उन्नावः नेताजी को पसंद थी उन्नाव की जलेबी और कचौड़ी

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वर्ष 1984 में पूर्व राज्यमंत्री अशोक सिंह बेबी के घर पर भोजन करते मुलायम सिंह यादव। संवाद

वर्ष 1984 में पूर्व राज्यमंत्री अशोक सिंह बेबी के घर पर भोजन करते मुलायम सिंह यादव। संवाद
– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के निधन से जिले के सपाइयों के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों में शोक है। लंबे राजनीतिक सफर में उनका उन्नाव जिले से काफी गहरा नाता रहा।
सपा नेता शैलजा शरण शुक्ल ने बताया कि नेता जी इटावा जाते वक्त उन्नाव में कहीं भी रुक जाते थे। बताया कि बड़ा चौराहा पर अक्सर रुकते थे। वर्ष 2008 से पहले तक यहां माता प्रसाद की जलेबी की दुकान हुआ करती थी। उन्हें उनकी जलेबी और कचौड़ी-चटनी पसंद थी। गाड़ी रोक कर अक्सर खाते थे। सुंदर लाल कुरील बताते हैं कि 1978 में इटावा जाते समय नेताजी को भूख लगी।
वह बड़े चौराहे पर रुके और बताया कि कुछ खाने के लिए है। रात होने पर खान-पान की दुकानें बंद हो चुकी थीं। तब यहां स्थित माहेश्वरी की दुकान से थोड़े काजू और किसमिस खरीदे थे। उनके संपर्क में रहे लोग बताते हैं कि मुलायम सिंह लखनऊ से इटावा जाते वक्त अक्सर उन्नाव में रुक जाते थे। वह अपने राजनीतिक साथियों से जरूर मिलते थे। सभी को उनके नाम से पुकारना, साथ बैठकर चाय-नाश्ता और भोजन करना उनकी आदत थी।
संस्मरण बताते रुंध गया पूर्व विधायक का गला
पूर्व विधायक सुंदर लाल कुरील मुलायम सिंह के काफी करीबी रहे। वह बताते हैं कि उन्नाव में गांधीनगर मोहल्ला निवासी गंगा प्रसाद यादव, पूर्व राज्यमंत्री चौधरी अशोक सिंह बेबी, दिवंगत पूर्व राज्यमंत्री फतेहबहादुर सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता कमलाशंकर अवस्थी, पूर्व मंत्री व पार्टी जिलाध्यक्ष रहे अनवार अहमद सहित तमाम लोग उनके राजनीतिक संघर्ष में साथी रहे। सुंदरलाल ने बताया कि वह जब भी उन्नाव से होकर निकलते गंगा प्रसाद यादव, फतेहबहादुर सिंह के घर कुछ देर रुकते थे। वहीं पर परिचितों को बुलाकर विचार विमर्श करते थे।
शिकवा शिकायत पर ध्यान नहीं देते थे
पूर्व राज्यमंत्री अशोक सिंह बेबी ने बताया कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के कार्यकर्ता को साथ लेकर चलते थे। अगर कोई एक-दूसरे की शिकायत भी करता तो वह समझाकर काम पर ध्यान देने की बात कहकर समझाते थे। बताया कि 1982 में मुलायम सिंह यादव उनके घर पर रुके और भोजन करने के बाद लखनऊ लौटे।
जिले में पुरवा से करते थे चुनाव प्रचार की शुरुआत
पूर्व विधायक उदयराज यादव ने बताया कि नेताजी, उनसे बहुत लगाव रखते थे। जिले में विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत वह हमेशा पुरवा में ही पहली जनसभा कर करते थे। उन्हीं की वजह से पुरवा से हम चार बार विधायक बने। बताया कि उनके जैसे सुलझे और कार्यकर्ता व पदाधिकारी के लिए समर्पित नेता बहुत कम होते हैं।
गंगा प्रसाद यादव के यहां अक्सर सुस्ताते थे नेता जी
करीबियों में शुमार किए जाने वाले बाबू गंगा प्रसाद यादव को समाजवादी पार्टी गठन कर जिलाध्यक्ष बनाया था। दिवंगत गंगा प्रसाद यादव के बेटे महेंद्र सिंह ने बताया कि शुरुआती दौर में नेता जी कंटेसा कार से चलते थे और इटावा जाते वक्त अक्सर कुछ देर के लिए रुकते जरूर थे। बताया कि 1987 में नेता जी उनकी बहन वसुंधरा की शादी में भी आए थे। 1995 में पिता जी के बीमार होने की जानकारी पर घर आए थे और हालचाल लिया था।
युवाओं का उत्साह बढ़ाते थे
सपा के पूर्व जिला महासचिव राजेश यादव बताते हैं कि नेताजी युवाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने में बहुत रुचि लेते थे। वर्ष 2001 में उन्हें सपा युवजन सभा का जिलाध्यक्ष बनाया। इसी दौरान वह जिले में एक सभा में शामिल होने आए और वहां से घर आए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं और पार्टी को बढ़ाने की बात कह उत्साह बढ़ाया था। पूर्व जिला उपाध्यक्ष सीके त्रिपाठी भी उनके करीबी थे।
बक्सर गंगा पुल नेताजी की देन
बीघापुर तहसील के बक्सर में उन्नाव को फतेहपुर, रायबरेली, लखनऊ जिले से जोड़ने वाला पुल, मुलायम सिंह यादव की ही देन है। वर्ष 2006 में प्रदेश में सपा की सरकार थी और नेता जी मुख्यमंत्री व शिवपाल सिंह यादव लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे। काफी पिछड़े गंगा कटरी क्षेत्र के लोगों को विकास की धारा से जोड़ने के लिए उन्होंने इस पुल का निर्माण कराया था।
आखिरी बार लोकार्पण पर आए
मुलायम सिंह यादव जिले में आखिरी बार 21 नवंबर 2016 को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने आए थे। उस समय पार्टी दो धड़ों में बंटी थी। पूरे कार्यक्रम में वह पार्टी और परिवार के मुखिया की तरह दिखे और एकजुट रहने की नसीहत भी दी थी। संबोधन में कहा था कि कोई आपकी आलोचना करे तो बुरा मत मानो। आलोचना से हमें हमारी कमियों का पता चलता है। कहा था कि राजनीति में चर्चा, पर्चा और खर्चा का संतुलन जरूरी है। गांठ बांध लो और इसी आधार पर राजनीति करो।

चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ पूर्व विधायक उदयराज यादव। संवाद

चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ पूर्व विधायक उदयराज यादव। संवाद– फोटो : UNNAO

वर्ष 1995 में बीमार (अब दिवंगत) गंगा प्रसाद यादव से उनके घर पर हालचाल लेते मुलायम सिंह यादव।

वर्ष 1995 में बीमार (अब दिवंगत) गंगा प्रसाद यादव से उनके घर पर हालचाल लेते मुलायम सिंह यादव।– फोटो : UNNAO

वर्ष 2001 में मुलायम सिंह यादव के साथ राजेश यादव। संवाद

वर्ष 2001 में मुलायम सिंह यादव के साथ राजेश यादव। संवाद– फोटो : UNNAO

वर्ष 2016 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के लोकापर्ण के दौरान मौजूद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव। संवाद

वर्ष 2016 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के लोकापर्ण के दौरान मौजूद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव। संवाद– फोटो : UNNAO

पूर्व विधायक सुंदरलाल कुरील। संवाद

पूर्व विधायक सुंदरलाल कुरील। संवाद– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के निधन से जिले के सपाइयों के साथ ही अन्य राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों में शोक है। लंबे राजनीतिक सफर में उनका उन्नाव जिले से काफी गहरा नाता रहा।

सपा नेता शैलजा शरण शुक्ल ने बताया कि नेता जी इटावा जाते वक्त उन्नाव में कहीं भी रुक जाते थे। बताया कि बड़ा चौराहा पर अक्सर रुकते थे। वर्ष 2008 से पहले तक यहां माता प्रसाद की जलेबी की दुकान हुआ करती थी। उन्हें उनकी जलेबी और कचौड़ी-चटनी पसंद थी। गाड़ी रोक कर अक्सर खाते थे। सुंदर लाल कुरील बताते हैं कि 1978 में इटावा जाते समय नेताजी को भूख लगी।

वह बड़े चौराहे पर रुके और बताया कि कुछ खाने के लिए है। रात होने पर खान-पान की दुकानें बंद हो चुकी थीं। तब यहां स्थित माहेश्वरी की दुकान से थोड़े काजू और किसमिस खरीदे थे। उनके संपर्क में रहे लोग बताते हैं कि मुलायम सिंह लखनऊ से इटावा जाते वक्त अक्सर उन्नाव में रुक जाते थे। वह अपने राजनीतिक साथियों से जरूर मिलते थे। सभी को उनके नाम से पुकारना, साथ बैठकर चाय-नाश्ता और भोजन करना उनकी आदत थी।

संस्मरण बताते रुंध गया पूर्व विधायक का गला

पूर्व विधायक सुंदर लाल कुरील मुलायम सिंह के काफी करीबी रहे। वह बताते हैं कि उन्नाव में गांधीनगर मोहल्ला निवासी गंगा प्रसाद यादव, पूर्व राज्यमंत्री चौधरी अशोक सिंह बेबी, दिवंगत पूर्व राज्यमंत्री फतेहबहादुर सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता कमलाशंकर अवस्थी, पूर्व मंत्री व पार्टी जिलाध्यक्ष रहे अनवार अहमद सहित तमाम लोग उनके राजनीतिक संघर्ष में साथी रहे। सुंदरलाल ने बताया कि वह जब भी उन्नाव से होकर निकलते गंगा प्रसाद यादव, फतेहबहादुर सिंह के घर कुछ देर रुकते थे। वहीं पर परिचितों को बुलाकर विचार विमर्श करते थे।

