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उन्नाव। जिले के किसानों को अब खाद की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। सोमवार को इफ्को यूरिया की एक रैक आ गई है। केंद्रों पर यूरिया के पहुंचाने का काम भी शुरू हो चुका है। जिला कृषि अधिकारी ने सोनिक स्टेशन पर पहुंचकर यूरिया का स्टॉक चेक किया।
वर्तमान समय में धान की फसल के लिए यूरिया (खाद) की खासी जरूरत है। इसके बाद भी केंद्रों पर खाद न होने से किसान मायूस होकर लौट रहे थे। किसान सुबह से शाम तक खाद के आने के इंतजार में केंद्रों पर ही मौजूद रहते थे। जब शाम को न आने की सूचना मिलती थी तो खाली हाथ घर लौटने को मजबूर हो रहे थे। समय से खाद न मिलने पर फसल भी प्रभावित हो रही थी। इससे किसान काफी परेशान थे।
अमर उजाला ने 10 सितंबर को यूरिया की किल्लत को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बताया था कि खाद न मिलने से किसान परेशान हैं और निजी दुकानों से महंगी यूरिया खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। इसे जिला कृषि अधिकारी ने संज्ञान लिया और इफ्को के स्थानीय अफसरों ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर यूरिया की एक रैक भेजने का अनुरोध किया। जिसके फलस्वरूप सोमवार को इफ्को की ओर से यूरिया की नई रैक लगभग 2655 मीट्रिक टन का आवंटन कर दिया गया।
अधिकारियों का कहना है कि यूरिया की नई रैक मिलने से खाद के लिए चल रही मारामारी समाप्त होगी। किसानों को केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यूरिया की नई रैक सोनिक रेलवे स्टेशन पर उतारी गई। यहां से ट्रकों के माध्यम से खाद केंद्रों पर इसे पहुंचाने की कवायद शुरू हो चुकी है। एक, दो दिन में केंद्रों पर बोरियां पहुंच जाएंगी जिसके बाद किसानों को देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि यूरिया की नई रैक पहुंच चुकी है। केंद्रों को आवंटन किया जाने लगा है।
10 सितंबर को अमर उजाला में प्रकाशित खबर का पीडीएफ। संवाद– फोटो : UNNAO
उन्नाव। जिले के किसानों को अब खाद की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। सोमवार को इफ्को यूरिया की एक रैक आ गई है। केंद्रों पर यूरिया के पहुंचाने का काम भी शुरू हो चुका है। जिला कृषि अधिकारी ने सोनिक स्टेशन पर पहुंचकर यूरिया का स्टॉक चेक किया।
वर्तमान समय में धान की फसल के लिए यूरिया (खाद) की खासी जरूरत है। इसके बाद भी केंद्रों पर खाद न होने से किसान मायूस होकर लौट रहे थे। किसान सुबह से शाम तक खाद के आने के इंतजार में केंद्रों पर ही मौजूद रहते थे। जब शाम को न आने की सूचना मिलती थी तो खाली हाथ घर लौटने को मजबूर हो रहे थे। समय से खाद न मिलने पर फसल भी प्रभावित हो रही थी। इससे किसान काफी परेशान थे।
अमर उजाला ने 10 सितंबर को यूरिया की किल्लत को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बताया था कि खाद न मिलने से किसान परेशान हैं और निजी दुकानों से महंगी यूरिया खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। इसे जिला कृषि अधिकारी ने संज्ञान लिया और इफ्को के स्थानीय अफसरों ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर यूरिया की एक रैक भेजने का अनुरोध किया। जिसके फलस्वरूप सोमवार को इफ्को की ओर से यूरिया की नई रैक लगभग 2655 मीट्रिक टन का आवंटन कर दिया गया।
अधिकारियों का कहना है कि यूरिया की नई रैक मिलने से खाद के लिए चल रही मारामारी समाप्त होगी। किसानों को केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यूरिया की नई रैक सोनिक रेलवे स्टेशन पर उतारी गई। यहां से ट्रकों के माध्यम से खाद केंद्रों पर इसे पहुंचाने की कवायद शुरू हो चुकी है। एक, दो दिन में केंद्रों पर बोरियां पहुंच जाएंगी जिसके बाद किसानों को देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि यूरिया की नई रैक पहुंच चुकी है। केंद्रों को आवंटन किया जाने लगा है।
10 सितंबर को अमर उजाला में प्रकाशित खबर का पीडीएफ। संवाद– फोटो : UNNAO
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