इलाहाबाद हाईकोर्ट : मादक पदार्थ की तस्करी के दोषियों की हाईकोर्ट ने अर्थदंड की सजा कम की

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 02 Apr 2022 08:31 AM IST

सार

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कानपुर नगर के याची यशपाल सिंह यादव और संजय कुमार विश्वकर्मा की अलग-अलग याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए उसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ की तस्करी करने के दोषियों पर कानपुर सत्र न्यायालय की ओर से लगाए गए अर्थदंड की सजा को कम कर दिया है। कोर्ट ने दोनों ही दोषियों को अब एक-एक लाख रुपये जुर्माना भरने को कहा है। अगर दोषी जुर्माने की रकम को अदा नहीं कर सकेंगे तो उन्हें एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कानपुर नगर के याची यशपाल सिंह यादव और संजय कुमार विश्वकर्मा की अलग-अलग याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए उसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

दोनों दोषियों ने पूरी कर ली है 13 साल की सजा
हाईकोर्ट के समक्ष दोनों याचियों ने कानपुर नगर के सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी थी। सत्र न्यायालय ने स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 में दोष सिद्ध पाते हुए याची यशपाल को 15 वर्ष का सश्रम कारावास व तीन लाख रुपये जुर्माने और संजय कुमार विश्वकर्मा को 18 साल का सश्रम कारावास व चार लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया था।

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याचियों की ओर से सत्र न्यायालय द्वारा लगाए गए अर्थदंड को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने पाया कि दोनों ही दोषियों ने 13 साल की सश्रम सजा पूरी कर ली है। पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और कारावास के दौरान कोई प्रतिकूल टिप्पणी भी नहीं है, जो दंड के सुधारवादी सिद्धांतों को बल प्रदान करते हैं। कोर्ट ने इन आधारों पर याचियों की जुर्माने की सजा को घटाकर एक लाख कर दिया।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ की तस्करी करने के दोषियों पर कानपुर सत्र न्यायालय की ओर से लगाए गए अर्थदंड की सजा को कम कर दिया है। कोर्ट ने दोनों ही दोषियों को अब एक-एक लाख रुपये जुर्माना भरने को कहा है। अगर दोषी जुर्माने की रकम को अदा नहीं कर सकेंगे तो उन्हें एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कानपुर नगर के याची यशपाल सिंह यादव और संजय कुमार विश्वकर्मा की अलग-अलग याचिका पर एक साथ सुनवाई करते हुए उसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

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