शिकवा शिकायत पर ध्यान नहीं देते थे

पूर्व राज्यमंत्री अशोक सिंह बेबी ने बताया कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के कार्यकर्ता को साथ लेकर चलते थे। अगर कोई एक-दूसरे की शिकायत भी करता तो वह समझाकर काम पर ध्यान देने की बात कहकर समझाते थे। बताया कि 1982 में मुलायम सिंह यादव उनके घर पर रुके और भोजन करने के बाद लखनऊ लौटे।

जिले में पुरवा से करते थे चुनाव प्रचार की शुरुआत

पूर्व विधायक उदयराज यादव ने बताया कि नेताजी, उनसे बहुत लगाव रखते थे। जिले में विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत वह हमेशा पुरवा में ही पहली जनसभा कर करते थे। उन्हीं की वजह से पुरवा से हम चार बार विधायक बने। बताया कि उनके जैसे सुलझे और कार्यकर्ता व पदाधिकारी के लिए समर्पित नेता बहुत कम होते हैं।

गंगा प्रसाद यादव के यहां अक्सर सुस्ताते थे नेता जी

करीबियों में शुमार किए जाने वाले बाबू गंगा प्रसाद यादव को समाजवादी पार्टी गठन कर जिलाध्यक्ष बनाया था। दिवंगत गंगा प्रसाद यादव के बेटे महेंद्र सिंह ने बताया कि शुरुआती दौर में नेता जी कंटेसा कार से चलते थे और इटावा जाते वक्त अक्सर कुछ देर के लिए रुकते जरूर थे। बताया कि 1987 में नेता जी उनकी बहन वसुंधरा की शादी में भी आए थे। 1995 में पिता जी के बीमार होने की जानकारी पर घर आए थे और हालचाल लिया था।

युवाओं का उत्साह बढ़ाते थे

सपा के पूर्व जिला महासचिव राजेश यादव बताते हैं कि नेताजी युवाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने में बहुत रुचि लेते थे। वर्ष 2001 में उन्हें सपा युवजन सभा का जिलाध्यक्ष बनाया। इसी दौरान वह जिले में एक सभा में शामिल होने आए और वहां से घर आए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं और पार्टी को बढ़ाने की बात कह उत्साह बढ़ाया था। पूर्व जिला उपाध्यक्ष सीके त्रिपाठी भी उनके करीबी थे।

बक्सर गंगा पुल नेताजी की देन

बीघापुर तहसील के बक्सर में उन्नाव को फतेहपुर, रायबरेली, लखनऊ जिले से जोड़ने वाला पुल, मुलायम सिंह यादव की ही देन है। वर्ष 2006 में प्रदेश में सपा की सरकार थी और नेता जी मुख्यमंत्री व शिवपाल सिंह यादव लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे। काफी पिछड़े गंगा कटरी क्षेत्र के लोगों को विकास की धारा से जोड़ने के लिए उन्होंने इस पुल का निर्माण कराया था।

आखिरी बार लोकार्पण पर आए

मुलायम सिंह यादव जिले में आखिरी बार 21 नवंबर 2016 को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने आए थे। उस समय पार्टी दो धड़ों में बंटी थी। पूरे कार्यक्रम में वह पार्टी और परिवार के मुखिया की तरह दिखे और एकजुट रहने की नसीहत भी दी थी। संबोधन में कहा था कि कोई आपकी आलोचना करे तो बुरा मत मानो। आलोचना से हमें हमारी कमियों का पता चलता है। कहा था कि राजनीति में चर्चा, पर्चा और खर्चा का संतुलन जरूरी है। गांठ बांध लो और इसी आधार पर राजनीति करो।

चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ पूर्व विधायक उदयराज यादव। संवाद

चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ पूर्व विधायक उदयराज यादव। संवाद– फोटो : UNNAO

वर्ष 1995 में बीमार (अब दिवंगत) गंगा प्रसाद यादव से उनके घर पर हालचाल लेते मुलायम सिंह यादव।

वर्ष 1995 में बीमार (अब दिवंगत) गंगा प्रसाद यादव से उनके घर पर हालचाल लेते मुलायम सिंह यादव।– फोटो : UNNAO

वर्ष 2001 में मुलायम सिंह यादव के साथ राजेश यादव। संवाद

वर्ष 2001 में मुलायम सिंह यादव के साथ राजेश यादव। संवाद– फोटो : UNNAO

वर्ष 2016 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के लोकापर्ण के दौरान मौजूद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव। संवाद

वर्ष 2016 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के लोकापर्ण के दौरान मौजूद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव। संवाद– फोटो : UNNAO

पूर्व विधायक सुंदरलाल कुरील। संवाद

पूर्व विधायक सुंदरलाल कुरील। संवाद– फोटो : UNNAO



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