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सार
आगरा जोन के आठ जिलों में 756 लाउडस्पीकर उतार लिए गए हैं। खास बात यह है कि एक जगह भी कोई विवाद नहीं हुआ। कई जगहों पर लोगों ने खुद ही लाउडस्पीकर हटा दिए।
धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर का मामला गर्माया हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। उच्च न्यायालय के पहले से सख्त आदेश हैं। ध्वनि कितनी होनी चाहिए इसके मानक हैं। इसके बावजूद धर्म की आड़ में मनमानी चल रही थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन की टीम हरकत में आई। एक ही दिन में आगरा जोन में 756 लाउडस्पीकर उतर गए। 1945 की ध्वनि कम कराई गई है। रात दस बजे से सुबह छह बजे तक कहीं लाउडस्पीकर नहीं बजेगा।
आगरा जोन में आते हैं ये जिले
आगरा जोन में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, हाथरस और कासगंज आठ जिले आते हैं। बुधवार को एडीजी जोन कार्यालय से शासन को लाउस्पीकर के संबंध में रिपोर्ट भेजी गई। सरकार ने पांच दिनों में इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। सख्त निर्देश दिए थे कि अवैध लाउडस्पीकर हटाए जाएं। ध्वनि प्रदूषण को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश हैं। जो मानक तय हैं उससे अधिक ध्वनि में कहीं भी लाउडस्पीकर नहीं बजने चाहिए। इसके लिए धर्मगुरुओं के साथ बैठकें की जाएं।
एक भी जगह नहीं हुआ विवाद
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने प्रयास किए तो चौबीस घंटे में ही बेहतर नतीजे सामने आ गए। आठ जिलों में 756 लाउडस्पीकर हट गए। खास बात यह है कि एक जगह भी कोई विवाद नहीं हुआ। कई जगह तो टीम के पहुंचने से पहले लोगों ने खुद लाउडस्पीकर उतार दिए। एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि 1945 लाउडस्पीकर ध्वनि 45 डेसिबल सेट कराई गई है। इससे अधिक ध्वनि पर कहीं भी लाउडस्पीकर बजा तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
शादी और पार्टी में भी लागू होंगे नियम
एडीजी जोन ने बताया कि नियम सिर्फ धार्मिक स्थलों के लिए नहीं बनाए गए हैं। यह नियम शादी और पार्टी में भी लागू होंगे। डीजे की आवाज निर्धारिक मानक से अधिक नहीं होने चाहिए। शहर में बड़ी संख्या में रूफ टॉप रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं।
शिकायतें मिल रही हैं कि इन स्थानों पर देर रात तक डीजे बजते हैं। लोगों को इससे परेशानी होती है। ऐसी जगह भी अब कार्रवाई की जाएगी। शादी में डीजे और सड़क पर बैंड भी निर्धारित ध्वनि मानक के अनुसार ही बजेंगे। रात दस बजे के बाद डीजे बंद हो जाएगा। जहां बजा वहां डीजे वाले और आयोजक दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिला |
इतने लाउडस्पीकर उतारे गए |
ध्वनि कम कराई |
आगरा |
81 |
348 |
मथुरा |
131 |
280 |
फिरोजाबाद |
32 |
171 |
मैनपुरी |
32 |
134 |
अलीगढ़ |
61 |
498 |
एटा |
222 |
147 |
हाथरस |
54 |
122 |
कासगंज |
143 |
245 |
कुल |
756 |
1945 |
विस्तार
धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर का मामला गर्माया हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। उच्च न्यायालय के पहले से सख्त आदेश हैं। ध्वनि कितनी होनी चाहिए इसके मानक हैं। इसके बावजूद धर्म की आड़ में मनमानी चल रही थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन की टीम हरकत में आई। एक ही दिन में आगरा जोन में 756 लाउडस्पीकर उतर गए। 1945 की ध्वनि कम कराई गई है। रात दस बजे से सुबह छह बजे तक कहीं लाउडस्पीकर नहीं बजेगा।
आगरा जोन में आते हैं ये जिले
आगरा जोन में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, हाथरस और कासगंज आठ जिले आते हैं। बुधवार को एडीजी जोन कार्यालय से शासन को लाउस्पीकर के संबंध में रिपोर्ट भेजी गई। सरकार ने पांच दिनों में इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। सख्त निर्देश दिए थे कि अवैध लाउडस्पीकर हटाए जाएं। ध्वनि प्रदूषण को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश हैं। जो मानक तय हैं उससे अधिक ध्वनि में कहीं भी लाउडस्पीकर नहीं बजने चाहिए। इसके लिए धर्मगुरुओं के साथ बैठकें की जाएं।
एक भी जगह नहीं हुआ विवाद
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने प्रयास किए तो चौबीस घंटे में ही बेहतर नतीजे सामने आ गए। आठ जिलों में 756 लाउडस्पीकर हट गए। खास बात यह है कि एक जगह भी कोई विवाद नहीं हुआ। कई जगह तो टीम के पहुंचने से पहले लोगों ने खुद लाउडस्पीकर उतार दिए। एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि 1945 लाउडस्पीकर ध्वनि 45 डेसिबल सेट कराई गई है। इससे अधिक ध्वनि पर कहीं भी लाउडस्पीकर बजा तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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