इलाहाबाद हाईकोर्ट : अधिवक्ता पर महिला जज को धमकी देने का आरोप, कोर्ट ने लिखित में माफी मांगने का दिया आदेश

0
77

[ad_1]

सार

हाईकोर्ट ने बस्ती में तैनात महिला जज के साथ वकील के इस कृत्य पर संज्ञान लेते हुए बस्ती के अधिवक्ता रमाकांत वर्मा व एक वादकारी रामसनवरे को कोर्ट में तलब किया था। दोनों ने हाईकोर्ट में जज के समक्ष अर्जी देकर बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वे ऐसी गलती को भविष्य में नहीं दोहराएंगे।

ख़बर सुनें

परिवार न्यायालय की एक महिला जज को नोटिस भेजकर उनको मुआवजा नहीं देने पर उनके खिलाफ दावा दाखिल करने की धमकी एक वकील ने दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धमकी देने वाले वकील के इस कृत्य को वकील की मर्यादा के खिलाफ कहा है। कोर्ट ने कहा कि वकील के इस कृत्य को कतई सराहा नहीं जा सकता। कोर्ट ने अधिवक्ता व वादकारी को महिला जज के समक्ष जाकर लिखित में माफी मांगने को कहा है।

हाईकोर्ट ने बस्ती में तैनात महिला जज के साथ वकील के इस कृत्य पर संज्ञान लेते हुए बस्ती के अधिवक्ता रमाकांत वर्मा व एक वादकारी रामसनवरे को कोर्ट में तलब किया था। दोनों ने हाईकोर्ट में जज के समक्ष अर्जी देकर बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वे ऐसी गलती को भविष्य में नहीं दोहराएंगे।

हाईकोर्ट ने वकील व वादकारी को माफ करते हुए कहा कि दोनों को अंजू कनौजिया, एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट बस्ती के समक्ष 13 अप्रैल 2022 या उससे पहले माफी मांगनी होगी।

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया

 

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जिसे अधिवक्ता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बस्ती में 20 अप्रैल तक जमा करना होगा। पांच हजार रुपए की रकम को जमा नहीं करने पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि अधिवक्ता रमाकांत वर्मा का जिला कचहरी में छह माह तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अदालत ने इस केस की सुनवाई के लिए पांच मई 2022 की तिथि नियत की है।

यह भी पढ़ें -  Bihar Hooch Tragedy: योगी सरकार के मंत्री बोले- बिहार में जहरीली शराब से मौतों के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार

 

 

एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट को कहा है कि वह अधिवक्ता द्वारा आदेश का अनुपालन करने पर उसकी रिपोर्ट प्रेषित करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनील कुमार व न्यायमूर्ति उमेश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में अधिवक्ता व वादकारी दोनों न्यायालय में उपस्थित रहे। न्यायालय ने इस बीच उनकी उपस्थिति को माफ कर दिया है, परंतु कहा है यह माफी उनके द्वारा आदेश का अनुपालन करने पर आधारित रहेगी।

विस्तार

परिवार न्यायालय की एक महिला जज को नोटिस भेजकर उनको मुआवजा नहीं देने पर उनके खिलाफ दावा दाखिल करने की धमकी एक वकील ने दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धमकी देने वाले वकील के इस कृत्य को वकील की मर्यादा के खिलाफ कहा है। कोर्ट ने कहा कि वकील के इस कृत्य को कतई सराहा नहीं जा सकता। कोर्ट ने अधिवक्ता व वादकारी को महिला जज के समक्ष जाकर लिखित में माफी मांगने को कहा है।

हाईकोर्ट ने बस्ती में तैनात महिला जज के साथ वकील के इस कृत्य पर संज्ञान लेते हुए बस्ती के अधिवक्ता रमाकांत वर्मा व एक वादकारी रामसनवरे को कोर्ट में तलब किया था। दोनों ने हाईकोर्ट में जज के समक्ष अर्जी देकर बिना शर्त माफी मांगी और कहा कि वे ऐसी गलती को भविष्य में नहीं दोहराएंगे।

हाईकोर्ट ने वकील व वादकारी को माफ करते हुए कहा कि दोनों को अंजू कनौजिया, एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट बस्ती के समक्ष 13 अप्रैल 2022 या उससे पहले माफी मांगनी होगी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here