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चामुंडा देवी मंदिर 1716 वर्ग मीटर में बना है। इसमें 172 वर्ग मीटर निर्माण प्लेटफार्म नंबर एक पर है। इसे हटाने के लिए रेल प्रशासन ने पहले मंदिर कमेटी को नोटिस जारी किया। यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा के अलावा ट्रेनों रफ्तार कम होने का हवाला देते हुए अवैध निर्माण नहीं हटने पर स्टेशन को यात्रियों के लिए बंद करने की बात कही। उधर, हिंदूवादी संगठन रेलवे के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।
हिंदूवादी संगठन कर रहे विरोध
दूसरी तरफ हिंदूवादी संगठनों ने रेल प्रशासन के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए विरोध-प्रदर्शन का एलान किया है। सूत्रों के मुताबिक आगरा रेल मंडल के डीआरएम आनंद स्वरूप ने इस मामले से जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया है। जिसके बाद बुधवार को पहले एडीएम प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम सदर व तहसीलदार लेखपालों को लेकर जांच के लिए मंदिर पहुंचे। फिर एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह ने मुआयना किया।
एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह ने बताया कि टीम के साथ निरीक्षण किया है। सभी पहलुओं की जांच होगी। मंदिर पहले बना या स्टेशन ये भी जांच का विषय है। निर्माण की पैमाइश की गई है। नक्शा बनाया है। एडीएम, एसडीएम व प्रशासनिक टीम के लौटने के बाद बुधवार शाम को जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह व एसएसपी सुधीर कुमार सिंह मंदिर का मुआयना करने पहुंचे। करीब 15 मिनट उन्होंने मंदिर परिसर के अलावा प्लेटफार्म एक पर हुए निर्माण का जायजा लिया है।
ट्वीट के बाद ट्रोल हुए डीआरएम
राजा की मंडी स्टेशन से मंदिर के स्थान परितर्वन नोटिस के संबंध में डीआरएम आनंद स्वरूप ने मंगलवार को अधिकृत ट्विटर हैंडल से पत्र जारी किया था। इसमें लिखा था कि प्लेटफार्म पर हुआ अवैध निर्माण रेलवे के शेड्यूल ऑफ डायमेंशन (एसओडी) का उल्लंघन है। इसके बाद डीआरएम को ट्विट्र पर ट्रोल किया जाना लगा। धर्मस्थलों को लेकर टिप्पणियां की गई हैं।
एक महीने में हुए दो हादसे
राजा की मंडी स्टेशन पर एक महीने में दो हादसों में दो लोगों की मौत हो चुकी है। पहले चक्कर आने से जीआरपी का सिपाही ट्रेन के नीचे आ गया। इसके बाद 18 अप्रैल को दवा कंपनी का प्रतिनिधि ट्रेन में चढ़ते समय गिरने से मौत के मुंह में चला गया। इसके बाद प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेल प्रशासन एहतियात बरत रहा है।
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