उन्नाव : कागजों पर शौचालय बनाकर 16.75 लाख का गबन

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उन्नाव। पुरवा ब्लॉक के बनिगांव में कागजों पर शौचालय बनाकर 16.75 लाख रुपये का गबन करने का मामला सामने आया है। डीपीआरओ ने पूर्व प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट दर्ज कराने की चेतावनी भी दी है।
बनिगांव निवासी जितेंद्र सिंह, प्रमोद सिंह व रामनरेश के शिकायतीपत्र पर तीन सदस्यीय टीम ने गांव जाकर जांच की थी।
टीम में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अवर अभियंता जय प्रकाश, सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) आशीष कुमार व ब्लॉक कोआर्डिनेटर (स्वच्छ भारत मिशन) अभय कुमार शामिल थे। पता चला कि 463 शौचालयों का निर्माण दिखाकर राशि निकाल ली गई जबकि 137 शौचालय सिर्फ कागजों में ही हैं। 10 लाभार्थियों ने खुद शौचालय का निर्माण कराया। पांच शौचालयों में सीट नहीं लगी थी।
शौचालय के नाम पर लाखों का गबन हुआ है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व प्रधान व सचिव को नोटिस जारी किया है। सात दिन में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। – डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।
यहां भी हो चुके हैं घोटाले
– हसनगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत पमेधिया में पंचायत भवन को कागजों पर पूरा दिखाकर 16.61 लाख रुपये निकाल लिए गए। मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि पंचायत भवन अभी बना ही नहीं है। डीपीआरओ ने प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
– बिछिया विकासखंड की ग्राम पंचायत तारगांव में प्रधान व सचिव ने मिलकर 13.92 लाख रुपये का घोटाला किया। मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
– नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत जंसार में श्रमिकों की मजदूरी का 6.17 लाख रुपये का भुगतान अपने व रिश्तेदार के खाते में कराने वाले प्रधान सहित तीन पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है।

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उन्नाव। पुरवा ब्लॉक के बनिगांव में कागजों पर शौचालय बनाकर 16.75 लाख रुपये का गबन करने का मामला सामने आया है। डीपीआरओ ने पूर्व प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट दर्ज कराने की चेतावनी भी दी है।

बनिगांव निवासी जितेंद्र सिंह, प्रमोद सिंह व रामनरेश के शिकायतीपत्र पर तीन सदस्यीय टीम ने गांव जाकर जांच की थी।

टीम में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अवर अभियंता जय प्रकाश, सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) आशीष कुमार व ब्लॉक कोआर्डिनेटर (स्वच्छ भारत मिशन) अभय कुमार शामिल थे। पता चला कि 463 शौचालयों का निर्माण दिखाकर राशि निकाल ली गई जबकि 137 शौचालय सिर्फ कागजों में ही हैं। 10 लाभार्थियों ने खुद शौचालय का निर्माण कराया। पांच शौचालयों में सीट नहीं लगी थी।

शौचालय के नाम पर लाखों का गबन हुआ है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पूर्व प्रधान व सचिव को नोटिस जारी किया है। सात दिन में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। – डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।

यहां भी हो चुके हैं घोटाले

– हसनगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत पमेधिया में पंचायत भवन को कागजों पर पूरा दिखाकर 16.61 लाख रुपये निकाल लिए गए। मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि पंचायत भवन अभी बना ही नहीं है। डीपीआरओ ने प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

– बिछिया विकासखंड की ग्राम पंचायत तारगांव में प्रधान व सचिव ने मिलकर 13.92 लाख रुपये का घोटाला किया। मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

– नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत जंसार में श्रमिकों की मजदूरी का 6.17 लाख रुपये का भुगतान अपने व रिश्तेदार के खाते में कराने वाले प्रधान सहित तीन पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है।

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