[ad_1]
ख़बर सुनें
हसनगंज। तहसील क्षेत्र का मलझा धौरा संपर्क मार्ग 19 साल से बदहाल पड़ा है। इसके कारण मार्ग से जुड़ने वाले दर्जनों गांवों के करीब 30 हजार लोग हिचकोले खाते सफर करने पर मजबूर हैं। ग्रामीण मार्ग की मरम्मत की मांग कर पिछले विधानसभा चुनाव का सामूहिक रूप से बहिष्कार कर चुके हैं। इसके बाद प्रशासन ने निर्माण का आश्वासन दिया था, वो भी झूठा साबित हुआ।
कोईया मदारपुर के मजरा मलझा और आसपास के गांवों के लोग आवागमन के लिए मलझा धौरा संपर्क मार्ग का प्रयोग करते हैं। नौ किमी लंबा मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। ये मार्ग 20 साल पहले बना था और एक साल में ही खराब हो गया। समस्या हल न होने पर ग्रामीणों ने 23 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदर्शन किया था। मौके पर डीएम रवींद्र कुमार, एसडीएम व अन्य अधिकारी पहुंचे थे और आचार संहिता समाप्त होने के बाद सड़क को बनवाने का वादा किया था। इसके बाद ग्रामीण मतदान के लिए तैयार हुए थे लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं।
इन गांवों को जोड़ता है मार्ग
मलझा धौरा संपर्क मार्ग हसनगंज को लखनऊ, महिलाबाद, औरास के अलावा 20 किमी दायरे में गांव गिरवरखेड़ा, मलझा, रामपुर, उलरापुर, अताउल्लाहनगर, बख्शीखेड़ा, पिलखना, धौरा, पिछवाड़ा, शंकरपुर, मटरिया, ताला सराय, कमालपुर आदि गांवों को भी जोड़ता है।
सांसद भी भूले वादा
गांव के सुंदर ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय सांसद साक्षी महाराज ने सड़क बनवाने की बात कही थी। समय निकलता गया लेकिन किसी ने मार्ग का निर्माण कराने का प्रयास नहीं किया। सांसद भी वादा भूल गए।
कोइया मदारपुर के पूर्व प्रधान अमर सिंह लोधी ने बताया कि विधान सभा चुनाव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। डीएम के आश्वासन के बाद मतदान शुरू हुआ था। पांच माह बीत गए लेकिन सड़क नहीं बनी। प्रशासन के झूठे आश्वासन से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
– विधायक ब्रजेश रावत ने बताया कि मार्ग का निर्माण स्वीकृत हो चुका है। पीडब्ल्यूडी ने 3.90 करोड़ का स्टीमेट बनाकर भेजा था। बताया कि बारिश के बाद सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
– एसडीएम अंकित शुक्ला ने बताया कि अभी कुछ ही दिन पहले चार्ज लिया है। मामला जानकारी में नहीं है। संबंधित विभाग से जानकारी की जाएगी। जल्द से जल्द सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
हसनगंज। तहसील क्षेत्र का मलझा धौरा संपर्क मार्ग 19 साल से बदहाल पड़ा है। इसके कारण मार्ग से जुड़ने वाले दर्जनों गांवों के करीब 30 हजार लोग हिचकोले खाते सफर करने पर मजबूर हैं। ग्रामीण मार्ग की मरम्मत की मांग कर पिछले विधानसभा चुनाव का सामूहिक रूप से बहिष्कार कर चुके हैं। इसके बाद प्रशासन ने निर्माण का आश्वासन दिया था, वो भी झूठा साबित हुआ।
कोईया मदारपुर के मजरा मलझा और आसपास के गांवों के लोग आवागमन के लिए मलझा धौरा संपर्क मार्ग का प्रयोग करते हैं। नौ किमी लंबा मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। ये मार्ग 20 साल पहले बना था और एक साल में ही खराब हो गया। समस्या हल न होने पर ग्रामीणों ने 23 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदर्शन किया था। मौके पर डीएम रवींद्र कुमार, एसडीएम व अन्य अधिकारी पहुंचे थे और आचार संहिता समाप्त होने के बाद सड़क को बनवाने का वादा किया था। इसके बाद ग्रामीण मतदान के लिए तैयार हुए थे लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं।
इन गांवों को जोड़ता है मार्ग
मलझा धौरा संपर्क मार्ग हसनगंज को लखनऊ, महिलाबाद, औरास के अलावा 20 किमी दायरे में गांव गिरवरखेड़ा, मलझा, रामपुर, उलरापुर, अताउल्लाहनगर, बख्शीखेड़ा, पिलखना, धौरा, पिछवाड़ा, शंकरपुर, मटरिया, ताला सराय, कमालपुर आदि गांवों को भी जोड़ता है।
सांसद भी भूले वादा
गांव के सुंदर ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय सांसद साक्षी महाराज ने सड़क बनवाने की बात कही थी। समय निकलता गया लेकिन किसी ने मार्ग का निर्माण कराने का प्रयास नहीं किया। सांसद भी वादा भूल गए।
कोइया मदारपुर के पूर्व प्रधान अमर सिंह लोधी ने बताया कि विधान सभा चुनाव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। डीएम के आश्वासन के बाद मतदान शुरू हुआ था। पांच माह बीत गए लेकिन सड़क नहीं बनी। प्रशासन के झूठे आश्वासन से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
– विधायक ब्रजेश रावत ने बताया कि मार्ग का निर्माण स्वीकृत हो चुका है। पीडब्ल्यूडी ने 3.90 करोड़ का स्टीमेट बनाकर भेजा था। बताया कि बारिश के बाद सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
– एसडीएम अंकित शुक्ला ने बताया कि अभी कुछ ही दिन पहले चार्ज लिया है। मामला जानकारी में नहीं है। संबंधित विभाग से जानकारी की जाएगी। जल्द से जल्द सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
[ad_2]
Source link