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सार
आगरा में दो शातिरों ने फार्मा कंपनी की महिला अधिकारी के एटीएम कार्ड से 1.20 लाख रुपये निकाल लिए। शातिरों ने मदद की कहकर बातों में उनका एटीएम बदल लिया था।
आगरा के सदर स्थित निजी बैंक के एटीएम में गुरुवार को रुपये निकालने गईं एक फार्मा कंपनी की अधिकारी ऋष्टि माहौर का दो युवकों ने एटीएम कार्ड बदल दिया। इसके बाद 1.20 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित ने पहले हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। कॉल रिसीव नहीं होने पर पुलिस चौकी पर पहुंची। वहां भी सुनवाई नहीं हुई। साइबर सेल में शिकायत का कोई फायदा नहीं हुआ। अब वह एसएसपी से शिकायत करेंगी।
सदर क्षेत्र निवासी ऋष्टि माहौर गुरुवार दोपहर को 12 बजे इंद्रापुरम मोड़ स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम पर रुपये निकालने आई थीं। रुपये नहीं निकले। तभी एटीएम केबिन में दो युवक और आ गए। एक ने उनके हाथ से एटीएम ले लिया। कहा कि एटीएम कार्ड को साफ करना पड़ता है। कभी-कभी नमी की वजह से दिक्कत आ जाती है। युवक ने एटीएम कार्ड हाथ से साफ कर दिया। दूसरे हाथ से उन्हें वापस भी कर दिया। ऋष्टि माहौर समझ नहीं पाईं। उन्होंने एटीएम मशीन में दोबारा लगाया लेकिन रुपये नहीं निकले। इस पर वापस आ गईं।
कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर बैंक के मैसेज आए। इसमें रुपये निकलने की जानकारी थी। कुछ ही देर में खाते से 1.20 लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्होंने अपना एटीएम कार्ड ठीक से चेक किया। वह दूसरा था। आशंका है कि जब वह रुपये निकालने गईं तब युवकों ने एटीएम कार्ड का पिन देख लिया था। एटीएम कार्ड बदलने के बाद पिन की मदद से रुपये निकाल लिए।
20 मिनट बाद भी नहीं उठा हेल्पलाइन नंबर
पीड़ित ऋष्टि माहौर ने रुपये निकालने की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल किया। आरोप है कि 20 मिनट तक कॉल किया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। बाद में वो शहीद नगर पुलिस चौकी पर पहुंचीं। चौकी से उन्हें साइबर सेल जाने के लिए बोल दिया। वह साइबर सेल पहुंचीं।
साइबर सेल से कह दिया गया कि पहले थाने पर जाएं। वहां एक फार्म भरवाया जाएगा। इसके बाद फार्म साइबर सेल में आएगा। थाना पुलिस सीसीटीवी फुटेज देख लेगी। इससे पहचान हो जाएगी कि आरोपी कौन लोग हैं। शिकायत पर दर्ज नहीं की गई। पीड़ित का कहना था कि अगर, पुलिस समय पर सुनवाई करती तो आरोपियों को पकड़ा जा सकता था।
कार्यशाला का भी कोई फायदा नहीं
पूर्व में एडीजी जोन ने पुलिसकर्मियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया था। इसमें हर थाने के दो-दो पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया था। बताया गया था कि साइबर क्राइम की शिकायत आने पर कैसे कार्रवाई करनी हैं? किसी तरह से खातों को ब्लाक कराना है। कैसे साइबर सेल की मदद लेनी है। क्योंकि खाते से रकम निकलने पर जितनी जल्दी पुलिस कार्रवाई करती हैं, उतनी जल्दी रकम को आगे निकलने से रोका जा सकता है। इस कवायद के बाद भी थाना पुलिस का रवैया बदल नहीं रहा है।
एटीएम से रुपये निकालते समय सावधानी जरूरी
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के मुताबिक, एटीएम से रुपये निकालने जाएं तो सावधान भी रहें। केबिन में किसी अन्य व्यक्ति को रुपये निकालते समय नहीं आने दें। अंजान व्यक्ति की मदद नहीं लेनी चाहिए। गार्ड वाले एटीएम से ही रुपये निकालने को प्राथमिकता दें। कैश नहीं निकलने पर गार्ड की मदद लेनी चाहिए। अपना कार्ड किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दें। पिन भी किसी को नहीं बताना चाहिए।
विस्तार
आगरा के सदर स्थित निजी बैंक के एटीएम में गुरुवार को रुपये निकालने गईं एक फार्मा कंपनी की अधिकारी ऋष्टि माहौर का दो युवकों ने एटीएम कार्ड बदल दिया। इसके बाद 1.20 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित ने पहले हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। कॉल रिसीव नहीं होने पर पुलिस चौकी पर पहुंची। वहां भी सुनवाई नहीं हुई। साइबर सेल में शिकायत का कोई फायदा नहीं हुआ। अब वह एसएसपी से शिकायत करेंगी।
सदर क्षेत्र निवासी ऋष्टि माहौर गुरुवार दोपहर को 12 बजे इंद्रापुरम मोड़ स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम पर रुपये निकालने आई थीं। रुपये नहीं निकले। तभी एटीएम केबिन में दो युवक और आ गए। एक ने उनके हाथ से एटीएम ले लिया। कहा कि एटीएम कार्ड को साफ करना पड़ता है। कभी-कभी नमी की वजह से दिक्कत आ जाती है। युवक ने एटीएम कार्ड हाथ से साफ कर दिया। दूसरे हाथ से उन्हें वापस भी कर दिया। ऋष्टि माहौर समझ नहीं पाईं। उन्होंने एटीएम मशीन में दोबारा लगाया लेकिन रुपये नहीं निकले। इस पर वापस आ गईं।
कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर बैंक के मैसेज आए। इसमें रुपये निकलने की जानकारी थी। कुछ ही देर में खाते से 1.20 लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्होंने अपना एटीएम कार्ड ठीक से चेक किया। वह दूसरा था। आशंका है कि जब वह रुपये निकालने गईं तब युवकों ने एटीएम कार्ड का पिन देख लिया था। एटीएम कार्ड बदलने के बाद पिन की मदद से रुपये निकाल लिए।
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