उन्नावः पर्चा काउंटर से ओपीडी तक मरीजों की लंबी लाइन

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उन्नाव। मौसम में उतार चढ़ाव से बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की पर्याप्त सुविधा न होना जिला अस्पताल में मरीज बढ़ने का मुख्य कारण है। सोमवार को स्थिति यह हो जाती है कि पर्चा काउंटर से लेकर ओपीडी व जांच कराने के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। पैथोलॉजी में लाइन में लगे मरीजों में आपस में धक्कामुक्की भी हुई। वहीं उमस से एक युवती बेहोश भी हो गई।
बदलते मौसम में संक्रामक बीमारियों व वायरल फीवर का खतरा अधिक रहता है। इससे जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ रहती है। सोमवार सुबह आठ बजे ओपीडी शुरू होने से पहले ही पर्चा काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग गई। दोपहर दो बजे तक 789 पर्चे बने। सबसे अधिक बुखार, पेट दर्द और आंखों से मरीज रहे। बुखार के मरीजों को खून की जांच लिखी गई। इससे पैथोलॉजी में लंबी लाइन लाइन रही।
यहां 165 मरीजों के पर्च जमा हुए। जिसमें 120 मरीजों की जांच की गई। भीड़ अधिक होने और उमस के चलते एक युवती गश खाकर गिर गई। मौजूद लोगों ने उसके चेहरे पर पानी के छींटे डाले तब उसे होश आया। इसके बाद वह बिना जांच के ही लौट गई। जिला अस्पताल में तीन बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती है। तीनों डॉक्टरों के कक्षों में भी सुबह से ही बीमार बच्चों की भीड़ रही।
डॉ. रमन कुमार ने 60, डॉ. बृज किशोर 125 व डॉ. अमित श्रीवास्तव ने 40 बच्चों को देखा। डॉक्टरों ने परिजनों से एहतियात बरतने की सलाह दी। कहा कि ठंडा पानी न पिलाएं। एसी से दूरी बनाए रखें। बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं। सुबह शाम ताजा खाना खिलाएं। सीएमएस डॉ. सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सोमवार को ही मरीजों की संख्या अधिक रहती है। इसलिए थोड़ी सी दिक्कत आती है। पैथोलॉजी में पर्चे जमा करने की संख्या निर्धारित है। जिनकी जांच नहीं हो पाती उन्हें दूसरे दिन बुलाया जाता है।
लोगों में बढ़ रही आंखों की बीमारी
आंख के चिकित्सक की ओपीडी में 150 से अधिक मरीज पहुंचे। किसी की आंख में दाना था तो किसी को मोतियाबिंद। लेकिन अधिक मरीज ऐसे पहुंचे जिनकी आंख का पानी सूख रहा था। ऐसे मरीजों को पलकें झपकाने में दिक्कत हो रही थी। डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। बिना परामर्श के कोई भी दवा व ड्राप न डाले। धूप में चश्मा लगाकर निकले। आंखों को ताजे पानी से धोते रहें। धूल और धुएं से बचें।

जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में लगी महिला मरीजों की भीड़। संवाद

जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में लगी महिला मरीजों की भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO

जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी मरीजों की भीड़। संवाद

जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी मरीजों की भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों को देखते डॉ.कौशलेंद्र प्रकाश। संवाद

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों को देखते डॉ.कौशलेंद्र प्रकाश। संवाद– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। मौसम में उतार चढ़ाव से बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की पर्याप्त सुविधा न होना जिला अस्पताल में मरीज बढ़ने का मुख्य कारण है। सोमवार को स्थिति यह हो जाती है कि पर्चा काउंटर से लेकर ओपीडी व जांच कराने के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। पैथोलॉजी में लाइन में लगे मरीजों में आपस में धक्कामुक्की भी हुई। वहीं उमस से एक युवती बेहोश भी हो गई।

बदलते मौसम में संक्रामक बीमारियों व वायरल फीवर का खतरा अधिक रहता है। इससे जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ रहती है। सोमवार सुबह आठ बजे ओपीडी शुरू होने से पहले ही पर्चा काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग गई। दोपहर दो बजे तक 789 पर्चे बने। सबसे अधिक बुखार, पेट दर्द और आंखों से मरीज रहे। बुखार के मरीजों को खून की जांच लिखी गई। इससे पैथोलॉजी में लंबी लाइन लाइन रही।

यहां 165 मरीजों के पर्च जमा हुए। जिसमें 120 मरीजों की जांच की गई। भीड़ अधिक होने और उमस के चलते एक युवती गश खाकर गिर गई। मौजूद लोगों ने उसके चेहरे पर पानी के छींटे डाले तब उसे होश आया। इसके बाद वह बिना जांच के ही लौट गई। जिला अस्पताल में तीन बाल रोग विशेषज्ञों की तैनाती है। तीनों डॉक्टरों के कक्षों में भी सुबह से ही बीमार बच्चों की भीड़ रही।

डॉ. रमन कुमार ने 60, डॉ. बृज किशोर 125 व डॉ. अमित श्रीवास्तव ने 40 बच्चों को देखा। डॉक्टरों ने परिजनों से एहतियात बरतने की सलाह दी। कहा कि ठंडा पानी न पिलाएं। एसी से दूरी बनाए रखें। बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं। सुबह शाम ताजा खाना खिलाएं। सीएमएस डॉ. सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सोमवार को ही मरीजों की संख्या अधिक रहती है। इसलिए थोड़ी सी दिक्कत आती है। पैथोलॉजी में पर्चे जमा करने की संख्या निर्धारित है। जिनकी जांच नहीं हो पाती उन्हें दूसरे दिन बुलाया जाता है।

लोगों में बढ़ रही आंखों की बीमारी

आंख के चिकित्सक की ओपीडी में 150 से अधिक मरीज पहुंचे। किसी की आंख में दाना था तो किसी को मोतियाबिंद। लेकिन अधिक मरीज ऐसे पहुंचे जिनकी आंख का पानी सूख रहा था। ऐसे मरीजों को पलकें झपकाने में दिक्कत हो रही थी। डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। बिना परामर्श के कोई भी दवा व ड्राप न डाले। धूप में चश्मा लगाकर निकले। आंखों को ताजे पानी से धोते रहें। धूल और धुएं से बचें।

जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में लगी महिला मरीजों की भीड़। संवाद

जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में लगी महिला मरीजों की भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO

जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी मरीजों की भीड़। संवाद

जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में लगी मरीजों की भीड़। संवाद– फोटो : UNNAO

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों को देखते डॉ.कौशलेंद्र प्रकाश। संवाद

जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों को देखते डॉ.कौशलेंद्र प्रकाश। संवाद– फोटो : UNNAO

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