[ad_1]
स्वतंत्रदेव सिंह।
– फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट से यूपी के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित चार को राहत मिली है। कोर्ट ने हत्या के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग से इन्कार कर दिया और उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा है कि तीन महीने के भीतर निष्पक्ष, पारदर्शी जांच करें। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह की खंडपीठ ने सत्येंद्र सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याची के अधिवक्ता गुलाब चंद्र ने कहा कि मंत्री के करीबी किशन सिंह ने उसके बेटे शिवाकांत को ले जाकर हत्या कर दी। जब उसने इस मामले में उसराहार थाने में प्राथमिकी दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने इन्कार कर दिया। कहा कि जांच के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। जबकि, मामला हत्या का है और सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी पहले दर्ज करनी चाहिए। प्रतिवादीगण इसे दुर्घटना का रूप दे रहे हैं।
मंत्री के भतीजे ने दुर्घटना बताकर एक प्राथमिकी दर्ज करा दी। जबकि, याची की प्राथमिकी नहीं दर्ज की। इससे साफ है कि पुलिस उसके मामले में निष्पक्ष जांच नहीं करेगी। इसलिए मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाए। इसके साथ ही याची ने सुरक्षा की भी मांग की थी। मामले में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ उनके तीन और करीबियों को पार्टी बनाया गया था। इस पर कोर्ट ने यूपी पुलिस को निष्पक्ष जांच का आदेश दिया है।
[ad_2]
Source link