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(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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इलाहाबाद हाईकोर्ट से धोखाधड़ी और षड़्यंत्र के मामले में गौतमबुद्धनगर के ईकोटेक-थ्री थाने में दर्ज प्राथमिकी में पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अपराध गंभीर है, लिहाजा याची जमानत पाने का हकदार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक वर्मा ने याची कैलाश भाटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची की ओर से कहा गया कि वह बेकसूर है और उसे जानबूझकर फंसाया गया है। जबकि, विरोधी पक्ष के अधिवक्ता केके राव ने इसका विरोध किया। कहा कि याची ने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर रिकॉर्डों के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी रिकॉर्ड बनाए। मामले में एसआईटी द्वारा जांच कराई गई, जिसकी वजह से पूरे तथ्य सामने आए और धोखाधड़ी उजागर हो सकी।
मामले में याची पर आरोप है कि उसने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर तुस्याना गांव के खसरा नंबर 987, 1104, 1105, 1106 में 175 बीघा भूमि को हड़प लिया। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच से जांच कराई गई। यह मुकदमा अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया। 175 बीघा जमीन राजस्व रिकॉर्ड में बंजर के तौर दर्ज थी। याची पहले ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में कार्यरत था। बाद में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सेवा में आ गया। फिलहाल जेल में बंद है।
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