पुलिस अधिकारियों से बात करते कमिश्नर – फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
आगरा कमिश्नरेट में सबसे पहले साइबर थाना खोला जाएगा। इसमें साइबर अपराध से संबंधित सभी मामलों में मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। महिला उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई के लिए अलग से महिला अधिकारी की तैनाती होगी। पुलिस लाइन में ही कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह का कार्यालय रहेगा। वह यहीं पर जनसुनवाई करेंगे। एडिशनल कमिश्नर का कार्यालय कलेक्ट्रेट में बनाया जाएगा।
आगरा के पहले पुलिस कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह बुधवार को पुलिस लाइन में अपने कार्यालय में बैठे। दोपहर में सेवानिवृत्त हो रहे पुलिसकर्मियों के कार्यक्रम में शामिल हुए। शाम को हरीपर्वत स्थित एसपी सिटी ऑफिस का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका कार्यालय पुलिस लाइन में ही रहेगा। यहीं पर जनसुनवाई किया करेंगे।
उन्होंने बताया कि एडिशनल कमिश्नर भी आने वाले हैं। उनका कार्यालय कलेक्ट्रेट में बनाया जा रहा है। शहर, पूर्वी और पश्चिमी जोन में कितनी कोर्ट रहेगी? इस पर मुख्यालय स्तर पर निर्णय लिया जाना है। कितनी फोर्स आएगी, कौन-कौन अधिकारी कहां रहेगा? यह भी डीजी कार्यालय स्तर पर तय किया जाएगा। एक दो दिन में इस सब पर निर्णय ले लिया जाएगा।
पहले से है रेंज साइबर थाना
आगरा में रेंज साइबर थाना बना हुआ है। इसमें पांच लाख से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। साइबर सेल भी है, जिसमें शिकायतों की जांच की जाती है। यहां मुकदमे दर्ज नहीं किए जाते हैं। मुकदमों के लिए पीड़ितों को थाने जाना पड़ता है। कमिश्नर ने बताया कि कमिश्नरेट में साइबर थाना खोला जाएगा। इसमें पर्याप्त संख्या में फोर्स रहेगी। अधिकारी भी तैनात होंगे।
इसमें हर मामले में पुलिस कार्रवाई करेगी। साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को जागरुक भी किया जाएगा, जिससे लोग साइबर अपराधियों के झांसे में ना आएं। रेंज साइबर थाना कमिश्नरेट में नहीं आएगा।
महिला उत्पीड़न के मामले में होगी प्रभावी कार्रवाई
महिला उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले भी अधिक हैं। इन पर थाना स्तर पर मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में सुनवाई नहीं होने पर पीड़ित कमिश्नर के पास पहुंचते हैं। मगर, अब नई व्यवस्था में एक अधिकारी की तैनाती होगी।
मुकदमा लिखने के बाद कार्रवाई नहीं हो रही है। विवेचना में कोई लापरवाही बरती जा रही है। इस सबकी अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे। महिलाओं की शिकायत सीधे पहुंचती है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। महिला अधिकारी के अलावा अन्य अधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कमिश्नर कार्यालय के लिए देखी जा रही है जमीन
कमिश्नर कार्यालय फिलहाल पुलिस लाइन में ही बनाया गया है। मगर, भविष्य में यह कार्यालय कहीं और स्थापित किया जाएगा। इसके लिए जमीन देखी जाएगी। छावनी क्षेत्र में रक्षा संपदा के बंगले हैं। पूर्व में आगरा किला के पास विजिलेंस ऑफिस हुआ करता था। भवन काफी जर्जर हो चुका है।
इसके अलावा भी कई और जगह देखी जाएगी। इसके बाद शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। कमिश्नर का कार्यालय और कोर्ट नए भवन में स्थानांतरित की जाएगी। इस भवन में फरियादियों के बैठने से लेकर पुलिस अधिकारियों के कार्यालय बनाए जाएंगे।
पुलिस कमिश्नरेट में बासौनी और सैंया दो नई सर्किल बनाए गए हैं। इसमें बासौनी सर्किल के अंदर निबोहरा थाने को लेकर आपत्ति सामने आई है। निबोहरा थाना फतेहाबाद सर्किल में आता है। मगर, अब निबोहरा बासौनी सर्किल में जाने से लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। निबोहरा से बासौनी की दूरी 35 किलोमीटर के आसपास है, जबकि निबोहरा की फतेहाबाद से दूरी 15 किलोमीटर के आसपास है।
यहां पर सीओ फतेहाबाद का कार्यालय भी है। नई सर्किल में यह थाना बासौनी में जाएगा तो लोगों को 20 किलोमीटर दूर जाना होगा। पुलिस कमिश्नर ने इस आपत्ति के बारे में डीजी ऑफिस को अवगत कराने की बात कही है। नई व्यवस्था में थाना न्यू आगरा को ताज सुरक्षा सर्किल में रखा गया है। इसे लेकर भी लोग आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। इसको लेकर भी विचार किया जा रहा है।
विस्तार
आगरा कमिश्नरेट में सबसे पहले साइबर थाना खोला जाएगा। इसमें साइबर अपराध से संबंधित सभी मामलों में मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। महिला उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई के लिए अलग से महिला अधिकारी की तैनाती होगी। पुलिस लाइन में ही कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह का कार्यालय रहेगा। वह यहीं पर जनसुनवाई करेंगे। एडिशनल कमिश्नर का कार्यालय कलेक्ट्रेट में बनाया जाएगा।
आगरा के पहले पुलिस कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह बुधवार को पुलिस लाइन में अपने कार्यालय में बैठे। दोपहर में सेवानिवृत्त हो रहे पुलिसकर्मियों के कार्यक्रम में शामिल हुए। शाम को हरीपर्वत स्थित एसपी सिटी ऑफिस का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका कार्यालय पुलिस लाइन में ही रहेगा। यहीं पर जनसुनवाई किया करेंगे।
उन्होंने बताया कि एडिशनल कमिश्नर भी आने वाले हैं। उनका कार्यालय कलेक्ट्रेट में बनाया जा रहा है। शहर, पूर्वी और पश्चिमी जोन में कितनी कोर्ट रहेगी? इस पर मुख्यालय स्तर पर निर्णय लिया जाना है। कितनी फोर्स आएगी, कौन-कौन अधिकारी कहां रहेगा? यह भी डीजी कार्यालय स्तर पर तय किया जाएगा। एक दो दिन में इस सब पर निर्णय ले लिया जाएगा।