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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 21 Apr 2022 10:49 AM IST
सार
गर्मी के मौसम में कुत्ता-बंदर काटे के मामले बढ़ गए हैं। जिला अस्पताल में कुत्ता-बंदर काटे के 45 फीसदी मरीजों में दो से तीन जगह गहरे जख्म देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि तापमान अधिक होने की वजह से ये आक्रामक हो रहे हैं। इनसे थोड़ा संभलकर रहने की आवश्यकता है।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ताजनगरी आगरा में पारा चढ़ने से कुत्ता-बंदर आक्रामक हो गए हैं। लोगों पर हमला कर जख्मी कर रहे हैं। ठंडे दिनों के मुकाबले गर्मी में कुत्ता-बंदर काटने के मरीजों में जख्म गहरा मिल रहा है। 45 फीसदी मरीजों के दो से तीन जगह जख्म मिल रहे हैं।
प्रमुख अधीक्षक डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि 20 दिन से कुत्ता-बंदर काटने के मरीजों की संख्या लगभग डेढ़ गुना हो गई है। अभी रोजाना औसतन 260 मरीज आ रहे हैं। इनमें कुत्ता-बंदर काटने से जख्म गहरे मिले। 80 फीसदी मरीजों के पैरों पर काटा। दो-तीन जख्म के साथ ज्यादा गहरा घाव मिल रहा है। तेज गर्मी से कुत्ता-बंदर आक्रामक होकर लोगों पर हमला करते हैं और एक से अधिक स्थान पर काटते भी हैं। मई और जून में इनके काटने के मामले और बढ़ने की आशंका है।
15 मिनट तक साबुन से घाव धोएं, नमक-मिर्च न लगाएं
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. केसी धाकड़ ने बताया कि गर्मी में सामान्य दिनों के मुकाबले घाव अधिक और गहरे मिलते हैं। ऐसे में अगर बंदर-कुत्ता काटे तो तत्काल 10-15 मिनट तक नल की धार के नीचे साबुन से धोएं। टिटनेस का टीका लगवाएं और एंटी रैबीज वैक्सीन जरूर लगवा लें। अक्सर जानकारी के अभाव में मरीज मिर्च लगा लेते हैं।
यह करें:
– कुत्ता काटने के बाद साबुन से नल के नीचे दस से 15 मिनट तक घाव को धोएं।
– कुत्ता काटने वाले जख्म पर मिर्च नहीं लगाएं। चिकित्सक को दिखाएं।
– एंटीसेप्टिक आइनटमेंट घाव पर लगाएं।
– कुत्तों से बचकर रहें, बच्चों को उनके नजदीक नहीं जाने दें।
– टिटनेस और एआरवी भी लगवाएं।
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