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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में बिना अनुमति ब्रिटिश हाईकमीशन के अफसरों के आने और छात्रों से उनकी सीधी वार्ता को इविवि प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के आंदोलन में आई तेजी को ब्रिटिश अफसरों के आगमन से जोड़कर देखा जा रहा है।
ब्रिटिश हाईकमीशन के हेड ऑफ पॉलिटिकल एंड बाइलेटरल अफेयर्स रिचर्ड बार्लो और वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार भावना विज 29 अगस्त को इविवि परिसर में आए थे। वे सीधे छात्र-छात्राओं से मिले थे और भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटिश सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रहीं सुविधाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया था।
विश्वविद्यालय पसिर में भ्रमण के दौरान उनके साथ पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह भी मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने देखा कि कहीं छात्रसंघ बहाली के मुद्दे पर तो कहीं फीस वृद्धि के विरोध में धरना-प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान उन्होंने छात्र नेताओं से उनके आंदोलन के बारे में भी पूछा था। इस मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है।
इविवि की पीआरओ डॉ. जया कपूर की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘ब्रिटिश उच्चायोग के दो अधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में कुछ तथाकथित छात्र नेताओं के माध्यम से विभिन्न विभागों में छात्रों से संपर्क किया और छात्र संघ के मुद्दे सहित कुछ अन्य विवादित विषयों पर छात्रों में भड़काने वाली बातें कीं। इसके परिणाम स्वरूप फीस वृद्धि के मुद्दे पर विश्वविद्यालय और इसके आसपास आंदोलन एवं प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
पीआरओ के अनुसार उच्चायोग के इन अधिकारियों ने न ही विश्वविद्यालय के किसी अधिकारी से संपर्क किया और न ही परिसर में आने की सूचना दी या अनुमति मांगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन सभी गतिविधियों को बहुत गंभीरता लिया है और इस मामले में जिला प्रशासन से संपर्क में है। जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ विश्वविद्यालय की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
विस्तार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में बिना अनुमति ब्रिटिश हाईकमीशन के अफसरों के आने और छात्रों से उनकी सीधी वार्ता को इविवि प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के आंदोलन में आई तेजी को ब्रिटिश अफसरों के आगमन से जोड़कर देखा जा रहा है।
ब्रिटिश हाईकमीशन के हेड ऑफ पॉलिटिकल एंड बाइलेटरल अफेयर्स रिचर्ड बार्लो और वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार भावना विज 29 अगस्त को इविवि परिसर में आए थे। वे सीधे छात्र-छात्राओं से मिले थे और भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटिश सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रहीं सुविधाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें प्रेरित किया था।
विश्वविद्यालय पसिर में भ्रमण के दौरान उनके साथ पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह भी मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने देखा कि कहीं छात्रसंघ बहाली के मुद्दे पर तो कहीं फीस वृद्धि के विरोध में धरना-प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान उन्होंने छात्र नेताओं से उनके आंदोलन के बारे में भी पूछा था। इस मामले को विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से लिया है।
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