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सफीपुर (उन्नाव)। नर्सिंगहोम में ऑपरेशन से प्रसव के कुछ देर बाद प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने पांच घंटे तक हंगामा किया। नर्सिंगहोम में तोड़फोड़ भी कर दी। परिजनों का आरोप है कि बिना डॉक्टर के प्रसूता का ऑपरेशन कर दिया गया। संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने और नर्सिंगहोम सील होने के बाद लोग शांत हुए। नवजात बच्ची की हालत ठीक है।
जुझारपुर गांव निवासी मुलायम सिंह की पत्नी दीपा (25) को प्रसव पीड़ा होने पर पति ने रौनक अस्पताल के नाम से संचालित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। गुरुवार सुबह सात बजे खुद को डॉक्टर बताने वाले नर्सिंगहोम के संचालक अजय पाल ने खून की कमी बताकर तुरंत आपरेशन करना जरूरी बताया। ऑपरेशन से दीपा ने बच्ची को जन्म दिया। कुछ देर बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। परिजनों के पूछने पर अजय पाल व अन्य ने प्रसूता के बेहोश होने की बात बताई। इसके बाद जब सभी कर्मी एक-एक कर नर्सिंगहोम से खिसक गए। दीपा की सास शांति व जेठानी नौ बजे ऑपरेशन थियेटर में पहुंची तो देखा कि गीता की मौत हो चुकी है। जानकारी होने पर 100 ग्रामीण व रिश्तेदार नर्सिंगहोम पहुंचे और जमकर हंगामा किया। तोड़फोड़ भी की।
सफीपुर कोतवाली प्रभारी अवनीश कुमार ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नर्सिंगहोम संचालक की गिरफ्तारी और अस्पताल सील करने की मांग पर अड़े रहे। एसडीएम शिवेंद्र कुमार, सीओ अंजनी कुमार राय और सफीपुर सीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश कुमार वर्मा मौके पहुंचे। एसीएमओ डॉ. ललित कुमार दोपहर बाद नर्सिंगहोम पहुंचे और जांच की। उन्होंने संभावना जताई कि नसिंगहोम के पैनल में शामिल डॉ. श्रुति गुप्ता (एमबीबीएस) की गैर मौजूदगी में अकुशल स्टॉफ द्वारा किया गया। पति की तहरीर पर नर्सिंगहोम और उसके स्टॉफ के खिलाफ (नाम व पता अज्ञात) के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर अस्पताल सील कर दिया गया।
सफीपुर (उन्नाव)। नर्सिंगहोम में ऑपरेशन से प्रसव के कुछ देर बाद प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने पांच घंटे तक हंगामा किया। नर्सिंगहोम में तोड़फोड़ भी कर दी। परिजनों का आरोप है कि बिना डॉक्टर के प्रसूता का ऑपरेशन कर दिया गया। संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने और नर्सिंगहोम सील होने के बाद लोग शांत हुए। नवजात बच्ची की हालत ठीक है।
जुझारपुर गांव निवासी मुलायम सिंह की पत्नी दीपा (25) को प्रसव पीड़ा होने पर पति ने रौनक अस्पताल के नाम से संचालित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। गुरुवार सुबह सात बजे खुद को डॉक्टर बताने वाले नर्सिंगहोम के संचालक अजय पाल ने खून की कमी बताकर तुरंत आपरेशन करना जरूरी बताया। ऑपरेशन से दीपा ने बच्ची को जन्म दिया। कुछ देर बाद प्रसूता की हालत बिगड़ गई। परिजनों के पूछने पर अजय पाल व अन्य ने प्रसूता के बेहोश होने की बात बताई। इसके बाद जब सभी कर्मी एक-एक कर नर्सिंगहोम से खिसक गए। दीपा की सास शांति व जेठानी नौ बजे ऑपरेशन थियेटर में पहुंची तो देखा कि गीता की मौत हो चुकी है। जानकारी होने पर 100 ग्रामीण व रिश्तेदार नर्सिंगहोम पहुंचे और जमकर हंगामा किया। तोड़फोड़ भी की।
सफीपुर कोतवाली प्रभारी अवनीश कुमार ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नर्सिंगहोम संचालक की गिरफ्तारी और अस्पताल सील करने की मांग पर अड़े रहे। एसडीएम शिवेंद्र कुमार, सीओ अंजनी कुमार राय और सफीपुर सीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश कुमार वर्मा मौके पहुंचे। एसीएमओ डॉ. ललित कुमार दोपहर बाद नर्सिंगहोम पहुंचे और जांच की। उन्होंने संभावना जताई कि नसिंगहोम के पैनल में शामिल डॉ. श्रुति गुप्ता (एमबीबीएस) की गैर मौजूदगी में अकुशल स्टॉफ द्वारा किया गया। पति की तहरीर पर नर्सिंगहोम और उसके स्टॉफ के खिलाफ (नाम व पता अज्ञात) के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर अस्पताल सील कर दिया गया।
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