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उन्नाव। जिले के 22 निजी अस्पतालों के नवीनीकरण को निरस्त कर दिया गया है। इनमें से किसी में भी आग से बचाव के इंतजाम नहीं मिले हैं। अग्निशमन विभाग की एनओसी न होने पर सीएमओ ने कार्रवाई की है। उन्होंने संचालकों को नर्सिंगहोम बंद करने की नोटिस दी है।
सीएमओ ने बताया कि अगर संचालन होते पाया गया तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। निजी अस्पतालों के नवीनीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के साथ अस्पतालों का संचालन करना अब कठिन हो गया। अस्पतालों की हर साल होने वाली नवीनीकरण की प्रक्रिया के क्रम में इस साल 108 अस्पताल संचालकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था।
आवेदन के बाद हुई जांच में 22 अस्पताल ऐसे मिले हैं। जिनके संचालकों ने फायर की एनओसी लगाना तो दूर अस्पताल में आग से बचाव के उपकरण तक नहीं लगाए हैं। आवेदन के बाद शासन स्तर से कराई गई जांच में इसका खुलासा हुआ है। सीएमओ ने इनके आवेदन निरस्त कर दिए हैं।
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि अवेदन प्रक्रिया में भी फायर एनओसी न लगने से इन अस्पतालों की जांच की गई थी। फायर एनओसी तो दूर आग से बचाव के उपकरण तक अस्पताल में नहीं लगाए गए हैं। इससे आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
इन अस्पतालों का निरस्त हुआ आवेदन
महक हॉस्पिटल, शुभनयन हॉस्पिटल, नारायण हॉस्पिटल, श्रीपूजा हॉस्पिटल, सुषमा हॉस्पिटल पीडीनगर, नंदनी हॉस्पिटल, मिनी चैरिटेबल, वीएन हॉस्पिटल, सहारा हॉस्पिटल, सर्जिकल हॉस्पिटल, सीपी मेमोरियल, अभिषेक हॉस्पिटल, न्यू शिव, पीएल वर्मा हास्पिटल, पल्स हॉस्पिटल, श्री साईं हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल, कृष्णा मेडिकल सेंटर, अपना हॉस्पिटल, चरक मेडिकल सेंटर और आस्था हॉस्पिटल शामिल हैं।
उन्नाव। जिले के 22 निजी अस्पतालों के नवीनीकरण को निरस्त कर दिया गया है। इनमें से किसी में भी आग से बचाव के इंतजाम नहीं मिले हैं। अग्निशमन विभाग की एनओसी न होने पर सीएमओ ने कार्रवाई की है। उन्होंने संचालकों को नर्सिंगहोम बंद करने की नोटिस दी है।
सीएमओ ने बताया कि अगर संचालन होते पाया गया तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। निजी अस्पतालों के नवीनीकरण की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के साथ अस्पतालों का संचालन करना अब कठिन हो गया। अस्पतालों की हर साल होने वाली नवीनीकरण की प्रक्रिया के क्रम में इस साल 108 अस्पताल संचालकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था।
आवेदन के बाद हुई जांच में 22 अस्पताल ऐसे मिले हैं। जिनके संचालकों ने फायर की एनओसी लगाना तो दूर अस्पताल में आग से बचाव के उपकरण तक नहीं लगाए हैं। आवेदन के बाद शासन स्तर से कराई गई जांच में इसका खुलासा हुआ है। सीएमओ ने इनके आवेदन निरस्त कर दिए हैं।
सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि अवेदन प्रक्रिया में भी फायर एनओसी न लगने से इन अस्पतालों की जांच की गई थी। फायर एनओसी तो दूर आग से बचाव के उपकरण तक अस्पताल में नहीं लगाए गए हैं। इससे आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।
इन अस्पतालों का निरस्त हुआ आवेदन
महक हॉस्पिटल, शुभनयन हॉस्पिटल, नारायण हॉस्पिटल, श्रीपूजा हॉस्पिटल, सुषमा हॉस्पिटल पीडीनगर, नंदनी हॉस्पिटल, मिनी चैरिटेबल, वीएन हॉस्पिटल, सहारा हॉस्पिटल, सर्जिकल हॉस्पिटल, सीपी मेमोरियल, अभिषेक हॉस्पिटल, न्यू शिव, पीएल वर्मा हास्पिटल, पल्स हॉस्पिटल, श्री साईं हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल, कृष्णा मेडिकल सेंटर, अपना हॉस्पिटल, चरक मेडिकल सेंटर और आस्था हॉस्पिटल शामिल हैं।
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