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कन्नौज की सदियों पुरानी इमारतें
– फोटो : अमर उजाला
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देश की सबसे लंबी सड़क में से एक जीटी रोड से गुजरने वाले मुसाफिरों की थकान दूर करने के लिए बने आरामगाह अब खंडहर में तब्दील हो गए हैं। 16वीं सदी में जीटी रोड के निर्माण के साथ ही बनी यह इमारतें खंडहर होने के बावजूद मजबूत बुनियाद की बदौलत आज भी शान से खड़ी हैं। सरकार के जिम्मेदारों की निगाह पड़ जाए तो काया पलट हो सकता है।
देश-दुनिया में खुशबू के लिए मशहूर कन्नौज शहर ने अपने दामन में सुनहरे इतिहास को समेटे रखा है। 1300 साल पहले यशस्वी शासक रहे सम्राट हर्षवर्धन का शासनकाल रहा हो या फिर 11वीं सदी में राजा जयचंद का शासनकाल। हर दौर में कन्नौज साम्राज्य का झंडा बुलंद रहा। उनसे जुड़ी यादों को शहर में अलग-अलग जगहों पर समेट कर रखा गया है। मुगलकाल में जब जीटी रोड का निर्माण हुआ तो इस सड़क से होकर गुजरने वाले राहगीरों को पनाह देने के लिए यहां जगह-जगह सड़क किनारे पनाहगाह बनाया गया। बेहतरीन कारीगरी और मजबूत बुनियाद वाली यह इमारतें अब खंडहर में तब्दील हो रही हैं। इनकी देखरेख न होने से इनकी रौनक खत्म हो रही है। कन्नौज शहर में जीटी रोड किनारे जगह-जगह यह इमारत दिख जाती है लेकिन अब इन इमारतों की अनदेखी हो रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी के बावजूद इन इमारतों की बुनियाद मजबूत है। जिम्मेदारों की निगाह पड़ जाए तो यह खंडहर भी पर्यटन स्थल बन सकते हैं।
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