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सार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में सक्रिय एक सांसद के मुताबिक कम मतदान का कारण लोगों का वोट देने के लिए घर से बाहर न निकलना रहा। लोग कोरोना काल में संक्रमण को लेकर डरे और मतदान बूथ तक नहीं आए। सूत्र का कहना है कि चाहे जो हो भाजपा के पक्ष में अच्छा नतीजा अच्छा आएगा…
संसद के बजट सत्र में शुक्रवार को सांसदों के बीच पहले चरण में हुआ कम मतदान चर्चा का विषय बना रहा। कुछ सांसदों का मानना है कि कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद ने गठबंधन को ऑक्सीजन दे दी। जबकि भाजपा सांसद इसे पक्ष में मानते हैं। शामली के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि भाजपा जिसे तुरुप का इक्का समझ रही थी, वह नहीं चल पाया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में सक्रिय एक सांसद के मुताबिक कम मतदान का कारण लोगों का वोट देने के लिए घर से बाहर न निकलना रहा। लोग कोरोना काल में संक्रमण को लेकर डरे और मतदान बूथ तक नहीं आए। सूत्र का कहना है कि चाहे जो हो भाजपा के पक्ष में अच्छा नतीजा अच्छा आएगा।
एक बड़ी चुनाव एजेंसी के लिए सर्वे में लगे सूत्र का कहना है कि कर्नाटक के हिजाब विवाद ने आग में घी का काम किया। इसका भाजपा को लाभ नहीं मिल पाया। सूत्र का आकलन है कि इस विवाद के कारण गठबंधन के पक्ष में एक वर्ग का मतदाता एकजुट हो गया। मतदाताओं में संभावित बंटवारे को रोकने का माहौल बना और लोगों ने सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए वोट किया। जबकि दूसरी तरफ ध्रुवीकरण कराने का प्रयास धरा का धरा रह गया। चुनाव की टोह ले रहे वरिष्ठ मीडिया कर्मियों का भी आकलन यही है। हालांकि भाजपा के एक नेता का कहना है कि जल्दबाजी में कोई आकलन करना ठीक नहीं है। अभी तो केवल पहले चरण की 58 सीटों पर मतदान हुआ है। दूसरे चरण से पूरा माहौल बदला नजर आएगा।
बनारस में जितेन्द्र तिवारी भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। उनका कहना है कि हिजाब से जुड़ा एक विवाद जौनपुर के टीडी कालेज का है। यह पूर्वांचल में सुर्खियां बटोर रहा है। जितेन्द्र कहते हैं कि तीसरे और चौथे चरण से हिजाब विवाद से शुरू हुआ माहौल अपना असर दिखाएगा। हालांकि जितेन्द्र को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कम मतदान ने थोड़ा निराश किया है। वह कहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान, खासकर जाट तो पहले ही नाराज था। अब वह धीरे-धीरे भाजपा की तरफ लौट रहा है। इसमें समय तो लगता है।
विस्तार
संसद के बजट सत्र में शुक्रवार को सांसदों के बीच पहले चरण में हुआ कम मतदान चर्चा का विषय बना रहा। कुछ सांसदों का मानना है कि कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद ने गठबंधन को ऑक्सीजन दे दी। जबकि भाजपा सांसद इसे पक्ष में मानते हैं। शामली के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि भाजपा जिसे तुरुप का इक्का समझ रही थी, वह नहीं चल पाया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में सक्रिय एक सांसद के मुताबिक कम मतदान का कारण लोगों का वोट देने के लिए घर से बाहर न निकलना रहा। लोग कोरोना काल में संक्रमण को लेकर डरे और मतदान बूथ तक नहीं आए। सूत्र का कहना है कि चाहे जो हो भाजपा के पक्ष में अच्छा नतीजा अच्छा आएगा।
एक बड़ी चुनाव एजेंसी के लिए सर्वे में लगे सूत्र का कहना है कि कर्नाटक के हिजाब विवाद ने आग में घी का काम किया। इसका भाजपा को लाभ नहीं मिल पाया। सूत्र का आकलन है कि इस विवाद के कारण गठबंधन के पक्ष में एक वर्ग का मतदाता एकजुट हो गया। मतदाताओं में संभावित बंटवारे को रोकने का माहौल बना और लोगों ने सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए वोट किया। जबकि दूसरी तरफ ध्रुवीकरण कराने का प्रयास धरा का धरा रह गया। चुनाव की टोह ले रहे वरिष्ठ मीडिया कर्मियों का भी आकलन यही है। हालांकि भाजपा के एक नेता का कहना है कि जल्दबाजी में कोई आकलन करना ठीक नहीं है। अभी तो केवल पहले चरण की 58 सीटों पर मतदान हुआ है। दूसरे चरण से पूरा माहौल बदला नजर आएगा।
बनारस में जितेन्द्र तिवारी भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। उनका कहना है कि हिजाब से जुड़ा एक विवाद जौनपुर के टीडी कालेज का है। यह पूर्वांचल में सुर्खियां बटोर रहा है। जितेन्द्र कहते हैं कि तीसरे और चौथे चरण से हिजाब विवाद से शुरू हुआ माहौल अपना असर दिखाएगा। हालांकि जितेन्द्र को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कम मतदान ने थोड़ा निराश किया है। वह कहते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान, खासकर जाट तो पहले ही नाराज था। अब वह धीरे-धीरे भाजपा की तरफ लौट रहा है। इसमें समय तो लगता है।
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