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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरी कंपनी की देनदारी राशि का चेक याची कंपनी से जबरन लिए जाने के मामले में जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर से स्पष्टीकरण देने को कहा है। कोर्ट ने डीएम से कहा है कि जब देनदार कंपनी एक्यूरेट मेंटर्स लिमिटेड से याची कंपनी का कोई संबंध नहीं है तो कैसे चेक लिया गया।
कोर्ट ने मिलते-जुलते नाम वाली कंपनी के खिलाफ श्रम न्यायालय के अवार्ड की अवमानना के भय से याची कंपनी से जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर के आदेश पर तहसीलदार दादरी के नाम जबरन लिए गए बैंक चेक के कैश कराने पर रोक लगा दी है। कहा है कि चेक सुरक्षित अभिरक्षा में रखा जाय। याचिका की सुनवाई 20 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने एक्यूरेट इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी नॉलेज पार्क ग्रेटर नोएडा की याचिका पर दिया है।
याचिका के अनुसार श्रम न्यायालय ने ए-2 सेक्टर 10 नोएडा एक्यूरेट मेटर्स लि. के खिलाफ 10 लाख, 15 हजार 672 रुपये का अवार्ड पारित किया। जिसकी वसूली के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिया। जिलाधिकारी ने देनदार कंपनी के बजाय मिलते जुलते नाम की याची कंपनी से जबरन चेक ले लिए। याचिका में जिलाधिकारी पर लोक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
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