आवासीय योजनाओं के आवंटन में धांधली का मामला : हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार पर लगाया 25 हजार रुपये का हर्जाना

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं की धांधली के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जवाब न दे पाने की वजह से 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि नियत की है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने राजेंद्र त्यागी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची के अधिवक्ता समीर शर्मा ने तर्क दिया कि यूपी सरकार ने 14 जुलाई तक धांधली करने वाले जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने कार्रवाई करने केलिए खंडपीठ से एक और मौका देने का आग्रह दिया।

कोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई। वहीं सरकारी अधिवक्ता ने कहा, अगर कोर्ट एक और मौका दे दे तो वह जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने नियत तिथि पर कार्रवाई न करने पर प्रदेश सरकार पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। कहा, अगली सुनवाई तक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तिथि तय कर दी।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं की धांधली के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जवाब न दे पाने की वजह से 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि नियत की है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने राजेंद्र त्यागी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची के अधिवक्ता समीर शर्मा ने तर्क दिया कि यूपी सरकार ने 14 जुलाई तक धांधली करने वाले जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने कार्रवाई करने केलिए खंडपीठ से एक और मौका देने का आग्रह दिया।

कोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई। वहीं सरकारी अधिवक्ता ने कहा, अगर कोर्ट एक और मौका दे दे तो वह जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने नियत तिथि पर कार्रवाई न करने पर प्रदेश सरकार पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। कहा, अगली सुनवाई तक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तिथि तय कर दी।

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