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अचलगंज (उन्नाव)। चर्म उद्योग संस्थान की संगोष्ठी में इस उद्योग के विस्तार और निर्यात को बढ़ावा देने के साथ नई तकनीकी संस्थाओं को खोलने पर चर्चा हुई। पर्यावरण सुरक्षा व चमड़े की रिसाइकलिंग पर जोर दिया गया।
बंथर स्थित केएलसी कांप्लेक्स में हुई संगोष्ठी में सुपर हाउस ग्रुप के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुखतारुल अमीन ने बताया कि रसायन विज्ञान, चर्म विज्ञान, जीव विज्ञान और पर्यावरण पर 170 से अधिक अनुसंधान हो चुके हैं।
जिसमें हर साल दस से पंद्रह का पेटेंट हो रहा है। संगोष्ठी में चर्म निर्यात परिषद के उपाध्यक्ष राजू जालान ने कहा कि चर्म उद्योग के लाभ के लिए इसके विस्तार की आवश्यकता है। एक छत के नीचे बैठकर विचार साझा करने का ये अच्छा मंच है। उन्होंने कहा कि चमड़ा क्षेत्र में पर्यावरण सुरक्षा और लागत कम करने पर भी विचार होना चाहिए।
साथ ही क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संसाधनों का उपयोग करना जरूरी है। संगोष्ठी को चर्म अनुसंधान परिषद के उपाध्यक्ष हबीब हुसैन ,चर्म निर्यात परिषद के अध्यक्ष संजय लीखा, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जावेद इकबाल, अकील अहमद ने भी संबोधित किया।
अचलगंज (उन्नाव)। चर्म उद्योग संस्थान की संगोष्ठी में इस उद्योग के विस्तार और निर्यात को बढ़ावा देने के साथ नई तकनीकी संस्थाओं को खोलने पर चर्चा हुई। पर्यावरण सुरक्षा व चमड़े की रिसाइकलिंग पर जोर दिया गया।
बंथर स्थित केएलसी कांप्लेक्स में हुई संगोष्ठी में सुपर हाउस ग्रुप के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुखतारुल अमीन ने बताया कि रसायन विज्ञान, चर्म विज्ञान, जीव विज्ञान और पर्यावरण पर 170 से अधिक अनुसंधान हो चुके हैं।
जिसमें हर साल दस से पंद्रह का पेटेंट हो रहा है। संगोष्ठी में चर्म निर्यात परिषद के उपाध्यक्ष राजू जालान ने कहा कि चर्म उद्योग के लाभ के लिए इसके विस्तार की आवश्यकता है। एक छत के नीचे बैठकर विचार साझा करने का ये अच्छा मंच है। उन्होंने कहा कि चमड़ा क्षेत्र में पर्यावरण सुरक्षा और लागत कम करने पर भी विचार होना चाहिए।
साथ ही क्षेत्रीय लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संसाधनों का उपयोग करना जरूरी है। संगोष्ठी को चर्म अनुसंधान परिषद के उपाध्यक्ष हबीब हुसैन ,चर्म निर्यात परिषद के अध्यक्ष संजय लीखा, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जावेद इकबाल, अकील अहमद ने भी संबोधित किया।
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