आशा ज्योति केंद्र मामला: केंद्र में जबरन रखवाया था मां-बेटी को, कर्मचारी बोली-मैंने मना किया था, पुलिस वाले नहीं माने

0
20

[ad_1]

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: हिमांशु अवस्थी
Updated Wed, 11 May 2022 09:08 AM IST

सार

आशा ज्योति केंद्र में महिला द्वारा आत्महत्या करने के मामले में राज्य महिला आयोग की टीम जांच करने के लिए पहुंची। इस जांच में यह बात सामने आई कि पुलिस ने दबाव बनाकर जबरन मां-बेटी को केंद्र में रखवाया था। 

ख़बर सुनें

कानपुर के स्वरूप नगर स्थित आशा ज्योति केंद्र में पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर महिला के फांसी लगाने के मामले में मंगलवार को राज्य महिला आयोग की सदस्यों ने केंद्र पहुंचकर जांच की। इस दौरान पाया कि नवाबगंज पुलिस ने आशा ज्योति केंद्र के कर्मचारियों पर दबाव बनाकर जबरन मां-बेटी को वहां रखवाया था। ये पूरी तरह से नियम विरुद्घ है। केंद्र में सिर्फ पॉक्सो व घरेलू हिंसा की पीड़िताओं को ही रखा जाता है। टीम ने जांच रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष को भेजी है। 
नवाबगंज पुलिस बिना एफआईआर दर्ज किए चोरी के मामले में मगरवारा उन्नाव निवासी सुदामा व उनकी 13 वर्षीय बेटी को रविवार दोपहर थाने लाई थी। दस घंटे तक पूछताछ करने के बाद दोनों को रात सवा दो बजे स्वरूपनगर स्थित आशा ज्योति केंद्र में रखवा दिया था। पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर सोमवार सुबह सुदामा ने केंद्र के बाथरूम में फांसी लगा ली थी।

मामले का संज्ञान लेकर महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर और रंजना शुक्ला मंगलवार को आशा ज्योति केंद्र पहुंचीं, वहां के कर्मचारियों व सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ की। पूनम कपूर ने बताया कि केंद्र में कोर्ट के आदेश पर पॉक्सो और घरेलू हिंसा की पीड़िताओं को ही रखा जाता है। मां-बेटी को नियम दरकिनार कर यहां रखा गया था। 

कर्मचारी बोली…मैंने मना किया था पर पुलिस वाले नहीं माने
रविवार रात सवा दो बजे जब पुलिस मां बेटी को लेकर आशा ज्योति केंद्र पहुंची थी तो वहां पर एक महिला कर्मचारी मौजूद थी। दो महिला सिपाही भी थीं। कर्मचारी ने महिला आयोग की टीम को बताया कि जब पुलिसकर्मी दोनों को लेकर पहुंचे थे तो उन्होंने उनको रखने से मना कर दिया था। मगर पुलिस वाले नहीं माने थे। बोले थे कुछ ही घंटे रखना है, सुबह दोबारा पूछताछ के लिए उनको ले जाएंगे। पुलिस के दबाव में आकर कर्मचारी विरोध नहीं कर सकी थी। 

डीएम को भेजी रिपोर्ट, गिर सकती है पुलिसकर्मियों पर गाज 
पूनम कपूर ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट आयोग की अध्यक्ष को भेज दी गई है। जांच में नवाबगंज पुलिस की लापरवाही व गलती उजागर हुई है। आयोग की तरफ से एक पत्र डीएम को भेजकर मामले में कार्रवाई करने को कहा गया है। ऐसे में नवाबगंज के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है। पुलिस कमिश्नर को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया है। 

यह भी पढ़ें -  उन्नाव: पानी की समस्या होगी दूर, डेढ़ करोड़ होंगे खर्च

दोपहर दो बजे के बाद नहीं होती एंट्री
पूनम कपूर के मुताबिक कोर्ट के आदेश के बगैर घरेलू हिंसा व पॉक्सो पीड़िताओं को भी वहां नहीं रख सकते। जिनको रखा जाता है, उनकी इंट्री दोपहर दो बजे तक ही की जाती है। इस तरह अवैध रूप से आधी रात के बाद किसी को वहां रखना पूरी तरह नियम के खिलाफ है।

विस्तार

कानपुर के स्वरूप नगर स्थित आशा ज्योति केंद्र में पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर महिला के फांसी लगाने के मामले में मंगलवार को राज्य महिला आयोग की सदस्यों ने केंद्र पहुंचकर जांच की। इस दौरान पाया कि नवाबगंज पुलिस ने आशा ज्योति केंद्र के कर्मचारियों पर दबाव बनाकर जबरन मां-बेटी को वहां रखवाया था। ये पूरी तरह से नियम विरुद्घ है। केंद्र में सिर्फ पॉक्सो व घरेलू हिंसा की पीड़िताओं को ही रखा जाता है। टीम ने जांच रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष को भेजी है। 

नवाबगंज पुलिस बिना एफआईआर दर्ज किए चोरी के मामले में मगरवारा उन्नाव निवासी सुदामा व उनकी 13 वर्षीय बेटी को रविवार दोपहर थाने लाई थी। दस घंटे तक पूछताछ करने के बाद दोनों को रात सवा दो बजे स्वरूपनगर स्थित आशा ज्योति केंद्र में रखवा दिया था। पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर सोमवार सुबह सुदामा ने केंद्र के बाथरूम में फांसी लगा ली थी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here