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लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह करने वाले युवक आनंद मिश्रा की अंत्येष्टि कराने के लिए अफसरों के पसीने छूट गए। परिजनों को मनाने के लिए उनको 21 घंटे तक मानमनौव्वल करनी पड़ी, तब जाकर वे अंंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
परिजन आनंद का शव लखनऊ से लेकर सोमवार शाम 3:40 बजे गांव रनागढ़ी आए। वे आनंद द्वारा मौत से पहले विधायक पर लगाए गए आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़ गए थे।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सोमवार शाम से मंगलवार सुबह तक परिजनों को समझाते रहे लेकिन वे तैयार नहीं हुए। सोमवार रात डीएम अपूर्वा दुबे और एसपी सिद्धार्थशंकर मीना भी मृतक के घर गए थे और परिजनों से बात की लेकिन परजिन नहीं माने।
मृतक के भाई ने रखी ये मांगे
देर रात कानपुर में रहने वाले मृतक के बड़े भाई राजू और छोटे भाई गोलू को पुलिस ने समझाया। फिर परिवार के सदस्यों में आपस में बातचीत हुई। मंगलवार सुबह मृतक के बड़े भाई राजू ने एडीएम से अंत्योदय राशन कार्ड बनवाने, सभी चार भाइयों को दो-दो बीघा जमीन का पट्टा देने की मांग की।
आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
इसके अलावा सबसे छोटे भाई गोलू उर्फ लवकुश का दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने और नौ दिसंबर 2021 को छोटे भाई गोलू के साथ हुई मारपीट की घटना में पड़ोस में रहने रामप्रसाद और उसके बेटे महेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही परिवार को सहायता राशि की मांग की।
मांगों को लेकर एडीएम ने जताई सहमति
एडीएम नरेंद्र सिंह ने इस पर सहमति जताई। तत्काल ग्राम प्रधान राजू चौरसिया और लेखपाल विकास अवस्थी को दो-दो बीघा जमीन पट्टे का प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया और थाना पुलिस को 2021 की घटना की एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद परिजन शांत हुए।
प्रशासनिक अधिकारियों ने ली राहत की सांस
मंगलवार दोपहर 12:30 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दोपहर डेढ़ बजे परियर गंगाघाट पर अंतिम संस्कार किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। सफीपुर सीओ ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि मारपीट की घटना में पड़ोसी रामप्रसाद और उसके बेटे महेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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