यूक्रेन में फंसे कानपुर के विपुल की स्थिति जानकर फार्मासिस्ट पिता डॉ. सीपी सिंह, मां किरन सिंह, बहन रचना सिंह, चाचा डॉ. महेंद्र पाल सिंह व चाची अर्चना परेशान हैं। मां किरन का कहना है कि विपुल के फंसे होने के कारण दो दिनों से घर पर चूल्हा तक नहीं जला है।
हम 48 घंटे से अपने फ्लैट में कैद हैं…कल तक यूनिवर्सिटी सबकुछ ठीक होने का दावा रही थी, अब उन्होंने अपने वतन वापसी की व्यवस्था करने की नसीहत दी है…। सड़क, वायु और ट्रेन सभी रास्तों पर सेना है। बिजली, पानी नहीं है। खाना खत्म होता जा रहा है…।
तापमान माइनस में है। ये बातें यूक्रेन के ओडेसा शहर में फंसे जरौली फेज-2 के रहने वाले विपुल सिंह ने शुक्रवार को वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिजनों को बताई। विपुल की स्थिति जानकर फार्मासिस्ट पिता डॉ. सीपी सिंह, मां किरन सिंह, बहन रचना सिंह, चाचा डॉ. महेंद्र पाल सिंह व चाची अर्चना परेशान हैं।
मां किरन का कहना है कि विपुल के फंसे होने के कारण दो दिनों से घर पर चूल्हा तक नहीं जला है। बेटा धमाकों के बीच फंसा है। हमारे गले से निवाला कैसे उतरेगा। विपुल यूक्रेन की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने परिजनों को बताया कि ओेडेसा से करीब 5 से 6 किमी दूर रूस की आर्मी का कब्जा हो चुका है।
वह एक फ्लैट में दो अन्य भारतीय मूल के छात्रों के साथ फंसे हैं। गुरुवार को एक घंटे के भीतर सात जोरदार धमाकों से शहर दहल उठा। धमाके इतने तेज थे कि उनकी बिल्डिंग तक हिल गई। तभी पूरे शहर की बिजली काट दी गई।
तापमान तीन से माइनस तीन डिग्री सेल्सियस तक है। बिजली न होने से ठंड का सामना करना मुश्किल होता जा रहा है। चारों ओर आर्मी है। सभी लोग घरों में कैद हैं। मोबाइल की बैट्री, पीने का पानी, खाने की सामग्री सबकुछ खत्म होने की कगार पर है।
बैंक खातों में पैसे हैं, लेकिन एटीएम के बाहर लाइनें लगी हैं। यूक्रेन लाने वाले ठेकेदार से उन्होंने भारत वापसी के लिए संपर्क किया तो ठेकेदार ने जल्द ही सभी को ओेडेसा से करीब 660 किमी दूर स्थित रोमनिया देश पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री को ट्वीट कर मांगी मदद
विपुल ने अपनी स्थिति से अवगत कराते हुए प्रधानमंत्री को ट्वीट कर मदद मांगी है। इस पर भारतीय दूतावास ने उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
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हम 48 घंटे से अपने फ्लैट में कैद हैं…कल तक यूनिवर्सिटी सबकुछ ठीक होने का दावा रही थी, अब उन्होंने अपने वतन वापसी की व्यवस्था करने की नसीहत दी है…। सड़क, वायु और ट्रेन सभी रास्तों पर सेना है। बिजली, पानी नहीं है। खाना खत्म होता जा रहा है…।
तापमान माइनस में है। ये बातें यूक्रेन के ओडेसा शहर में फंसे जरौली फेज-2 के रहने वाले विपुल सिंह ने शुक्रवार को वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिजनों को बताई। विपुल की स्थिति जानकर फार्मासिस्ट पिता डॉ. सीपी सिंह, मां किरन सिंह, बहन रचना सिंह, चाचा डॉ. महेंद्र पाल सिंह व चाची अर्चना परेशान हैं।
मां किरन का कहना है कि विपुल के फंसे होने के कारण दो दिनों से घर पर चूल्हा तक नहीं जला है। बेटा धमाकों के बीच फंसा है। हमारे गले से निवाला कैसे उतरेगा। विपुल यूक्रेन की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने परिजनों को बताया कि ओेडेसा से करीब 5 से 6 किमी दूर रूस की आर्मी का कब्जा हो चुका है।