आगरा में घायल महंत की मौत: मंदिर में बोला गया था हमला, 15 दिन बाद भी हमलावर गिरफ्तार नहीं

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आगरा के  नाई की मंडी के धाकरान चौराहे पर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में हमले में घायल हुए पुजारी 60 वर्षीय चंद्रशेखर धाकड़ की सोमवार सुबह मौत हो गई। पुलिस 15 दिन में हमलावर की पहचान नहीं कर सकी है। इससे आक्रोशित लोग मंदिर के बाहर शव रखकर तीन घंटे तक हंगामा करते रहे। पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की। बाद में एसपी सिटी विकास कुमार के आश्वासन पर माने। हंगामे के कारण एमजी रोड पर जाम भी लगा रहा।

चंद्रशेखर धाकड़ का घर मंदिर के पास ही मोहल्ले में है। वह 35 साल से मंदिर में पूजा कार्य कर रहे थे। रात में मंदिर में ही सो जाते थे। पांच सितंबर को एक व्यक्ति मंदिर आया था। अंदर से दरवाजा बंद था। काफी देर बाद भी नहीं खुलने पर परिजन आए थे। वह छत के रास्ते से मंदिर के अंदर पहुंचे। मंदिर में फर्श पर पुजारी लहूलुहान हालत में पड़े हुए थे।

उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। उनका उपचार चल रहा था। उन्हें होश नहीं आ सका। सोमवार सुबह पांच बजे उनकी मृत्यु हो गई। बड़े भाई संतोष ने बताया कि पुलिस अब तक यह पता नहीं कर सकी है कि भाई पर हमला किसने किया था। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद थे, जबकि मार्ग पर लगे कैमरे चालू हैं। इनसे भी पुलिस कुछ नहीं पता कर सकी है। इसको लेकर आक्रोश है।

सोमवार दोपहर को डेढ़ बजे पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन मंदिर लेकर आए। बाहर फुटपाथ पर शव रख दिया। इसकी जानकारी पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने पुलिस की धीमी चाल पर आक्रोश व्यक्त किया। तनाव की आशंका पर कई थानों की फोर्स बुला ली गई। लोगों ने 24 घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी और पुलिस की धीमी गति पर कार्रवाई की मांग की। सूचना पर फोर्स पहुंच गई। 

हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज

एसपी सिटी विकास कुमार ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ही शाम साढ़े चार बजे शव हटाया जा सका। एसपी सिटी ने बताया कि मुकदमे में हत्या की धारा की वृद्धि की गई है। घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। मंदिर के आसपास के कैमरे देखे गए हैं। मगर, कोई नजर नहीं आया है। पुलिस की एक टीम लगी हुई है। परिवार और परिचितों से जानकारी की जा रही है। 

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आगरा के  नाई की मंडी के धाकरान चौराहे पर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में हमले में घायल हुए पुजारी 60 वर्षीय चंद्रशेखर धाकड़ की सोमवार सुबह मौत हो गई। पुलिस 15 दिन में हमलावर की पहचान नहीं कर सकी है। इससे आक्रोशित लोग मंदिर के बाहर शव रखकर तीन घंटे तक हंगामा करते रहे। पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की। बाद में एसपी सिटी विकास कुमार के आश्वासन पर माने। हंगामे के कारण एमजी रोड पर जाम भी लगा रहा।

चंद्रशेखर धाकड़ का घर मंदिर के पास ही मोहल्ले में है। वह 35 साल से मंदिर में पूजा कार्य कर रहे थे। रात में मंदिर में ही सो जाते थे। पांच सितंबर को एक व्यक्ति मंदिर आया था। अंदर से दरवाजा बंद था। काफी देर बाद भी नहीं खुलने पर परिजन आए थे। वह छत के रास्ते से मंदिर के अंदर पहुंचे। मंदिर में फर्श पर पुजारी लहूलुहान हालत में पड़े हुए थे।

उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। उनका उपचार चल रहा था। उन्हें होश नहीं आ सका। सोमवार सुबह पांच बजे उनकी मृत्यु हो गई। बड़े भाई संतोष ने बताया कि पुलिस अब तक यह पता नहीं कर सकी है कि भाई पर हमला किसने किया था। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद थे, जबकि मार्ग पर लगे कैमरे चालू हैं। इनसे भी पुलिस कुछ नहीं पता कर सकी है। इसको लेकर आक्रोश है।

सोमवार दोपहर को डेढ़ बजे पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन मंदिर लेकर आए। बाहर फुटपाथ पर शव रख दिया। इसकी जानकारी पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने पुलिस की धीमी चाल पर आक्रोश व्यक्त किया। तनाव की आशंका पर कई थानों की फोर्स बुला ली गई। लोगों ने 24 घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी और पुलिस की धीमी गति पर कार्रवाई की मांग की। सूचना पर फोर्स पहुंच गई। 

हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज

एसपी सिटी विकास कुमार ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ही शाम साढ़े चार बजे शव हटाया जा सका। एसपी सिटी ने बताया कि मुकदमे में हत्या की धारा की वृद्धि की गई है। घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। मंदिर के आसपास के कैमरे देखे गए हैं। मगर, कोई नजर नहीं आया है। पुलिस की एक टीम लगी हुई है। परिवार और परिचितों से जानकारी की जा रही है। 

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