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गंजमुरादाबाद। सूखे के प्रकोप की मार झेल रही धान की लहलहाती फसल को पत्ती लपेटक कीट ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। सहायक कृषि अधिकारी ने किसानों से समय रहते कीटनाशक का छिड़काव कर फसल को बचाने की सलाह दी है।
मानसून देर से आने के कारण धान की रोपाई करीब 15 दिन देर से हुई थी। अब फसल में बाली निकलने को हुई तो पत्ती लपेटक कीट ने हमला बोल दिया है। यह कीट पत्ती को लपेटकर उसमें रहता है और पत्ती को चट कर जाता है। जिससे पौधा कमजोर होने से बाली कम या दाना कमजोर हो जाता है।
क्षेत्र के लहरापुर, देवरिया, भिखारीपुर पतसिया, सिरधरपुर, बल्लापुर, कुशराजपुर, दारापुर, दरियापुर, जसरापुर, महोलिया और चहोलिया आदि गांवों में धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट भारी पैमाने में लग गया है। जिससे फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है। सहायक विकास अधिकारी कृषि देवी सिंह ने बताया कि जब पत्ती लपेटक कीट लग जाए तो किसानों को लिम्डाहेलोथ्रिन 500 मिली प्रति हेक्टेअर या क्लोरोपॉयरीफॉस एक लीटर प्रति हेक्टेअर में 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इससे यह कीट पूरी तरह नियंत्रित हो जाएगा।
गंजमुरादाबाद। सूखे के प्रकोप की मार झेल रही धान की लहलहाती फसल को पत्ती लपेटक कीट ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। सहायक कृषि अधिकारी ने किसानों से समय रहते कीटनाशक का छिड़काव कर फसल को बचाने की सलाह दी है।
मानसून देर से आने के कारण धान की रोपाई करीब 15 दिन देर से हुई थी। अब फसल में बाली निकलने को हुई तो पत्ती लपेटक कीट ने हमला बोल दिया है। यह कीट पत्ती को लपेटकर उसमें रहता है और पत्ती को चट कर जाता है। जिससे पौधा कमजोर होने से बाली कम या दाना कमजोर हो जाता है।
क्षेत्र के लहरापुर, देवरिया, भिखारीपुर पतसिया, सिरधरपुर, बल्लापुर, कुशराजपुर, दारापुर, दरियापुर, जसरापुर, महोलिया और चहोलिया आदि गांवों में धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट भारी पैमाने में लग गया है। जिससे फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है। सहायक विकास अधिकारी कृषि देवी सिंह ने बताया कि जब पत्ती लपेटक कीट लग जाए तो किसानों को लिम्डाहेलोथ्रिन 500 मिली प्रति हेक्टेअर या क्लोरोपॉयरीफॉस एक लीटर प्रति हेक्टेअर में 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इससे यह कीट पूरी तरह नियंत्रित हो जाएगा।
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