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उन्नाव। दो दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को खुली नगर पालिका में लोग बिजली, पानी और जर्जर सड़क आदि समस्याओं के समाधान की आस में पहुंचे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। हाल ये रहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों की खुमारी नहीं उतरी और ईओ सहित आधे से अधिक स्टाफ नदारद रहा। इसके कारण संभव योजना के तहत होने वाली जन सुनवाई भी नहीं हुई।
ईओ कार्यालय के बाहर एक कर्मी सिर्फ शिकायतें नोट करता रहा। जेई का कमरा खाला दिखा। टैक्स बाबू भी पालिका में नहीं दिखे। कार्यालय अधीक्षक के कमरे में ताला लगा था। कई लोग व्यवस्था को कोसकर निराश लौट गए और बोले यहां तो सुनवाई ही असंभव लगती है।
लोगों ने बताई समस्या
ईओ के आफिस में संभव योजना के तहत जन सुनवाई होनी थी लेकिन कक्ष में कोई नहीं था। बाहर एक कर्मी शिकायतों को नोट करने में जुटा रहा। इस दौरान आदर्श नगर निवासी रजोले मिश्र ने बताया कि रानी अवंती बाई मार्ग में लगी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रहीं हैं। कई बार शिकायत की जा चुकी है। दो माह पहले जब शिकायत की थी तो एक सप्ताह तक स्ट्रीट लाइट जली। इसके बाद फिर खराब हो गई।
बुधवारी निवासी कृष्णा ने बताया कि बकरीद पर पड़ोसी ने कुर्बानी के बाद अवशेष नाली में डाल दिए। बदबू के कारण सांस लेना दूभर है। सुपरवाइजर के बात न सुनने पर नगर पालिका में संभव योजना के तहत जनसुनवाई में आए थे लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं मिला। इस पर कंट्रोल रूम में जानकारी दी है। दोपहर को समस्या सुनी गई।
ये रहा कार्यालय में हाल
डिस्पैच लिपिक के कमरे में सन्नाटा मिला। मैडम कहां हैं, इस पर कोई जानकारी नहीं मिल सकी। एक कर्मी कमरे में आराम करते दिखा।
जेई विश्वजीत के कमरे में एक कर्मी आराम कर रहा था। उसने बताया कि जेई साहब अभी नहीं आए हैं। कहां गए हैं, उसे जानकारी नहीं है।
कर विभाग में दो लिपिकों की कुर्सी खाली थी। यहां बैठी महिला ने बताया कि बाबू नहीं आए हैं। उनसे जानकारी लेनी थी, इसलिए इंतजार कर रहे हैं।
कार्यालय अधीक्षक रामसमुझ के कमरे में ताला लगा मिला। बड़े बाबू कहां गए इस पर कोई कुछ नहीं बता सका।
वर्जन
लखनऊ में नगर विकास मंत्रालय की बैठक में जाना था, इस कारण सुबह नौ बजे लखनऊ आ गए थे और देर शाम को वापसी हो पाई। मेरे कार्यालय में न होने पर नगर पालिका में देर से आने वाले और गैरहाजिर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। – ओम प्रकाश
ईओ, नगर पालिका उन्नाव
उन्नाव। दो दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को खुली नगर पालिका में लोग बिजली, पानी और जर्जर सड़क आदि समस्याओं के समाधान की आस में पहुंचे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। हाल ये रहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों की खुमारी नहीं उतरी और ईओ सहित आधे से अधिक स्टाफ नदारद रहा। इसके कारण संभव योजना के तहत होने वाली जन सुनवाई भी नहीं हुई।
ईओ कार्यालय के बाहर एक कर्मी सिर्फ शिकायतें नोट करता रहा। जेई का कमरा खाला दिखा। टैक्स बाबू भी पालिका में नहीं दिखे। कार्यालय अधीक्षक के कमरे में ताला लगा था। कई लोग व्यवस्था को कोसकर निराश लौट गए और बोले यहां तो सुनवाई ही असंभव लगती है।
लोगों ने बताई समस्या
ईओ के आफिस में संभव योजना के तहत जन सुनवाई होनी थी लेकिन कक्ष में कोई नहीं था। बाहर एक कर्मी शिकायतों को नोट करने में जुटा रहा। इस दौरान आदर्श नगर निवासी रजोले मिश्र ने बताया कि रानी अवंती बाई मार्ग में लगी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रहीं हैं। कई बार शिकायत की जा चुकी है। दो माह पहले जब शिकायत की थी तो एक सप्ताह तक स्ट्रीट लाइट जली। इसके बाद फिर खराब हो गई।
बुधवारी निवासी कृष्णा ने बताया कि बकरीद पर पड़ोसी ने कुर्बानी के बाद अवशेष नाली में डाल दिए। बदबू के कारण सांस लेना दूभर है। सुपरवाइजर के बात न सुनने पर नगर पालिका में संभव योजना के तहत जनसुनवाई में आए थे लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं मिला। इस पर कंट्रोल रूम में जानकारी दी है। दोपहर को समस्या सुनी गई।
ये रहा कार्यालय में हाल
डिस्पैच लिपिक के कमरे में सन्नाटा मिला। मैडम कहां हैं, इस पर कोई जानकारी नहीं मिल सकी। एक कर्मी कमरे में आराम करते दिखा।
जेई विश्वजीत के कमरे में एक कर्मी आराम कर रहा था। उसने बताया कि जेई साहब अभी नहीं आए हैं। कहां गए हैं, उसे जानकारी नहीं है।
कर विभाग में दो लिपिकों की कुर्सी खाली थी। यहां बैठी महिला ने बताया कि बाबू नहीं आए हैं। उनसे जानकारी लेनी थी, इसलिए इंतजार कर रहे हैं।
कार्यालय अधीक्षक रामसमुझ के कमरे में ताला लगा मिला। बड़े बाबू कहां गए इस पर कोई कुछ नहीं बता सका।
वर्जन
लखनऊ में नगर विकास मंत्रालय की बैठक में जाना था, इस कारण सुबह नौ बजे लखनऊ आ गए थे और देर शाम को वापसी हो पाई। मेरे कार्यालय में न होने पर नगर पालिका में देर से आने वाले और गैरहाजिर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। – ओम प्रकाश
ईओ, नगर पालिका उन्नाव
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