आगरा : ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के लिए मंदिर को शिफ्ट करने का नोटिस, तनातनी के बाद 25 को वार्ता

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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 22 Apr 2022 03:30 AM IST

सार

मंदिर प्रबंध कमेटी के सेवायत को भेजे नोटिस में प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रेल भूमि पर बने मंदिर को अन्यत्र स्थानांतरित करने को कहा गया है। इसके लिए 10 दिन का समय भी दिया गया है।

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बिल्लोचपुरा से राजा की मंडी स्टेशन के बीच ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाने और घुमाव को कम करने के लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने राजा मंडी स्टेशन से सटे चामुंडा देवी मंदिर को स्थानांतरित करने को नोटिस भेजा है। बृहस्पतिवार को रेलवे अफसरों ने सेवायत से बातचीत की। इस पर तनातनी हो गई। 25 अप्रैल को दोनों पक्षों के बीच वार्ता होगी। 

रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को राजा की मंडी स्टेशन पर किदवई पार्क पुल को ऊंचा करना है। यह कार्य छह माह से लटका हुआ है। पुल के लिए दोनों ओर पिलर्स भी तैयार किए जा चुके हैं मगर राजा की मंडी स्टेशन पर ट्रैक के कार्य नहीं होने के कारण यह काम लटका हुआ है।

इसमें ट्रैक की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा है, जिसे बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जानी है। इसमें सबसे ज्यादा रुकावट पटरियों पर घुमाव (कर्व) के कारण आ रही है। सबसे ज्यादा घुमाव मंदिर और पीपल के पेड़ के कारण पैदा हुआ है।  इस घुमाव को खत्म करने के लिए रेलवे आसपास की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस भेजा था। 

डीसीएम प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि मंदिर प्रबंध कमेटी के सेवायत को भेजे नोटिस में प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रेल भूमि पर बने मंदिर को अन्यत्र स्थानांतरित करने को कहा गया है। इसके लिए 10 दिन का समय भी दिया गया है।

उधर, इसी मुद्दे को लेकर सीनियर डीईएन विश्वनाथन ने टीम के साथ मंदिर के सेवायत से बातचीत की। मंदिर को रेल भूमि से कुछ  आगे हटाने का प्रस्ताव भी दिया। इसको लेकर नोंकझोंक होने लगी।

इस दौरान स्टेशन प्रबंधक राजेंद्र सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे। मंदिर कमेटी को 25 अप्रैल का समय बातचीत के लिए दिया गया है। रेल अधिकारियों का कहना है कि पहले कोशिश है कि मसला आपसी बातचीत से सुलझाया जाए।

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विस्तार

बिल्लोचपुरा से राजा की मंडी स्टेशन के बीच ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाने और घुमाव को कम करने के लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने राजा मंडी स्टेशन से सटे चामुंडा देवी मंदिर को स्थानांतरित करने को नोटिस भेजा है। बृहस्पतिवार को रेलवे अफसरों ने सेवायत से बातचीत की। इस पर तनातनी हो गई। 25 अप्रैल को दोनों पक्षों के बीच वार्ता होगी। 

रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को राजा की मंडी स्टेशन पर किदवई पार्क पुल को ऊंचा करना है। यह कार्य छह माह से लटका हुआ है। पुल के लिए दोनों ओर पिलर्स भी तैयार किए जा चुके हैं मगर राजा की मंडी स्टेशन पर ट्रैक के कार्य नहीं होने के कारण यह काम लटका हुआ है।

इसमें ट्रैक की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा है, जिसे बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जानी है। इसमें सबसे ज्यादा रुकावट पटरियों पर घुमाव (कर्व) के कारण आ रही है। सबसे ज्यादा घुमाव मंदिर और पीपल के पेड़ के कारण पैदा हुआ है।  इस घुमाव को खत्म करने के लिए रेलवे आसपास की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस भेजा था। 

डीसीएम प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि मंदिर प्रबंध कमेटी के सेवायत को भेजे नोटिस में प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रेल भूमि पर बने मंदिर को अन्यत्र स्थानांतरित करने को कहा गया है। इसके लिए 10 दिन का समय भी दिया गया है।

उधर, इसी मुद्दे को लेकर सीनियर डीईएन विश्वनाथन ने टीम के साथ मंदिर के सेवायत से बातचीत की। मंदिर को रेल भूमि से कुछ  आगे हटाने का प्रस्ताव भी दिया। इसको लेकर नोंकझोंक होने लगी।

इस दौरान स्टेशन प्रबंधक राजेंद्र सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे। मंदिर कमेटी को 25 अप्रैल का समय बातचीत के लिए दिया गया है। रेल अधिकारियों का कहना है कि पहले कोशिश है कि मसला आपसी बातचीत से सुलझाया जाए।

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