी तीनों आठवीं-12वीं पास हैं। रघुवीर ने वसूली के लिए गैंग बनाया था। वह परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र चेक करने के बहाने पहले धमकाता। इसके बाद वसूली करते। मगर एनसीआरबी बताकर फंस गए। वो और उसके साथी एनसीआरबी की फुल फार्म तक नहीं बता सके। यही वजह है कि पकड़ लिए गए।
थानाध्यक्ष अवधेश गौतम ने बताया कि रघुवीर खुद को बीए-एलएलबी पास बता रहा है। शादीशुदा नहीं है। घर से अलग रहता है। वहीं देवेंद्र आठवीं, मुकेश दसवीं और अशोक 12वीं पास हैं। रघुवीर ने बाकी तीनों को लालच दिया था कि वह तीन महीने उसके साथ मिलकर काम कर लें। इसके बाद वो 18 हजार रुपये प्रतिमाह देगा। उनके आईडी कार्ड बनवाए थे। पुलिस की पूछताछ में आरोपी देवेंद्र और मुकेश ने बताया कि रघुवीर ने कहा था कि वह शराब, सट्टा और किसी तरह की सूचना दें। वह छापा मारेगा। इसके उन्हें कीमत भी देगा। इस पर वो राजी हो गए।
स्कूल पर छापा मारने की योजना भी रघुवीर की थी। इसके लिए गाड़ी भी खरीदी थी। नेम प्लेट भी खरीदी। दस हजार में कपड़े सिलवाए थे। अन्य आरोपियों ने बताया कि रघुवीर ने कहा था कि एक निजी स्कूल में जाएंगे। वहां गड़बड़ी मिलेगी तो वसूली करेंगे। इसके बाद और भी स्कूलों में छापेमारी करेंगे। रघुवीर से जब भी पुलिस कुछ पूछने लगती है, वह खुद को बीपी का मरीज बताने लगता है। इससे पुलिस उससे पूछताछ करने में कतरा रही है।
एसएसपी ने किया सवाल-एनसीआबी की फुलफार्म क्या है?
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के पकड़े जाने के बाद उन्होंने फोन पर बात की। रघुवीर से पूछा कि यह एनसीआरबी क्या होता है? उसने बताया कि यह न्यू दिल्ली क्राइम ब्रांच है। इसके बाद अन्य आरोपी भी इसी तरह के गलत जवाब देने लगे, जबकि एनसीआरबी का मतलब नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो होता है। इसमें अपराध का आंकड़ा रखा जाता है। इससे शक होने पर आरोपियों को थाने ले जाया गया।
नई बोलेरो, नंबर भी नहीं
जिस बोलेरो गाड़ी में फर्जी सचल दल आया था, वह नई है। इसका रंग सफेद है। इस पर नंबर दर्ज नहीं था। नंबर प्लेट पर काले रंग से पेंट हो रहा था। इस पर कल्याण महिंद्रा आगरा का स्टीकर लगा हुआ है। ये देखकर भी परीक्षा केंद्र के स्टाफ का संदेह और गहरा गया। मुकेश और देवेंद्र ने ढाई लाख रुपये डाउन पेमेंट देकर 20 दिन पहले ही गाड़ी खरीदी थी। इस पर आगे और पीछे शीशे पर भारत सरकार जिला मजिस्ट्रेट एनसीआरबी लिखा हुआ था।