उन्नाव : एक सप्ताह से पेयजल की संकट झेल रहे पांच हजार लोग

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अचलगंज। सदर तहसील क्षेत्र के बदरका गांव के पांच हजार लोग एक सप्ताह से पेयजल संकट झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि टंकी की मोटर खराब होने से जलापूर्ति नहीं हो रही है। मरम्मत के नाम पर जलनिगम और ग्राम पंचायत एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
बदरका में स्थापित पंप में लगी मोटर खराब है। इसके कारण बदरका, करौंदी, ताजपुर नौबस्ता, जगजीवनपुर व रावल गांवों में पानी नहीं पहुंच रहा है। एक सप्ताह से लोग हैंडपंपों से पानी भरकर ला रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपंप के पानी में फ्लोराइड की अधिकता है। जून में भी भूमिगत गैस पाइप लाइन डालने के दौरान पेयजल लाइन फट गई थी। तब 10 दिन जलापूर्ति ठप रही थी। मई में पंप का वाल्व खराब होने से भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ा था। ग्राम प्रधान संजय यादव ने बताया कि अभी तक टंकी व ट्यूबवेल अधिकृत रूप से ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं हैं। लोगों की समस्या को देखते हुए वह बार-बार मरम्मत कराते हैं। वहीं जल निगम के जिम्मेदार सभी योजनाओं के हस्तांतरित होने की बात कह रहे हैं। ग्रामीण दो पाटों के बीच फंसे हैं। समस्या का समाधान कब होगा, पता नहीं।
बनी रहती समस्या, हैंडपंप से लाते पानी
खुशी मिश्रा ने बताया कि घर से दूर लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है। ये पानी शुद्ध भी नहीं होता। समस्या अक्सर बनी रहती है।
ब्रजेश कुमार ने बताया कि लगभग हर महीने कोई न कोई खराबी बनी रहती है। इससे जलापूर्ति ठप रहती है। जलनिगम के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते।
जलनिगम के अवर अभियंता रामचंद्र ने बताया कि पेयजल इकाई के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। सभी ग्रामीण पेयजल योजनाएं पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गईं हैं।

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अचलगंज। सदर तहसील क्षेत्र के बदरका गांव के पांच हजार लोग एक सप्ताह से पेयजल संकट झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि टंकी की मोटर खराब होने से जलापूर्ति नहीं हो रही है। मरम्मत के नाम पर जलनिगम और ग्राम पंचायत एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।

बदरका में स्थापित पंप में लगी मोटर खराब है। इसके कारण बदरका, करौंदी, ताजपुर नौबस्ता, जगजीवनपुर व रावल गांवों में पानी नहीं पहुंच रहा है। एक सप्ताह से लोग हैंडपंपों से पानी भरकर ला रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपंप के पानी में फ्लोराइड की अधिकता है। जून में भी भूमिगत गैस पाइप लाइन डालने के दौरान पेयजल लाइन फट गई थी। तब 10 दिन जलापूर्ति ठप रही थी। मई में पंप का वाल्व खराब होने से भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ा था। ग्राम प्रधान संजय यादव ने बताया कि अभी तक टंकी व ट्यूबवेल अधिकृत रूप से ग्राम पंचायत को हस्तांतरित नहीं हैं। लोगों की समस्या को देखते हुए वह बार-बार मरम्मत कराते हैं। वहीं जल निगम के जिम्मेदार सभी योजनाओं के हस्तांतरित होने की बात कह रहे हैं। ग्रामीण दो पाटों के बीच फंसे हैं। समस्या का समाधान कब होगा, पता नहीं।

बनी रहती समस्या, हैंडपंप से लाते पानी

खुशी मिश्रा ने बताया कि घर से दूर लगे हैंडपंप से पानी भरकर लाना पड़ता है। ये पानी शुद्ध भी नहीं होता। समस्या अक्सर बनी रहती है।

ब्रजेश कुमार ने बताया कि लगभग हर महीने कोई न कोई खराबी बनी रहती है। इससे जलापूर्ति ठप रहती है। जलनिगम के अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते।

जलनिगम के अवर अभियंता रामचंद्र ने बताया कि पेयजल इकाई के रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। सभी ग्रामीण पेयजल योजनाएं पंचायतों को हस्तांतरित कर दी गईं हैं।

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