आगरा बवाल: मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से मदद मिलती तो शायद नहीं होती आगजनी, छात्रा के चाचा बोले- 75 बार किया कॉल, नहीं लगा नंबर

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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Sun, 17 Apr 2022 02:12 PM IST

सार

रुनकता में शुक्रवार को छात्रा को अगवा करने के आरोपी के तीन घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। छात्रा के चाचा ने आरोप लगाया कि घटना से पहले जब पंचायत जुटी तभी उन्होंने हेल्पलाइन नंबर और 112 पर कई बार कॉल लगाया, लेकिन नंबर ही नहीं लगा। 

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आगरा के रुनकता के हाट बाजार में शुक्रवार को भीड़ जुटी। तीन घरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। आरोपियों के भागने के बाद पुलिस को घटना का पता चला। छात्रा के चाचा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर 75 बार और पुलिस कंट्रोल रूम के 112 नंबर पर 11 बार कॉल किए। मगर, फोन नहीं लगा। चाचा का कहना था कि हेल्पलाइन पर हेल्प मिलती तो शायद आगजनी नहीं होती।

छात्रा के चाचा ने बताया कि शुक्रवार सुबह हाट बाजार में भीड़ जुटने लगी थी। एनाउंस किया जा रहा था। यह देखकर वो घबरा गए थे। उन्हें लगा था कि माहौल खराब हो सकता है। अराजकतत्व फायदा उठा सकते हैं, इसलिए वो पुलिस को बुलाना चाहते थे। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के नंबर 1076 और 112 पर सुबह नौ बजे से कॉल करने लगे। एक के बाद एक कॉल करते रहे, लेकिन कॉल नहीं लगी। कभी घंटी नहीं गई तो कभी नंबर व्यस्त हो गया। 1076 पर 75 और 112 पर 11 बार कॉल किए। जब तक पुलिस पहुंची घरों में आगजनी की घटना हो चुकी थी।

दरोगा पर लगाया यह आरोप 

शनिवार को परिजनों ने बताया कि सात दिन पहले ही उन्हें बेटी के साजिद से बातचीत के बारे में पता चला। इस पर बेटी को समझाया। उससे मोबाइल भी ले लिया। 11 अप्रैल को दोपहर तीन बजे बेटी घर से निकल गई। अपनी चप्पल भी पहनकर नहीं गई। आधा घंटे बाद बेटी के लापता होने का पता चला। वो पुलिस चौकी पहुंची। पुलिस को साजिद के बारे में बताया। पुलिस आई। 

सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दोपहर डेढ़ बजे ही एक गाड़ी आई थी। साढ़े तीन बजे छात्रा पहुंची। वह उसे लेकर चला गया। गाड़ी का नंबर पुलिस को मिल गया। इससे गाड़ी मालिक का पता चला। गाड़ी में जीपीएस लगा था। उसकी लोकेशन मिल रही थी। गाड़ी लखनऊ के लिए बुक की गई थी। मगर, उसे दिल्ली ले जाया गया। 

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आरोप लगाया कि थाने के एक दरोगा ने उन्हें दिल्ली जाने के लिए गाड़ी का इंतजाम करने के लिए कहा। इस पर वो बोलेरो लेकर आए। मगर, दरोगा ने मना कर दिया। इस पर दूसरी गाड़ी की। इस बार भी इनकार कर दिया। बाद में अर्टिगा लेकर आए। तब दरोगा और कुछ सिपाही साथ चलने के लिए तैयार हुए। तब तक आरोपी दूर निकल चुका था।

विस्तार

आगरा के रुनकता के हाट बाजार में शुक्रवार को भीड़ जुटी। तीन घरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। आरोपियों के भागने के बाद पुलिस को घटना का पता चला। छात्रा के चाचा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर 75 बार और पुलिस कंट्रोल रूम के 112 नंबर पर 11 बार कॉल किए। मगर, फोन नहीं लगा। चाचा का कहना था कि हेल्पलाइन पर हेल्प मिलती तो शायद आगजनी नहीं होती।

छात्रा के चाचा ने बताया कि शुक्रवार सुबह हाट बाजार में भीड़ जुटने लगी थी। एनाउंस किया जा रहा था। यह देखकर वो घबरा गए थे। उन्हें लगा था कि माहौल खराब हो सकता है। अराजकतत्व फायदा उठा सकते हैं, इसलिए वो पुलिस को बुलाना चाहते थे। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के नंबर 1076 और 112 पर सुबह नौ बजे से कॉल करने लगे। एक के बाद एक कॉल करते रहे, लेकिन कॉल नहीं लगी। कभी घंटी नहीं गई तो कभी नंबर व्यस्त हो गया। 1076 पर 75 और 112 पर 11 बार कॉल किए। जब तक पुलिस पहुंची घरों में आगजनी की घटना हो चुकी थी।

दरोगा पर लगाया यह आरोप 

शनिवार को परिजनों ने बताया कि सात दिन पहले ही उन्हें बेटी के साजिद से बातचीत के बारे में पता चला। इस पर बेटी को समझाया। उससे मोबाइल भी ले लिया। 11 अप्रैल को दोपहर तीन बजे बेटी घर से निकल गई। अपनी चप्पल भी पहनकर नहीं गई। आधा घंटे बाद बेटी के लापता होने का पता चला। वो पुलिस चौकी पहुंची। पुलिस को साजिद के बारे में बताया। पुलिस आई। 

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