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सफीपुर। कोतवाली क्षेत्र में रसूलाबाद मार्ग पर नहर किनारे डेढ़ माह की बच्ची कीचड़ में पड़ी मिली। कुत्तों का झुंड उसे घेरे था। बच्ची का रोना सुनकर ग्रामीणों ने उसे बचाया और मियागंज सीएचसी में भर्ती कराया। उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।
सफीपुर-रसूलाबाद मार्ग पर सलींद गांव के पास बच्ची के लावारिस मिलने की सूचना पर गांव की कुछ महिलाएं पहुंच गईं। रामदर्शनी ने बच्ची को सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टर अवनीश कुमार ने बताया कि बच्ची काफी कमजोर और भूखी थी।
उसे ग्लूकोज चढ़ाकर इंजेक्शन लगाने के बाद रेफर कर दिया गया। सूचना पर बाल संरक्षण अधिकारी संजय मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और बच्ची का हालचाल लिया। बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि बच्ची को किसी ने फेंका है या कोई और वजह है, इसका पता नहीं चल पा रहा है। रामदर्शनी और उसकी बहन रामनंदनी ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। (संवाद)
सफीपुर। कोतवाली क्षेत्र में रसूलाबाद मार्ग पर नहर किनारे डेढ़ माह की बच्ची कीचड़ में पड़ी मिली। कुत्तों का झुंड उसे घेरे था। बच्ची का रोना सुनकर ग्रामीणों ने उसे बचाया और मियागंज सीएचसी में भर्ती कराया। उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।
सफीपुर-रसूलाबाद मार्ग पर सलींद गांव के पास बच्ची के लावारिस मिलने की सूचना पर गांव की कुछ महिलाएं पहुंच गईं। रामदर्शनी ने बच्ची को सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टर अवनीश कुमार ने बताया कि बच्ची काफी कमजोर और भूखी थी।
उसे ग्लूकोज चढ़ाकर इंजेक्शन लगाने के बाद रेफर कर दिया गया। सूचना पर बाल संरक्षण अधिकारी संजय मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे और बच्ची का हालचाल लिया। बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि बच्ची को किसी ने फेंका है या कोई और वजह है, इसका पता नहीं चल पा रहा है। रामदर्शनी और उसकी बहन रामनंदनी ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। (संवाद)
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