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सार
धोखाधड़ी कर पुलिस की नौकरी पाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसमें एक ने परीक्षा दी, लेकिन नौकरी दो भाइयों की मिली। मामला खुला तो दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। वर्दी भी छिन गई।
पुलिस में भर्ती होने के लिए मथुरा के दो भाइयों ने धोखाधड़ी की। आगरा में एक भाई ने अपनी और दूसरे भाई की लिखित, अभिलेखों की संवीक्षा (जांच) और शारीरिक दक्षता परीक्षा दी। दोनों की धोखाधड़ी का पता विभाग को भी नहीं चल सका। मामले की शिकायत होने पर भर्ती बोर्ड ने जांच की। इसमें धोखाधड़ी सामने आ गई। फोटो, हस्ताक्षर और लिखावट के मिलान में मामला पकड़ा गया। दोनों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज और धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों की वर्दी भी छिन गई है।
अक्तूबर 2018 में निकली थी भर्ती
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने अक्तूबर 2018 में आरक्षी नागरिक पुलिस और पीएसी के पदों पर सीधी भर्ती निकाली थी। इसमें मथुरा के मगोर्रा स्थित गांव मल्हू निवासी बने सिंह के बेटे पालेंद्र सिंह और नेत्रपाल सिंह ने आवेदन किया था। अभ्यर्थी पालेंद्र सिंह की लिखित परीक्षा 27 जनवरी 2019 को शांतनु एंग्लो वैदिक इंटर कालेज, गुरुरामदास नगर गैलाना रोड आगरा में संपन्न हुई। नेत्रपाल की लिखित परीक्षा 28 जनवरी 2019 को गौतम ऋषि इंटर कालेज, दीप नगर में संपन्न हुई। परीक्षा में पास होने पर दोनों का चयन हो गया।
भर्ती बोर्ड में शिकायत
उनके चयन के खिलाफ धोखाधड़ी करने की शिकायत की गई। इस पर भर्ती बोर्ड ने उच्च स्तरीय समिति से जांच कराई। कार्यदायी संस्था से भर्ती परीक्षा से संबंधित दस्तावेज मांगे गए। इसमें लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक दक्षता के समय ली गई फोटो और डिजिटल का मिलान किया गया।
इसमें पता चला कि दोनों परीक्षा में नेत्रपाल ही सम्मिलित हुआ था। दोनों आवेदन पत्र, परीक्षा में उनके ही फोटो, डिजीटल हस्ताक्षर थे। अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षण के दौरान केंद्र पर स्वयं भरे जाने वाले विवरण पत्र में भी एक ही हैंड राइटिंग थी। नेत्रपाल ने पालेंद्र सिंह के स्थान पर सभी परीक्षा दीं। जांच समिति ने कार्रवाई के आदेश दिए।
विवेचना हुई ट्रांसफर
सीओ हरीपर्वत सत्य नारायण ने बताया कि लखनऊ में अगस्त 2021 में अनु सचिव भर्ती उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नत बोर्ड, लखनऊ रश्मि रानी ने मुकदमा दर्ज कराया था। चूंकि आरोपी मथुरा के रहने वाले हैं। उनकी परीक्षा सिकंदरा क्षेत्र के परीक्षा केंद्र पर हुई थी। इसलिए मुकदमे की विवेचना आगरा में स्थानांतरित की गई है। मामले के अनुसार, दो अभ्यर्थियों में से एक ही ने परीक्षा देकर वर्दी पाईं थीं। जांच में धोखाधड़ी का पता चला। मामले में विवेचना कर कार्रवाई की जाएगी।
विस्तार
पुलिस में भर्ती होने के लिए मथुरा के दो भाइयों ने धोखाधड़ी की। आगरा में एक भाई ने अपनी और दूसरे भाई की लिखित, अभिलेखों की संवीक्षा (जांच) और शारीरिक दक्षता परीक्षा दी। दोनों की धोखाधड़ी का पता विभाग को भी नहीं चल सका। मामले की शिकायत होने पर भर्ती बोर्ड ने जांच की। इसमें धोखाधड़ी सामने आ गई। फोटो, हस्ताक्षर और लिखावट के मिलान में मामला पकड़ा गया। दोनों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज और धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों की वर्दी भी छिन गई है।
अक्तूबर 2018 में निकली थी भर्ती
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने अक्तूबर 2018 में आरक्षी नागरिक पुलिस और पीएसी के पदों पर सीधी भर्ती निकाली थी। इसमें मथुरा के मगोर्रा स्थित गांव मल्हू निवासी बने सिंह के बेटे पालेंद्र सिंह और नेत्रपाल सिंह ने आवेदन किया था। अभ्यर्थी पालेंद्र सिंह की लिखित परीक्षा 27 जनवरी 2019 को शांतनु एंग्लो वैदिक इंटर कालेज, गुरुरामदास नगर गैलाना रोड आगरा में संपन्न हुई। नेत्रपाल की लिखित परीक्षा 28 जनवरी 2019 को गौतम ऋषि इंटर कालेज, दीप नगर में संपन्न हुई। परीक्षा में पास होने पर दोनों का चयन हो गया।
भर्ती बोर्ड में शिकायत
उनके चयन के खिलाफ धोखाधड़ी करने की शिकायत की गई। इस पर भर्ती बोर्ड ने उच्च स्तरीय समिति से जांच कराई। कार्यदायी संस्था से भर्ती परीक्षा से संबंधित दस्तावेज मांगे गए। इसमें लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक दक्षता के समय ली गई फोटो और डिजिटल का मिलान किया गया।
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