महंगाई के चलते लोगों की जेबें ढीली हो रही हैं। लोगों को खाने पीने की चीजें खरीदने के लिए पहले से अधिक कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। पिछले एक माह में चावल, आटा और खाद्य तेल की कीमतों में तकरीबन 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि बताई जा रही है। काशी गल्ला फड़िया संघ के अध्यक्ष व कारोबारी भगवान दास जायसवाल ने इसकी पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि इस समय मध्य प्रदेश से गेहूं का आयात हो रहा है, जिसके कारण आटा के भाव में वृद्धि हुई है। वहीं असमय बारिश से धान की कम पैदावार होने के डर से बाजार में चावल के भाव बढ़े हैं। उधर यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण रिफाइंड में इस महीने फिर से वृद्धि हो गई। पिछले महीने खाद्य तेलों के भाव कम हुए थे। बेहतर किस्म की चावल बासमती पहले 80 रुपये प्रति किलो थी। जो अब 100 से 110 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। वहीं जो चावल पिछले महीने 35 रुपये किलो था वह 45 रुपये हो गया है। यहीं नहीं अरहर व चना दाल की कीमतों में भी उछाल आया है। सरसों तेल व रिफाइंड के दाम प्रति लीटर 10 से 12 रुपये बढ़े हैं। वहीं 32 रुपये प्रति किलो मिलने वाली सूजी अब 40 रुपये में बिक रही है। मैदा भी 30 से 36 रुपये किलो हो गया है।
खाद्य पदार्थ एक महीना पहले कीमत अब चावल 32 प्रति किलो 40 प्रति किलो आटा 25 प्रति किलो 32 प्रति किलो अरहर दाल 104 प्रति किलो 110 प्रति किलो चना दाल 65 प्रति किलो 70 प्रति किलो मसूर दाल 80 प्रति किलो 90 प्रति किलो सरसों का तेल 150 प्रति लीटर 160 लीटर रिफाइंड 135 प्रति लीटर 145 लीटर
महंगाई के चलते लोगों की जेबें ढीली हो रही हैं। लोगों को खाने पीने की चीजें खरीदने के लिए पहले से अधिक कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। पिछले एक माह में चावल, आटा और खाद्य तेल की कीमतों में तकरीबन 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि बताई जा रही है। काशी गल्ला फड़िया संघ के अध्यक्ष व कारोबारी भगवान दास जायसवाल ने इसकी पुष्टि की।